धातु किसे कहते हैं धातु के रासायनिक और भौतिक गुण | dhatu kise kehte hain dhatu ke rasayanik aur bhautik gun
इस पोस्ट में मैंने धातु किसे कहते हैं उसके रासायनिक गुण और भौतिक गुणों के बारे में पूरी जानकारी दी हुई है कृपया पोस्ट को अंत तक पढ़े।आइए जानते हैं धातु की परिभाषा
रसायन विज्ञान की भाषा में धातु को इस प्रकार के तत्व कहते है जो सरलता के साथ धनायन बनाते हैं या धनायन का निर्माण करते है और अन्य धातुओं के परमाणुओं के साथ किया करके धात्विक बंध बनाते हैं, धातु कहलाते है। What is a metal? Chemical and Physical Properties of Metals in hindiधातु किसे कहते हैं |
इलेक्ट्रानिक मॉडल के अनुसार , धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं।
धातुओं की परिभाषा उनके बाह्य गुणों जैसे सामान्यतः धातु का चमकीली होना , प्रत्यास्थ का गुण , आघातवर्धनीय का गुण और सुगढ के गुण के अनुसार परिभाषित किया जा सकता है। धातु विद्युत और ऊष्मा के अच्छे चालक होते हैं। जबकि अधातु में सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं।
आवर्त सारणी के अनुसार 118 तत्वो मे से 91 तत्व धातु है जबकि 27 तत्व अधातु है ।
आवर्त सारणी मे धातु बायी तरफ और आवर्त सारणी मे अधातु दायी तरफ दी हुई है ।
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अभी तक सभी रासायनिक तत्वों को सर्वप्रथम धातुओं और अधातुओं में विभाजित किया गया है , यद्यपि दोनों समूहों को बिल्कुल पृथक् नहीं किया जा सकता था। धातु की परिभाषा करना कठिन कार्य है। फिर भी एक साधारण भाषा में हम कह सकते हैं कि यदि किसी तत्व में निम्न संपूर्ण या कुछ गुण भी हो तो उसे धातु कहेंगे
जैसे:-
(1) चमकने का गुण,
(2) सामान्य तापमान पर ठोस होना
(3) परांधता का गुण,
(4) प्रकाश के परावर्तन का गुण स्वच्छ सतह के द्वारा,
(5) द्रव पदार्थ की अवस्था से ठंण्डा करने पर क्रिस्टल रूप में ठोस पदार्थ का बन जाना
(6) विद्युत् धारा और ऊष्मा की उत्तम चालकता का गुण,
जिस भी तत्व में इन प्रकार के गुण पाए जाते हुए धातु का सकते हैं ।
मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थों में धातुएँ भी हैं
अधातू के लिए हम यह कह सकते हैं कि यदि कोई तत्व विशुद्ध अवस्था में चमकदार और विद्युत् का चालक नहीं है, तो वह अधातु है। प्रकृति में असंयुक्त अवस्था में काम ही धातु मिलती है।
स्वर्ण, रजत, प्लैटिनम और कभी-कभी ताम्र धातुएँ यदाकदा मिल जाती हैं। अधिकांश धातुओं के अयस्क मिलते हैं जो अधातुओं जैसे ऑक्सीजन, कार्बन, गंधक आदि के साथ धातुओं के यौगिक होते हैं। ये यौगिक भी शुद्ध अवस्था में न होकर अन्य खनिज में मिश्रित रहते हैं। इन अयस्कों से विविध रीतियों द्वारा धातुएँ निकाली जाती हैं। धातुओं की संख्या 91 है।
धातुओं के धातुकर्म
अयस्कों से धातु के निष्कर्षण और उपयोग में लाने के पूर्व उनके शुद्धीकरण की प्रक्रिया को धातुकर्म कहते हैं। सबसे भारी धातु ऑस्मियम हैंधातुओं के रासायनिक गुण |
धातु के रासायनिक गुण कौन-कौन से होते हैं
