आज इस पोस्ट में अक्षांश और देशांतर रेखा क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहा हूं।
अक्षांश रेखा और देशांतर रेखाओं से जुड़ी हुई जानकारी मैंने इस पोस्ट में अच्छे से बताई है कृपया पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। अक्षांश और देशांतर रेखा क्या है What is latitude and longitude line in hindi
अक्षांश रेखाएं भूमध्य रेखा के समांतर खींचे गए वृक्षों को कहते हैं उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्ध में यह 90 तक पाई जाती है इस प्रकार इन रेखाओं की कुल संख्या 181 अक्षांश रेखाएं होती है भूमध्य रेखा डिग्री अक्षांश पर माना जाता है
भूमध्य रेखा से 23.5 उत्तर और 23.5 दक्षिणी डिग्री अक्षांश अर्थात क्रमशः कर्क रेखा और मकर रेखा वाले क्षेत्र को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहते हैं।
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अक्षांश और देशांतर रेखा विस्तार से
भूमध्य रेखा किसे कहते हैं
रेडक्लिफ, मैकमोहन, डूरंड रेखाओं की जानकारी
कर्क रेखा क्या है कहां कहां से गुजरती है
भूगोल में किसी स्थान की स्थिति को बताने के लिए उस स्थान का अक्षांश तथा रेखांश बताया जाता है। किसी स्थान का अक्षांश, धरती पर उस स्थान की उत्तर-दक्षिण स्थिति को बताता है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों का अक्षांश 90 डिग्री उत्तर तथा 90 डिग्री दक्षिण होता है।
किसी स्थान के अक्षांश का मान = 90 - (उस स्थान को धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा तथा उसके रेखांश की रेखा विषुवत वृत्त को जहा मिलती है उस बिंदू से धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा के बीच बना कोण)
इस प्रकार, विषुवत वृत्त के सभी बिन्दुओं का अक्षांश शून्य होता है। अर्थात भूमध्य रेखा, शून्य डिग्री अक्षांश से होकर जाने वाली रेखा है। विषुवत वृत्त की उत्तरी एवं दक्षिणी दिशा में 1 डिग्री के अंतराल से खींचे जाने पर नंबर 90 अक्षांश वृत्त होते हैं।
अर्थात् किसी भी स्थान का अक्षांश 90 डिग्री से अधिक नहीं हो सकता। विषुवत वृत्त के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है।
अक्षांश रेखाएँ काल्पनिक रेखाएँ है, इनकी संख्या अनन्त है। एक डिग्री के अंतराल पर कल्पित किये जाने पर अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या = 90 + 90 + 1= 181 और यदि दोनों ध्रुवों को रेखा न माना जाय क्योंकि ये बिंदु हैं, तो 179 बतायी जाती है। 1° के अन्तराल पर खींचे जाने पर किन्हीं दो क्रमागत अक्षांश रेखाओं के बीच की लम्बाई 111.32 किलोमीटर होती है ।
दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी को क्या कहते हैं
1 डिग्री कि अक्षय दूरी 111. 32 किलोमीटर होती है
हमारा भारत का मानक समय 82.5 पूर्वी देशांतर पर नैनी के निकट मौजूद है।
1 डिग्री देशांतर बराबर 4 मिनट
जीरो डिग्री देशांतर ग्रीनविच से भारत का समय 5:30 घंटे आगे है।
अक्षांश, भूमध्यरेखा से किसी भी स्थान की उत्तरी अथवा दक्षिणी ध्रुव की ओर की कोणीय दूरी का नाम है। भूमध्यरेखा को 0°' की अक्षांश रेखा माना गया है। भूमध्यरेखा से उत्तरी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ उत्तरी अक्षांश और दक्षिणी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ दक्षिणी अक्षांश में मापी जाती है। ध्रुवों की ओर बढ़ने पर भूमध्यरेखा से अक्षांश का मान बढ़ता है और ध्रुवों का अक्षांश मान 90° है। सभी अक्षांश रेखाएँ परस्पर समानान्तर और पूर्ण वृत्त होती हैं। ध्रुवों की ओर जाने से वृत्त छोटे होने लगते हैं।
पृथ्वी के किसी स्थान से सूर्य की ऊँचाई उस स्थान के अक्षांश पर निर्भर करती है। न्यून अक्षांशों पर दोपहर के समय सूर्य ठीक सिर के ऊपर रहता है। पृथ्वी के तल पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों की गरमी विभिन्न अक्षांशों पर अलग अलग होती हैं। पृथ्वी के तल पर के किसी भी देश अथवा नगर की स्थिति का निर्धारण उस स्थान के अक्षांश और देशांतर के द्वारा ही किया जाता है।
किसी स्थान के अक्षांश को मापने के लिए अब तक खगोलकीय अथवा त्रिभुजीकरण नाम की दो विधियाँ प्रयोग में लाई जाती रही हैं।
भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है। दूसरे शब्दों में पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य या विषुवत रेखा कहते हैं। इस पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं। अन्य ग्रहों की विषुवत रेखा को भी सामान रूप से परिभाषित किया गया है। इस रेखा के उत्तरी ओर 23.5° में कर्क रेखा है व दक्षिणी ओर 23.5° में मकर रेखा है।
