विटामिन क्या है विटामिन ए,बी,सी,डी, ई और के सभी की जानकारी
विटामिन क्या है :
भोजन के वे अवयव, जिनकी सभी प्रकार के जीवधारियों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है विटामिन कहलाते है।
या वे यौगिक जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक होता है विटामिन कहलाता हैं।
रासायनिक रूप से विटामिन कार्बनिक यौगिक हैं।
विटामिन के बारे में कुछ तथ्य
1.विटामिन ऐसे कार्बनिक यौगिक है जो की चाहे कम मात्रा में ही सही परन्तु हमारे शरीर के उचित कार्यों के लिए बहुत ही आवश्यक है।2. विटामिन हमें भोजन से मिलते है।
3. हमारा शरीर में खुद से विटामिन नहीं बनता या बहुत ही कम मात्रा में बनता है तो इनकी कमी हम भोजन से पूरी करते है।
4. हर जीव-जंतु को अलग-अलग तरह के विटामिन्स चाहिए।
जैसे की मनुष्य का शरीर विटामिन C नहीं बना सकता तो हमे यह भोजन से लेना पड़ता है, परन्तु कुछ ऐसे जानवर है जैसे की कुत्ता,जिनका शरीर खुद से विटामिन C बना सकता है।
5.विटामिन को जीवन रक्षक कहा जाता।
6. विटामिन शरीर को रोगों से बचाते हैं, और शरीर को सही रूप में काम करने लायक भी बना कर रखते हैं।
7. विटामिन वो छोटे-छोटे कार्बोनिक यौगिक हैं 8.विटामिन हमारे शरीर को सही ढंग से काम करने की शक्ति ताकत देते हैं।
9. हमारे शरीर को इन विटामिन की बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है और यह मात्रा हमें उस भोजन से मिलती है ।
10. विटामिन का निर्माण शरीर में अपने आप नहीं होता है।
मानव जीवन में विटामिन का महत्व
हम जानते हैं की विभिन्न पोषक तत्व हमारे भोजन को संपूर्णता प्रदान करते हैं। और विटामिन का इसमें खास महत्व है। आहार में किसी भी विटामिन की कमी से बीमारी को वादावा देने के बराबर होता है । विटामिन का मुख्य कार्य हमारे भोजन को ईंधन में बदलना है। जिससे शरीर में खाया हुआ खाना ठीक से पच सके, शरीर को सही रूप में ताकत अच्छे से मिल सके। और साथ ही शरीर को रोग से दूर रख सके। हमारे खाने में उपलब्ध सभी पौष्टिक तत्वों का लाभ भी शरीर को सही ढंग से मिल सके, यह काम भी विटामिन का ही है।- धातु किसे कहते हैं धातु के रासायनिक और भौतिक गुण
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विभिन्न प्रकार के विटामिन के नाम और उनके बारे में पूरी जानकारी नीचे बताया गया है
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विटामिन ए क्या है
विटामिन ए का रासायनिक नाम रेटिनॉल है। इसे antixerophthalmic विटामिन भी कहते है अर्थात यह जीरॉफ्थैलमिया नामक रोग को दूर करने में सहायता करता है।विटामिन आँखों से देखने के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही यह संक्रामक रोगों से बचाता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है।जैसे कि त्वचा, बाल, नाखून,ग्रंथि,दाँत,मसूड़ा और हड्डी। सबसे महत्वपूर्ण स्थिती जो कि सिर्फ विटामिन ए के अभाव में होती है, वह है अंधेरे में कम दिखाई देना, जिसे रतौंधि कहते हैं। विटामिन ए की कमी से रतोंधी रोग होता है ।इसके साथ आँखों में आँसूओं के कमी से आँखें सूख जाती हैंऔर उनमें घाव भी हो सकते हैं।
बच्चों में विटामिन ए के अभाव में विकास भी धीरे हो जाता है,जिससे कि उनके कद पर असर कर सकता है। त्वचा और बालों में भी सूखापन हो जाता है और उनमें से चमक चली जाती है। संक्रमित बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है ताजे फल दूध माॅस अण्डा मछली का तेल गाजर मक्खन हरी सब्जियों में होता है विटामिन A का संश्लेषण पौधे के पीले या नारंगी वर्णक से प्राप्त केरोटिन से यकृत में होता हैै विटामिन A दृष्टिवर्णक रोडोप्सिन के संश्लेषण में सहायक होता है रंतौधी, मोतियाबिंद ,जीरोफ्थेल्मिया ,त्वचा शुष्क,शल्की, संक्रमण का खतरा ,आंख का लैंस दूधिया आवरण से अपारदर्शक होने से मोतियाबिंद होता है
