भौतिकी विज्ञान(Physics questions) Part 6 टॉप 5000+ gk प्रश्न In Hindi

भौतिकी विज्ञान(Physics questions) Part 6 टॉप 5000+ gk प्रश्न In Hindi

Physics questions Top gk 5000 part 6 In Hindi भौतिकी विज्ञान प्रश्न टॉप भौतिक शास्त्र प्रश्न के सभी प्रकार से इस लेख में सामिल किया है। जो आपको अवश्य ही पसंद आयेंगे। भौतिक विज्ञान से संबन्धित सामान्य ज्ञान Physics questions Top gk In Hindi में जो कि भौतिकी विज्ञान प्रश्न के सभी जानकारी। भौतिक शास्त्र के प्रमुख प्रश्न इसमें लिए गए है।

यदि आप किसी भी COMPITION एग्जाम की तैयारी जैसे PSC, MPPSC, SSC, MP POLICE, VYAPAM, RAILWAY, PATWARI, UPSC का अध्ययन कर रहे हैं तो ये सभी प्रश्न आपके लिए बहुत मददगार साबित होंगे ।
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भौतिक विज्ञान संबंधित प्रश्न ।  Physics questions Top gk In Hindi



501) दूरदर्शी में दो उत्तल लेंस होते हैं ।
502) दर्शन कोण जितना छोटा होता है, वस्तु उतनी ही छोटी दिखाई पड़ती होती है ।
503) हीरा का चमकना तथा मृग मरीचिका का बनना पूर्ण आंतरिक परिवर्तन के कारण होता है ।
504) पानी के अंदर हवा का बुलबुला अवतल लेंस की भांति कार्य करता है ।
505) अवतल दर्पण में वास्तविक एवं काल्पनिक दोनों प्रतिबिम्ब बनते हैं ।
506) उत्तल दर्पण में केवल काल्पनिक प्रतिबिम्ब बनते हैं ।
507) काल्पनिक प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा बनता है ।
508) वास्तविक प्रतिबिम्ब हमेशा उल्टा बनता है ।
509) अवतल दर्पण का काल्पनिक प्रतिबिम्ब हमेशा वस्तु से बड़ा एवं उत्तल दर्पण का काल्पनिक प्रतिबिम्ब हमेशा वस्तु से छोटा बनता है ।
510) चलचित्र में प्रति सेकेंड 24 चित्र दिखाये जाते हैं ।
511)आकाश तथा समुद्र का रंग प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण नीला प्रतीत होता है
512) प्रकाश किरणों की प्रकृति तरंग एवं कण दोनों के समान होती है ।
513) प्रकाश सीधी रेखा में चलता प्रतीत होता है, क्योंकि इसकी तरंग दैर्ध्य बहुत छोटी होती है
514) जब प्रिज्म से प्रकाश किरण गुजरती है तथा रंगों का जो समूह उत्पन्न होता है उसे वर्णक्रम कहते हैं ।
515) जल के अंदर वायु का बुलबुला अपसारी (अवतल लेंस) लेंस की भाँति कार्य करता है ।
516)  समतल दर्पण 120  कोण पर झुके हैं,तो उनके बीच रखी वस्तु के प्रतिबिम्बों की संख्या तीन होगी ।
517) दृष्टिपटल (रेटिना) पर जो चित्र बनता है वह वस्तु से छोटा व उल्टा होता है ।
518) जब किसी दर्पण को  कोण से घूर्णित किया जाये,तो परावर्तित किरण का घूर्णन 2  होगा ।
519) प्रकाश तंतु पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
520) एक चश्मे के लेंस की फोकस दूरी -50 सेमी.है, इसकी क्षमता -2D होगी ।
521) विद्युत चुम्बकीय तरंग एवं प्रकाश तरंग का वेग समान होता है ।
522) होलोग्राम किसी वस्तु का त्रिविमीय चित्र होता है ।
523) हीरे रात में चमकते हैं, क्योंकि उच्च अपवर्तनांक के कारण प्रकाशिकी किरणें आंतरिक रूप से परावर्तित होती हैं ।
524) ज्योति फ्लक्स का मात्रक ल्यूमेन होता है
525) इद्रधनुष में लाल रंग का विक्षेपण अधिक होता है ।
