अव्यय किसे कहते हैं।
अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो।'
ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं।"
हिन्दी भाषा के अव्यय
avyay kise kahate hain
संज्ञा किसे कहते हैं।
संस्कृत भाषा के मुख्य अव्यय
अद्य (आज), ह्यः (बीता हुआ कल), श्वः (आने वाला कल), परश्वः (परसों), अत्र (यहां), तत्र (वहां), कुत्र (कहां), सर्वत्र (सब जगह), यथा (जैसे), तथा (तैसे), कथम् (कैसे), सदा (हमेशा), कदा (कब), यदा (जब), तदा (तब), अधुना (अब), कदापि (कभी भी), पुनः (फिर), च (और), न (नहीं), वा (या), अथवा (या), अपि (भी), तु (लेकिन तो), शीघ्रम् (जल्दी), शनैः (धीरे), धिक् (धिक्कार), विना (बिना), सह (साथ), कुतः (कहाँ से), नमः (नमस्कार), स्वस्ति (कल्याण हो)अव्यय के सभी भेद
अव्यय पांच प्रकार के होते हैं-avyay kise kahate hain
1)क्रिया विशेषण
2)संबंधबोधक
3)समुच्चय बोधक
4)विस्मयादिबोधक
5)निपातव
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