अपकेन्द्रीय बल और अभिकेंद्रीय बल
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अपकेन्द्रीय बल (Centrifugal Force)
जिस बल के कारण किसी गतिशील वस्तु में, केंद्र से दूर भागने की प्रवृत्ति होती है, उस बल को अपकेन्द्रीय बल (Centrifugal Force) कहते हैं। और
यह वह आभासी बल होता है जो कि अभिकेन्द्रीय बल के समान एवं विपरीत दिशा में कार्य करता है ।
वास्तव में यह एक कल्पित बल है, वास्तविक नहीं।
क्रीम सेपरेटर तथा सेंट्रीफ्युगल ड्रायर अपकेन्द्रीय बल के सिद्धांत पर कार्य करते हैं ।
न्यूटन यांत्रिकी में अपकेन्द्री बल एक जड़त्वीय बल है जो वृत्तीय गति करती हुई वस्तुओं पर गति के पथ के केन्द्र से दूर त्रिज्या की दिशा में लगता हुआ प्रतीत होता है ।
गुरुतवाकर्षण बल
अभिकेंद्रीय बल (Concentric Force)
जब कोई वस्तु किसी वृत्ताकार मार्ग पर चलती है, तो उस पर कोई बल एक वृत्त के केंद्र पर कार्य करता है, इस बल को अभिकेंद्रीय बल कहते हैं।
त्वरण, वेग और चाल
इस बल के अभाव में वस्तु वृत्ताकार मार्ग पर नहीं चल सकती है। यदि कोई m द्रव्यमान का पिंड v से r त्रिज्या के वृत्तीय मार्ग पर चल रहा है तो उस पर कार्यकारी वृत्त के केंद्र की ओर आवश्यक अभिकेंद्रीय बल f=mv2/r होता है।।
किसी पिण्ड के तात्क्षणिक वेग के लम्बवत दिशा में गतिपथ के केन्द्र की ओर लगने वाला बल अभिकेन्द्रीय बल (Centripetal force) कहलाता है।
अभिकेन्द्र बल के कारण पिण्ड वक्र - पथ पर गति करती है ( रैखिक पथ पर नहीं)। उदाहरण के लिये वृत्तीय गति का कारण अभिकेन्द्रीय बल ही है।
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