हिन्दी व्याकरण किसे कहते हैं? (Hindi Grammar) किसे कहते है
आज के इस लेख में मैं आपके लिए हिन्दी व्याकरण के बारे में संपूर्ण जानकारी लेकर आया हूं। इसमें मैंने हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) और व्याकरण को अच्छी तरह से बताया है। इसमें व्याकरण किसे कहते हैं? और हिंदी व्याकरण किसे कहते हैं । को भी अच्छी तरीके से बताया गया है। hindi vyakaran kise kahte hainहिंदी व्याकरण |
हिन्दी व्याकरण किसे कहते हैं
हिन्दी व्याकरण हिंदी के सभी स्वरूपों का चार खंडों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है :-
जैसे कि (1) वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि और वर्ण
(2) शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों
(3)वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों
(4)छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है।
व्याकरण किसे कहते हैं
वह विद्या जिसके द्वारा किसी भाषा को शुद्ध बोला, पढ़ा और शुद्ध लिखा जाता है उस व्याकरण कहते हैं।"
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सन्धि दो शब्द सम् + धि से मिलकर संधि शब्द बना है। जिसका का अर्थ है 'मेल' या जोड़। अर्थात् दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न .....Read More
जिन शब्दों का इस्तेमाल संज्ञा शब्द के स्थान पर प्रयुक्त होता है। उन शब्दों को ......Read More
वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताएं विशेषण होते हैं.....Read More
जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे- रोया, खा रहा ......Read More
जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है। उन्हें क्रियाविशेषण कहते ..…Read More
समास का शाब्दिक मतलब है संक्षिप्तीकरण। दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया एवं सार्थक शब्द की रचना की जाती हैं। यह नया शब्द ....…Read More
छंद शब्द " चद " धातु से बना हैं जिसका अर्थ होता हैं :- खुश करना। हिंदी साहित्य के अनुसार अक्षर , अक्षरों की संख्या , मात्रा , गणना , यति , गति से संबंधित किसी विषय पर रचना को छंद .....Read More
किसी भाषा अथवा अनेक भाषा को लिखने और बोलने के लिए प्रयोग किए गए मानक प्रतीकों को ही वर्णमाला .....Read More
जिन शब्दों को संस्कृत भाषा में से बिना किसी परिवर्तन के ले लिया जाता है, उन्हें तत्सम..... Read More
तत्सम शब्दों में समय और परिस्थितियों के कारण कुछ परिवर्तन करके बनाए गए शब्द को ही, तद्भव ......Read More
शब्दों के शुद्ध रूप प्रभावशाली एवं शुद्ध भाषा के लिए शुद्ध वर्तनी का लिखना अत्यन्त आवश्यक होता है। अशुद्ध वर्तनी के कारण भाषा का स्वरूप तो विकृत होता ही है, कभी - कभी अर्थ का अनर्थ भी हो ......Read More
अलंकार जो शरीर का सौंदर्य बढ़ाने के लिए धारण किए जाते हैं। संस्कृत में "काव्यशोभा करान धर्मानअलंकारान प्रचक्षते ।" अर्थात् वह कारक जो काव्य की शोभा बढ़ाते हैं उन्हें ही अलंकार......Read More
व्याकरण में वचन (नम्बर) एक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया इत्यादि की व्याकरण सम्बन्धी श्रेणी होती है जो इनकी संख्या की सूचना प्रदान कराती हैं, वचन कहलाती हैं। (एक, दो, इत्यादि).....Read More
किसी भी भाषा के वे शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं होता है अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो।' ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने....Read More
जिस चिह्न से यह बोध होता हो कि अमुक शब्द पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का है। उस चिन्ह या शब्द की ही लिंग कहते हैं। या शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु आदि के पुरुष जाति या स्त्री जाति के होने का ज्ञान हो उसे लिंग....Read More
कारक उसे कहते हैं, जो वाक्य में आये संज्ञा आदि शब्दों का क्रिया के साथ संबंध बताती .....Read More
रस वह है जो काव्य में आनन्द आता है वह ही काव्य का रस है। काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस लौकिक न होकर अलौकिक होता है। रस काव्य की आत्मा.... Read More
क्रिया के जिस काल रूप से उसके होने का बोध होता है। उसे काल कहते हैं । काल के भेद प्रकार तीन होते हैं- भूत काल वर्तमान काल भविष्य काल... Read More
समान अर्थ देने वाले शब्दों को हम पर्यायवाची शब्द कहते हैं. पर्यायवाची शब्दों में दो प्रकार की शब्दावली देखने को मिलती है.....Read More
ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता लाते हैं। उन्हें उपसर्ग......Read More
ऐसे शब्द जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, प्रत्यय...Read More
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लाया हूं जो कि आप को बहुत ही पसंद आने वाले हैं। इसमें मैंने अनेक शब्दों के लिए एक शब्द की एक बहुत विस्तृत रूप से सूची बनाई....Read more
जिसमें शब्द का अर्थ बोध कराने की शक्ति होतो हो उसे शब्द कहते हैं। तथा शब्दों के अर्थ को जिन रीतियों से ग्रहण किया जाता है। उन्हें शब्द शक्ति....Read More
कोई भी ऐसा वाक्यांश जिसका शब्दार्थ ग्रहण न करके कोई विलक्षण अर्थ ग्रहण किया जाता है, मुहावरा कहलाता....Read More
लोकोक्तियों को कहावतों के नाम से भी पकारते हैं। भाषा को प्रभावी बनाने के लिए मुहावरों की तरह लोकोक्तियों का भी प्रयोग होता है। "लोकोक्ति" अथवा "कहावत" पारिभाषिक रूप से मुहावरेदार वाक्य होता है....Read More
जब किसी शब्द का विलोम वह शब्द होता है। जिसका अर्थ उस शब्द के अर्थ का एकदम उल्टा होता है विलोम कहलाता....Read More
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