प्रत्यय किसे कहते हैं। प्रत्यय की परिभाषा। प्रत्यय शब्द हिन्दी में
प्रत्यय
"ऐसे शब्द जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।"प्रत्यय शब्द दो शब्दों (प्रति + अय) से मिलकर बना है। प्रति का अर्थ होता है -साथ में, पर बाद में" और अय का अर्थ है -"चलने वाला"। इसलिए प्रत्यय का अर्थ हुआ साथ में पर बाद में चलने वाला।
जिन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है वे किसी शब्द के पीछे लगकर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय होते हैं।
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प्रत्यय के बारे में अन्य जानकारी
2)इस का अपना अर्थ नहीं होता और न ही इनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
3)कभी कभी इसे लगाने से अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है। pratyay kise kahate hain
4)प्रत्यय लगने पर शब्द में संधि नहीं होती बल्कि अंतिम वर्ण में मिलने वाले प्रत्यय में स्वर की मात्रा लग जाएगी। लेकिन व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है।
प्रत्यय के लिए कुछ उदाहरण
- समाज + इक = सामाजिक
- सुगंध + इत = सुगंधित
- नाटक + कार =नाटककार
- बड़ा + आई = बडाई
- टिक + आऊ = टिकाऊ
- बिक + आऊ = बिकाऊ
- होन + हार = होनहार
- भूलना + अक्कड = भुलक्कड
- मीठा + आस = मिठास
- लोहा + आर = लुहार
- बल + वान = बलवान
- चालाक + ई = चालाकी
- ज्ञान + ई - ज्ञानी
- पण्डित + आई = पण्डिताई
- कार्य + ओं = कार्यों
- नदी + याँ = नदियाँ
- प्रति + याँ = प्रतियाँ
- भाषा + ओं = भाषाओं
- शब्द + ओं = शब्दों
- वाक्य + ओं = वाक्यों
- उदार + ता = उदारता
- सफल + ता = सफलता
- लेन + दार = लेनदार
- घट + इया = घटिया
- धन + वान = धनवान
- विद्या + वान = विद्वान
- गाडी + वाला = गाड़ीवाला
- सुत + अक्कड = सुतक्कड़
- दया + लु = दयालु
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