526) दो समांतर दर्पणों के बीच धातु के एक गोले को रखा जाता है, इसमें बने प्रतिबिम्बों की संख्या असंख्य होगी ।
527) तारों के टिमटिमाने का कारण वातावरणीय अपवर्तन होता है ।
528) टी.वी.रिमोट में एक छोटा ट्रांसमीटर होता है जिससे अवरक्त सिग्नल निकलता है ।
529) आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा का नियंत्रण परितारिका के द्वारा होता है ।
530) मानव आँख हरा प्रकाश के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील होती है ।
531) एक तरंग की आवृत्ति 120Hz है, यदि तरंग की चाल 480 मी./से. हो, तो उसकी तरंग दैर्ध्य 4 मी. होगी
532) एक संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक एवं नेत्रिका की आवर्धन क्षमताएं क्रमश- m1 एवं  m2 हैं, सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता m1   m2  होगी ।
533) किसी भी खोखले चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है । यदि ऐसे चालक को आवेशित किया जाए तो सम्पूर्ण आवेश उसके बाहरी पृष्ठ पर ही रहता है । अत- खोखला गोला एक विद्युत परिक्षक का कार्य करता है । यहीं कारण है कि यदि किसी कार पर तड़ित विद्युत गिर जाये तो कार के अंदर बैठे व्यक्ति पूर्ण सुरक्षित- होते हैं । तड़ित से प्राप्त आवेश कार की बाहरी सतह पर ही रहता है ।
534) विद्युत विभव एवं विभवांतर दोनों ही अदिश राशियां हैं, दोनो का एस.आई.मात्रक वोल्ट होता है ।
535) विद्युत धारा - किसी चालक में विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं । विद्युत धारा की दिशा धन आवेश की गति की दिशा की ओर मानी जाती है । इसका एस.आई. मात्रक एम्पियर है । यह एक अदिश राशि है ।
536) विद्युत धारा के प्रवाह की दिशा प्रोटॉन के प्रवाह की दिशा एवं इलेक्ट्रॉन के प्रवाह के विपरीत दिशा की ओर होती है ।
537) अमीटर विद्युत धारा मापता है ।
538) ए.सी.डायनेमों या जनरेटर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
539) प्रत्यावर्ती जनित्र से दिष्ट धारा प्राप्त करने के लिए उसमें कम्यूटेटर लगाया जाता है ।
540) विद्युत मोटर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य नहीं करता है ।
541) माइक्रोफोन विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित होता है ।
542) दो आवेशों के बीच की दूरी दुगुनी करने में उनके बीच का बल चौथाई हो जाता है ।
543) प्रतिरोध का एस.आइ.मात्रक ओम (Ω) होता है ।
544) ताप बढ़ने पर चालक का प्रतिरोध बढ़ता है ।
545) ताप बढ़ने पर अर्द्धचालक का प्रतिरोध घटता है ।
546) चालक का प्रतिरोध चालक की लम्बाई के समानुपाती होता है ।
547) चालक का प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है ।
548) विद्युत धारिता का एस.आइ.मात्रक फैराड होता है ।
549) एक आदर्श अमीटर का प्रतिरोध शून्य होना चाहिए । इसे श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है
550) एक आदर्श वोल्ट मीटर का प्रतिरोध अनंत होना चाहिए । इसे समानांतर क्रम में जोड़ा जाता है ।
551)  गैल्वेनोमीटर विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति बताने वाला यंत्र है