विटामिन बी क्या है
विटामिन बी शरीर को जीवन शक्ति देने के लिए अति आवश्यक होता है। इस विटामिन की कमी से शरीर अनेक रोगो का घर बन जाता है। विटामिन बी के कई विभागों की खोज की जा चुकी है।
ये सभी विभाग मिलकर ही विटामिन ‘बी’ कहलाते हैं। हालाँकि सभी विभाग एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं, लेकिन फिर भी सभी आपस में भिन्नता रखते हैं। विटामिन ‘बी’ कॉम्पलेक्स 120 सेंटीग्रेड तक की गर्मी सहन करने की क्षमता रखता है।उससे अधिक ताप यह सहन नहीं कर पाता और नष्ट हो जाता है।
यह विटामिन पानी में घुलनशील होता है। इसके प्रमुख कार्य स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन में सक्रिय योगदान देना होता है। भूख को बढ़ाकर यह शरीर को जीवन शक्ति देता है। खाया-पिया अंग लगाने में सहायता प्रदान करता है। क्षार पदार्थो के संयोग से यह बिना किसी ताप के नष्ट हो जाता है, पर अम्ल के साथ उबाले जाने पर भी नष्ट नहीं होता।
विटामिन बी के स्त्रोत
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के स्रोतों में टमाटर, भूसी दार गेहूँ का आटा, अण्डे की जर्दी, हरी पत्तियों का साग, बादाम, अखरोट, बिना पॉलिश किया चावल, पौधों के बीज, सुपारी, नारंगी, अंगूर, दूध, ताजे सेम, ताजे मटर, दाल, जिगर, वनस्पति साग-सब्जी, आलू, मेवा, खमीर, मक्की, चना, नारियल, पिस्ता, ताजे फल, कमरकल्ला, दही, पालक, बन्दगोभी, मछली, अण्डे की सफेदी, माल्टा, चावल की भूसी, फलदार सब्जी आदि आते हैं।
विटामिन ‘बी’ कॉम्पलेक्स की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग
1) विटामिन बी1:- थियामिन या आन्युरिन -- बेरीबेरी
विटामिन बी – 1
रासायनिक नाम: थाइमिन
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: सूरजमुखी के बीज, अनाज, आलू, संतरे और अंडे।
फायदे: मस्तिष्क को विकसित रखने के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसकी कमी से हमे बेरीबेरी रोग हो सकता है
2)विटामिन बी2 -- रिबोफ्लैविन-- आँख लाल रहना, होठ पर झुर्री, मुँह आना, जीभ फूल जाना, चमड़े की विकृति
विटामिन बी – 2
रासायनिक नाम: राइबोफ्लेविन
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: केला, दूध, दही, मास, अंडे, हरी बीन्स और मछली।
फायदे: त्वचा को अच्छी रखने के लिए बहुत ही उपयोगी है।
3)विटामिन बी -- पेलाग्रा-रक्षक -- पेलाग्रा होना (विशेष चर्म-रोग)
विटामिन बी – 3
रासायनिक नाम: नियासिन
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: खजूर, दूध, अंडे, टमाटर, गाजर, एवोकाडो।
फायदे: रक्तचाप को नियंत्रण में रखने और सिरदर्द, दस्त को कम करती है।
विटामिन बी – 5
रासायनिक नाम: पैंटोथेनिक एसिड (Pantothenic acid),
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: एवोकैडो, अनाज, मांस।
फायदे: बालो को स्वस्थ और सफेद होने से बचाता है। इससे तनाव भी कम होता है।
विटामिन बी6 -- पाइरिडॉक्सिन (Pyridoxin) -- वमन, मस्तिष्क रोग तथा दस्त आना
विटामिन बी – 6
रासायनिक नाम: प्यरीडॉक्सीने (Pyridoxine)
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: अनाज, मांस, केले, सब्जियां।
फायदे: यह सुबह की थकान कम करता है। तनाव और अनिद्रा से भी मुख्ती देता है।
विटामिन बी – 7
रासायनिक नाम: बायोटिन (Biotin)
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: अंडे की जर्दी (Egg yolk), सब्जियां।
फायदे: यह त्वचा और बालो के लिए बहुत ही अच्छा है। इसकी कमी से हमे जिल्द की सूजन (dermatitis) हो सकती है।