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पर्यटन क्षेत्रों में भूमध्य रेखा को सड़क के किनारों पर चिह्नित किया जाता है
परिभाषा के अनुसार भूमध्य रेखा का अक्षांश शून्य (0) होता है। पृथ्वी की भूमध्य रेखा की लम्बाई लगभग 40075 कि.मी. है। पृथ्वी के घूर्णन की धुरी और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा की कक्षा से प्राप्त सतह के बीच के संबंध स्थापित करें, तो पृथ्वी की सतह पर अक्षांश के पांच घेरे मिलते हैं। उनमें से एक यह रेखा है, जो पृथ्वी की सतह पर खींचा गया महानतम घेरा (चक्र) है। सूर्य अपनी सामयिक चाल में आकाश से, वर्ष में दो बार, 21 मार्च और 23 सितंबर को भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है। इन दिनों भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं।
भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर, सैद्धांतिक रूप से, 12 घंटों के दिन और रात होते हैं, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है। जब इसके उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं, तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं। वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम उलटे होते हैं। किंतु भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है।
पृथ्वी भूमध्य रेखा पर थोड़ी से उभरी हुई है। इस रेखा पर पृथ्वी का व्यास 12759.2 कि.मी. है, जो ध्रुवों के बीच के व्यास (12713.5की.मी.) से 42.72 कि॰मी॰ अधिक है। भूमध्य रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे हैं (जैसे गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना), क्योंकि वह पृथ्वी के घूर्णन के कारण पहले से ही पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान से अधिक गतिमान (कोणीय गति) हैं और यह बढ़ी हुई गति, अन्तरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए आवश्यक ईंधन की मात्रा को कम कर देती है। इस प्रभाव का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष यान को पूर्व दिशा में प्रक्षेपित किया जाना चाहिए।
इस पोस्ट में मैंने अक्षांश और देशांतर रेखाओं की विस्तारपूर्वक बताने की कोशिश की है यदि आपको यह अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करें जिससे हमें आपका मार्गदर्शन प्राप्त हो सके और हम और भी अच्छे-अच्छे पोस्ट अपने ब्लॉग पर लिखते रहें
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अक्षांश रेखा और देशांतर रेखाओं से जुड़ी हुई जानकारी मैंने इस पोस्ट में अच्छे से बताई है कृपया पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। अक्षांश और देशांतर रेखा क्या है What is latitude and longitude line in hindi
अक्षांश और देशांतर रेखा क्या है
अक्षांश रेखा की परिभाषाअक्षांश रेखाएं भूमध्य रेखा के समांतर खींचे गए वृक्षों को कहते हैं उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्ध में यह 90 तक पाई जाती है इस प्रकार इन रेखाओं की कुल संख्या 181 अक्षांश रेखाएं होती है भूमध्य रेखा डिग्री अक्षांश पर माना जाता है
अक्षांश और देशांतर |
भूमध्य रेखा से 23.5 उत्तर और 23.5 दक्षिणी डिग्री अक्षांश अर्थात क्रमशः कर्क रेखा और मकर रेखा वाले क्षेत्र को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहते हैं।
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भूगोल में किसी स्थान की स्थिति को बताने के लिए उस स्थान का अक्षांश तथा रेखांश बताया जाता है। किसी स्थान का अक्षांश, धरती पर उस स्थान की उत्तर-दक्षिण स्थिति को बताता है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों का अक्षांश 90 डिग्री उत्तर तथा 90 डिग्री दक्षिण होता है।
किसी स्थान के अक्षांश का मान = 90 - (उस स्थान को धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा तथा उसके रेखांश की रेखा विषुवत वृत्त को जहा मिलती है उस बिंदू से धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा के बीच बना कोण)
इस प्रकार, विषुवत वृत्त के सभी बिन्दुओं का अक्षांश शून्य होता है। अर्थात भूमध्य रेखा, शून्य डिग्री अक्षांश से होकर जाने वाली रेखा है। विषुवत वृत्त की उत्तरी एवं दक्षिणी दिशा में 1 डिग्री के अंतराल से खींचे जाने पर नंबर 90 अक्षांश वृत्त होते हैं।
अर्थात् किसी भी स्थान का अक्षांश 90 डिग्री से अधिक नहीं हो सकता। विषुवत वृत्त के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है।