यदि आपको ये भौतिक विज्ञान समान्य ज्ञान के प्रश्न Physics questions (भौतिक विज्ञान) संबंधित प्रश्न Top gk In Hindi आपको कैसा लगा रहा है नीचे कमेंट अवश्य करके जाना।
भौतिकी विज्ञान(Physics questions) Part 6 टॉप 5000+ gk प्रश्न In Hindi


552) ट्रांसफार्मर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करने वाला यंत्र है । यह केवल प्रत्यावर्ती धारा (ए.सी.) के लिए प्रयुक्त किया जाता है ।
553) चाँदी सबसे अच्छा चालक होता है, इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन की अधिकता होती है ।
554) सेरामिक्स सबसे अच्छा अचालक है, अचालक मे मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं
555) घरों मे आने वाली प्रत्यावर्ती धारा का विभव प्रत्येक चक्र में +311 वोल्ट से ‌-311 वोल्ट तक बदल जाता है ।
556) सूखे मानव शरीर का प्रतिरोध लगभग 50,000Ω एवं भींगे शरीर का प्रतिरोध लगभग 10,000Ω होता है ।
557) मानव शरीर को झटका पैदा करने के लिए  A विद्युत धारा काफी है । अर्थात् 50V विभवांतर से कम विभवांतर की धारा झटका उत्पन्न नहीं करेगी
558) विद्युत विभवान्तर का मात्रक जूल/कूलाम होता है, इसे वोल्ट भी कहते हैं ।
559) बल्ब से वायु निकाल दी जाती है क्योंकि तंतु के गर्म होने पर वह वायु की आक्सीजन से संयोग करके जल जायेगा ।
560) नाइट्रोजन तथा आर्गन निष्क्रिय गैस होने के कारण इनकी उपस्थिति में तंतु नहीं जलता है ।
561) ट्यूब लाइट की दीवारों पर जिंक फास्फाइड का लेप चढ़ा होता है । ट्यूब के अंदर अक्रिय गैस जैसे आर्गन को कुछ पारे के साथ भरा जाता है ।
562) हीटर में विद्युतरोधी पदार्थ जैसे प्लास्टर ऑफ पेरिस की एक खॉचेदार प्लेट होती है, जिसमें मिश्र धातु नाइक्रोम की कुण्डली का प्रयोग होता है ।
563) विजली की इस्तरी में नाइक्रोम का तार अभ्रक की चादर पर लिपटा रहता है ।
564) नाइक्रोम का विशिष्ट प्रतिरोध बहुत अधिक होता है तथा वायु की आक्सीजन के साथ शीघ्र आक्साइड नहीं बनाता है ।
565) नाइक्रोम, निकेल और क्रोमियम का मिश्र धातु है ।
566) जूल ऊर्जा का बहुत छोटा मात्रक है, विद्युत ऊर्जा की माप के लिए एक बडे मात्रक ‘किलोवाट-घण्टा’ का उपयोग किया जाता है । इसे ‘यूनिट’ भी कहते हैं
566) 1किलो वाट घंटा = 3.6 106  जूल ।
567) 1 कूलम्ब आवेश = 6.25 1018 इलेक्ट्रान
568) संघारित्र वह युक्ति है, जिसमें विद्युत् ऊर्जा एकत्र की जाती है ।
569) बल्ब के भीतर टंगस्टन धातु का बना सूक्ष्म तंतु होता है । टंगस्टन का गलनांक 3500  होता है ।
570) साधारण बल्ब दी गई ऊर्जा का केवल 5 से 10% भाग ही प्रकाश ऊर्जा मे परिवर्तित करता है ।
571) साधारण कोटि के तथा कम सामार्थ्य के बल्बों के भीतर निर्वात होता है । उच्च सामर्थ्य के बल्बों में नाइट्रोजन तथा आर्गन गैसों का मिश्रण भरा होता है
572) मुक्त विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो धनायन कैथोड की ओर एवं ऋणायन एनोड की ओर चलने लगते हैं ।
573) फ्यूज के रूप में मुख्य लाइन के साथ श्रेणी क्रम में कम गलनांक तथा अधिक प्रतिरोध का एक पतला तार लगाते हैं ।
574) फ्यूज तार प्राय- टिन (रांगा) और तांबे का बना होता है ।