1. धातु समन्यतः रसायनिक रूप से क्रियाशील होते हैं।2.हवा में आक्सीजन से संयोग कर धात्विक आक्साईड बनाते हैं।
3.सबसे ज्यादा क्रियाशील अल्कली धातु (सोडियम, लीथियम, पोटेशियम - वर्ग 1 के धातु) होते है जबकि उसके बाद अल्कली मृदा धातुओं (बैरेलियम, मैग्नेशियम, कैल्शियम - वर्ग 2 के धातु) का स्थान आता है।
उदाहरण -
2Ca + O2 → 2CaO (कैल्शियम ऑक्साईड)
4Na + O2 → 2Na2O (सोडियम ऑक्साईड)
4Al + 3O2 → 2Al2O3 (अल्यूमीनियम ऑक्साईड)
4.धातु की ऊपरी सतह पर धात्विक आक्साईड अपनी एक परत बना लेते हैं, जैसे - लोहे में जंग लगना।
5.संक्रमण धातुओं का ऑक्सीकरण अपेक्षाकृत धीरे से होता है।
6.धात्विक ऑक्साईड क्षारीय होते हैं। जबकि अधात्विक ऑक्साईड प्रधानतया अम्लीय।
7.हैलोजनों से अभिक्रिया करते धातु धात्विक हैलाईड लवण बनाते हैं।
उदाहरण -
Ca + Cl2 → CaCl2 (कैल्शियम क्लोराईड)
2Li + F2 → 2LiF (लीथियम फ्लोराईड)
2Na + Cl2 → 2NaCl (सोडियम क्लोराईड - साधारण नमक)
8.अधिक क्रियाशील धातु जल के साथ अभिक्रिया करके क्षार बनाते हैं और हाइड्रोजन गैस मुक्त करते हैं।
उदाहरण:-
2Na + 2H2O → 2NaOH + H2
9.कम क्रियाशील धातु साधारण ताप पर जल से अभिक्रिया नहीं करते बल्कि वे ताप की अवस्था में भाप से अभिक्रिया करके धात्विक ऑक्साईड बनाते हैं।
जैसे
Mg + H2O → MgO + H2Zn + H2O → ZnO + H2
10.अम्लों से अभिक्रिया करके धातु लवण निर्माण करते हैं और हाईड्रोजन गैस मुक्त करते हैं -
जैसे
Mg + H2SO4 → MgSO4 + H
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धातु के भौतिक गुण |
धातु के भौतिक गुण कौन-कौन से होते हैं
1.धातु आघातवर्धनीय होते हैं -जिसके कारण हथौड़े से पीटकर किसी धातु को लम्बा किया जा सकता है।जैसे किसी अल्यूमिनियम या तांबे के तार को पर प्रहार (आघात) करन से उसका प्रसार (वर्धन) होता है।
2.धातु तन्य भी होते हैं जिसके कारण उसे खींचकर एक लम्बा तार बनाया जा सकता है।जबकि अधातुओं में यह गुण नहीं पाया जाता है।
3.धातुओं का घनत्व उच्च होता है
4.इनमें एक विशेष प्रकार की चमक होती है जिसे 'धात्विक चमक' कहते हैं।
5.अधिकतर धातुएँ भूरे श्वेत से लेकर चमकदार श्वेत रंग की होती हैं।अपवाद स्वर्ण और ताम्र हैं।
6.पारा को छोड़कर सभी धातु साधारण ताप पर ठोस अवस्था में पाई जाती है।
7. उच्च ताप पर धातुएँ वाष्प में परिवर्तित हो जाएँगी। सभी अलग अलग ताप पर बाशप बनती है ।
8.विद्युत की चालक होती है धातुओं में सबसे श्रेष्ठ विद्युच्चालक रजत है। साधारण धातुओं की चालकता निम्नलिखित सारणी के अनुसार होगी-
धातु चालकता का क्रम -रजत-ताम्र-स्वर्ण-ऐल्यूमिनियम
9. धातुएँ उत्तम ऊष्मा चालक भी होती हैं।
10.धातुओं का ताप बढ़ने पर उनका आकार बढ़ जाता है। इस गुण को तापीय प्रसार (Thermal expansion) कहते हैं।
जैसे
थर्मामीटर में पारा के इसी गुण का लाभ उठाया जाता है।
कुछ मिश्रधातुएँ ऐसी भी हैं जिनका ताप के साथ तापीय प्रसार अति सूक्ष्म है।
11.धातुओं में चुंबकीय गुण अनुपस्थित होता है अपवाद लोहा, निकेल और कोबाल्ट है
12.धातु में अपना आकार रखने की बड़ी क्षमता होती है। इस ओर यह बाहरी दबाव का बहुत प्रतिरोध करता है।