अक्षांश रेखाएँ काल्पनिक रेखाएँ है, इनकी संख्या अनन्त है। एक डिग्री के अंतराल पर कल्पित किये जाने पर अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या = 90 + 90 + 1= 181 और यदि दोनों ध्रुवों को रेखा न माना जाय क्योंकि ये बिंदु हैं, तो 179 बतायी जाती है। 1° के अन्तराल पर खींचे जाने पर किन्हीं दो क्रमागत अक्षांश रेखाओं के बीच की लम्बाई 111.32 किलोमीटर होती है ।
देशांतर रेखाएं क्या है
देशांतर किसी स्थान की स्थिति को प्रधान याम्योत्तर के पूर्व एवं पश्चिम में स्थित होती है इसको देशांतर रेखा कहा जाता है देशांतर रेखाओं की संख्या कितनी है इनकी की संख्या 360 होती है देशांतर किसी स्थान विशेष का ज्ञान प्राप्त करने के लिए होती है।दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी को क्या कहते हैं
1 डिग्री कि अक्षय दूरी 111. 32 किलोमीटर होती है
हमारा भारत का मानक समय 82.5 पूर्वी देशांतर पर नैनी के निकट मौजूद है।
1 डिग्री देशांतर बराबर 4 मिनट
जीरो डिग्री देशांतर ग्रीनविच से भारत का समय 5:30 घंटे आगे है।
अक्षांश, भूमध्यरेखा से किसी भी स्थान की उत्तरी अथवा दक्षिणी ध्रुव की ओर की कोणीय दूरी का नाम है। भूमध्यरेखा को 0°' की अक्षांश रेखा माना गया है। भूमध्यरेखा से उत्तरी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ उत्तरी अक्षांश और दक्षिणी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ दक्षिणी अक्षांश में मापी जाती है। ध्रुवों की ओर बढ़ने पर भूमध्यरेखा से अक्षांश का मान बढ़ता है और ध्रुवों का अक्षांश मान 90° है। सभी अक्षांश रेखाएँ परस्पर समानान्तर और पूर्ण वृत्त होती हैं। ध्रुवों की ओर जाने से वृत्त छोटे होने लगते हैं।
आप अक्षांश और देशांतर रेखाएं क्या है इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं।
अक्षांश और देशांतर |
पृथ्वी के किसी स्थान से सूर्य की ऊँचाई उस स्थान के अक्षांश पर निर्भर करती है। न्यून अक्षांशों पर दोपहर के समय सूर्य ठीक सिर के ऊपर रहता है। पृथ्वी के तल पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों की गरमी विभिन्न अक्षांशों पर अलग अलग होती हैं। पृथ्वी के तल पर के किसी भी देश अथवा नगर की स्थिति का निर्धारण उस स्थान के अक्षांश और देशांतर के द्वारा ही किया जाता है।
किसी स्थान के अक्षांश को मापने के लिए अब तक खगोलकीय अथवा त्रिभुजीकरण नाम की दो विधियाँ प्रयोग में लाई जाती रही हैं।
भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है। दूसरे शब्दों में पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य या विषुवत रेखा कहते हैं। इस पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं। अन्य ग्रहों की विषुवत रेखा को भी सामान रूप से परिभाषित किया गया है। इस रेखा के उत्तरी ओर 23.5° में कर्क रेखा है व दक्षिणी ओर 23.5° में मकर रेखा है।
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भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर, सैद्धांतिक रूप से, 12 घंटों के दिन और रात होते हैं, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है। जब इसके उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं, तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं। वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम उलटे होते हैं। किंतु भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है।
पृथ्वी भूमध्य रेखा पर थोड़ी से उभरी हुई है। इस रेखा पर पृथ्वी का व्यास 12759.2 कि.मी. है, जो ध्रुवों के बीच के व्यास (12713.5की.मी.) से 42.72 कि॰मी॰ अधिक है। भूमध्य रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे हैं (जैसे गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना), क्योंकि वह पृथ्वी के घूर्णन के कारण पहले से ही पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान से अधिक गतिमान (कोणीय गति) हैं और यह बढ़ी हुई गति, अन्तरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए आवश्यक ईंधन की मात्रा को कम कर देती है। इस प्रभाव का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष यान को पूर्व दिशा में प्रक्षेपित किया जाना चाहिए।
इस पोस्ट में मैंने अक्षांश और देशांतर रेखाओं की विस्तारपूर्वक बताने की कोशिश की है यदि आपको यह अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करें जिससे हमें आपका मार्गदर्शन प्राप्त हो सके और हम और भी अच्छे-अच्छे पोस्ट अपने ब्लॉग पर लिखते रहें
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