575) घरेलू परिपथ में सामान्यत- 5A एवं 10A का फ्यूज उपयोग में लाया जाता है
575) दिष्ट धारा (डी.सी.) जनित्र से किसी परिपथ में प्रवाहित धारा का मान बदलता रहता है परंतु दिशा नहीं बदलती है ।
576) प्रत्यावर्ती धारा (ए.सी.) का मान एवं दिशा दोनों परिवर्तनीय होते हैं ।
577) ट्रांसफार्मर का क्रोड नर्म लोहे का बना होता है ।
578) किरचॉफ का नियम A.C. और D.C. दोनों मे लागू हो सकता है ।
579) 100 वाट का विजली बल्ब 10 घण्टे में, 1 इकाई विजली खर्च करेगा ।
580) एक कार बैट्री में प्रयुक्त विद्युत अपघट्य सल्फ्यूरिक अम्ल होता है ।
581) शुष्क सेल में कार्बन की छड़ एनोड का कार्य करती है ।
582) परिशोधक का प्रयोग उष्मा-ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए किया जाता है ।
583)  आर्क वेल्डिंग के लिए 200 से 250v D.C. वोल्टता की आवश्यकता होती है
583) एक हीटर का नियतांक 2.2 किलोवाट और 220 वोल्ट है, तो इसका प्रतिरोध 22Ω होगा ।
584) जब किसी छड़ को चमड़े से रगड़ा जाता है, तो छड़ पर धन आवेश आता है ।
585) लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण का परिणाम है ।
586) घरों में आने वाली विद्युत की आवृत्ति 50Hz होती है ।
587) ट्रांसफॉर्मर में अधिकतम दक्षता के लिए, आर्मेचर ताम्र हानियाँ = स्थिर हानि होनी चाहिए ।
588) D.C.जनरेटर मे प्रवर्तक, आर्मेचर में सामांतर क्रम में लगाये जाते हैं ।
589) दिष्ट धारा जनित्र फैराडे के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
590) 132 Kv की संचरण लाइनों के लिए जालीनुमा खंभे प्रयुक्त किये जाते हैं ।
591)सौर सेल फोटो वोल्टाइक सेल के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
592)  इंडक्शन वाटमीटर ए.सी. में प्रयोग किया जाता है ।
593)  परम शून्य तापमान पर अर्द्धचालकों में विद्युत प्रतिरोध अनंत हो जाता है ।
594) रमन प्रभाव का प्रकाश की उन किरणों से सम्बंध है, जो केवल प्रिज्मों के आर-पार जाती हैं ।
595) सामान्य ट्यूबलाइट में आर्गन के साथ मरकरी वेपर गैस भरी होती है ।
596) फ्लोरेसेंट ट्यूब (प्रतिदीप्ति बल्ब) में मरक्यूरिक ऑक्साइड और निऑन गैस भरी होती है ।
597)प्रतिदीप्ति नलिकाओं के साथ चोक आसंजित होता है, क्योंकि चोक कुण्डली लाइन वोल्टता बढ़ाती है ।
598) फ्लेमिंग का बाम-हस्त नियम जनित्र पर लागू होता है ।
599)  डायनेमों का आर्मेचर लौह-चुम्बकीय पदार्थ से बना होता है ।
600) शार्ट सर्किट की स्थिति में ट्रांसफॉर्मर की दक्षता शून्य होगी ।
601)  विद्युत परिपथों को ताप-वैद्युत युग्म द्वारा अतितापन से बचाया जा सकता है ।
602)  फ्यूज विद्युत के उष्मीय सिद्धांत पर आधारित होता है ।
603)  एक ट्रांसफॉर्मर वोल्टता (विभवांतर) बदलने का कार्य करता है ।
604) किसी तार का विशिष्ट प्रतिरोध तार के पदार्थ पर निर्भर करता है ।
605) चार्ज की मात्रा की इकाई एम्पियर घण्टा होती है ।
606) धारा वाहक कुण्डली में ऊर्जा चुम्बकीय क्षेत्र के रूप में संग्रहीत होती है ।
607) एक-दूसरे के समांतर एक ही दिशा में गतिमान दो इलेक्ट्रॉन धाराएँ एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं ।
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