मैंगनीज सबसे कठोर धातु है और लीथियम सबसे कोमल तनाव क्षमता में टंग्स्टेन सबसे श्रेष्ठ और सीसा बहुत न्यून है।
13.अनेक धातुओं में घातुवर्ध्यता और तन्यता के गुण होते हैं।
इन्हें ठोक पीटकर पतली पर्त बनाई जा सकती है (विशेषकर स्वर्ण, रजत और ताम्र की)। तन्यता के फलस्वरूप यदि किसी पतले छिद्र के मध्य से उन्हें खींचा जाए तो उनके पतले तार खिंच आएँगे।
14.धातु क्रिस्टलीय होती हैं जो अधिकतर धन प्रणाली के होते हैं।
15.धातु के परमाणु इलेक्ट्रॉनदाता होते हैं। क्रिस्टल में इनके धनायन नियत स्थान में रहेंगे और मुक्त इलेक्ट्रॉन उसके रिक्त स्थानों में। इस प्रकार यह इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र और सचल रहेंगे, जिसके कारण धातु में उच्च चालकता, परावर्तकता आदि गुण आ जाते हैं।
16.धातुओं के लगभग सभी गुण उनकी परमाणु संख्या के आबर्त फलन होते हैं। यह आवर्तिता परमाणु आयतन विद्युत् और ऊष्मा चालकता, घातवर्ध्यता, तन्यता, संगलन की गुप्त ऊष्मा आदि में उल्लेखनीय हैं।
लादेर मायर ने इसी आवर्तिता की ओर वैज्ञानिकों का ध्यान पहले पहल तत्वों की आवर्तसारणी द्वारा आकर्षित किया था।
धातुओं के उपयोग
1.धातुु मजबूत अघातवर्धनीय तथा तन्य होती है जिससे इनके बर्तन,औजार, बडी-बडी संरचनाये आदि बनायी जाती है।2.नीला थोथा जिसका रासायनिक नाम कॉपर सल्फेट होता है।उसका प्रयोग विद्युत बैटरियो तथा विद्युत लेपन मे किया जाता है।
3.धातु के क्लोराइड जैसे सोडियम क्लोराइड जिसे साधारण नमक कहा जाता है।उसका प्रयोग हम दैनिक जीवन मे नमक के रूप मे प्रयोग मे लाते है। यह मॉस मछली के परिरक्षण करने मे प्रयोग मे लाया जाता है।
4.सोडियम कार्बोनेट का प्रयोग जल को म्रदु करने मे किया जाता है
5.सिल्वर ब्रोमाइड का प्रयोग फोटोग्राफी मे किया जाता है
6.नाइट्रोजन का प्रयोग प्रशीतन के कार्य मे किया जाता है तथा इसका प्रयोग यूरीया बनाने मे भी किया जाता है।
7.लूनर कास्टिक का प्रयोग मतदान के दौरान प्रयोग मे लाई जाने वाली अमिट स्याही बनाने मे किया जाता है।
8.अधातुओ मे आक्सीजन जिसका प्रयोग श्वसन क्रिया मे किया जाता है
9.हाइ्रइ्रोजन का प्रयोग राकेट ईधन के रूप मे प्रयोग मे लाया जाता है यह वनस्पति घी के उत्पादन मे भी प्रयोग किया जाता है What is a metal? Chemical and Physical Properties of Metals in hindi
धातु तथा अधातुओ से संबधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-
1.सबसे हल्की धातु लिथियम होती है2.विद्युत की सबसे अधिक चालकता चॉदी की होती है
3.सबसे भारी धातु ओसमियम होती है
4.एल्यूमिलियम जिंक तथा टिन के ऑक्साइड उभयधर्मी होते है ।
5.सभी धातुये उष्मा और विद्युत की सुचालक होती है।
6.अधातुओ के ऑक्साइड अम्लीय तथा धातुओ के आक्साइड क्षारीय होते है।
7.लोहा निकिल तथा कोबाल्ट काो छोेडकर अन्य धातुओ मे चुंबकीय गुण नही पाये जाते है।
8.धातुओ मे पारा मिलाकर अमलगम बनाया जाता पोस्ट में मैंने धातु के भौतिक और रासायनिक गुण के बारे में जानकारी दी हुई है यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करें ताकि हमें अपने मार्गदर्शन प्राप्त हो