विटामिन बी – 9
रासायनिक नाम: फोलिक एसिड (Folic acid)
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: पत्तीदार शाक भाजी, सूरजमुखी के बीज, कुछ फलो में भी यह होता है।
फायदे: यह त्वचा के लोग और गठिया के उपचार हेतु बहुत ही शक्तिशाली है। गर्भवती महिलाओं को यह लेने ही सलाह दी जाती है।
विटामिन बी12—स्यानोकोबैलै ऐमाइन
(Cyanocobalamin) -- विशेष रक्तहीनता और संग्रहणी
विटामिन बी – 12
रासायनिक नाम: कयनोसोबलमीन (Cyanocobalamin)
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
स्रोत: मछी, मास, दूध, अंडे और दूध दे बनाये उत्पादों में यह होता है।
फायदे: यह एनीमिया (खून की कमी), मुँह में अलसर जैसी बिमारियों को कम करता है।
कुछ अन्य रोग जो विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से होते है :-
हाथ पैरों की उँगलियों में सनसनाहट होना, मस्तिष्क की स्नायु में सूजन व दोष होना, पैर ठंडे व गीले होना, सिर के पिछले भाग में स्नायु दोष हो जाना, मांसपेशियों का कमजोर होना, हाथ पैरों के जोड़ अकड़ना, शरीर का वजन घट जाना, नींद कम आना, मूत्राशय मसाने में दोष आना, महामारी की खराबी होना, शरीर पर लाल चक्कत्ती निकलना, दिल कमजोर होना, शरीर में सूजन आना, सिर चकराना, नजर कम हो जाना, पाचन क्रिया की खराबी होना।
विटामिन सी क्या है
रासायनिक नाम: एस्कॉर्बिक एसिड (Ascorbic acid)
यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है।
यह हमारी त्वचा और हड्डियों के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह किसी घाव को ठीक करने में बहुत ही ज्यादा मदद करता है। विटामिन सी की कमी हम फल और सब्ज़ियां खा कर पूरी कर सकते है। टमाटर, ब्रोकोली में अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है। यह गर्भवती महिलाओ, धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को ज्यादा मात्रा में खाना चाहिए।
नारंगी, विटामिन सी का उत्तम स्रोत है।
विटामिन सी को एस्कोरबिक ऐसिड के नाम से भी जाना जाता है। इसे सर्वप्रथम गायोर्जी ने प्रथक किया था। यह शरीर की कोशिकाओं को बांध के रखता है। इससे शरीर के विभिन्न अंगों को आकार बनाने में मदद मिलता है। यह शरीर के खून की नसों (रक्त वाहिकाओं,को मजबूत बनाता है। इसके एंटीहिस्टामीन गुणवत्ता के कारण, यह सामान्य सर्दी-जुकाम में दवा का काम कर सकता है।
इसके अभाव में मसूड़ों से खून बहता है, दाँत दर्द हो सकता है, दाँत ढीले हो सकते हैं या निकल सकते हैं। त्वचा या चर्म में भी चोट लगने पर अधिक खून बह सकता है, रुखरा हो सकता है। आपको भूख कम लगेगी। बहुत अधिक विटामिन के अभाव से स्कर्वी रोग हो सकता है। विटामिन सी की कमी से शरीर का वजन कम हो जाता है
इससे शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे कि गुर्दे में, दिल में और अन्य जगह में, एक प्रकार का पथरी हो सकता है। यह ओक्ज़लेट क्रिस्टल का बना होता है। इससे पेशाब में जलन या दर्द हो सकता है,
या फिर पेट खराब होने से दस्त हो सकते हैं। खून में कमी या एनिमीया (anemia) हो सकता है। विटामिन सी के अच्छे स्रोत नारंगी जैसे फल या सिट्रस फ्रूट्स, खरबूजा
विटामिन डी क्या है
रासायनिक नाम: एरगोसेल्सिफेरोल (Ergocalciferol)
यह फैट-सॉल्युबल विटामिन है।
विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम अब्सॉर्ब करने में बहुत ही मदद करता है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में भी मदद करता है, दांतो की सड़न को कम करता है। इसकी कमी से हमे सूखा रोग (Rickets) हो सकता है।
तीन चीज़ो के ज़रिये हमे विटामिन डी मिल सकता है – त्वचा के माध्यम से, अपने आहार से, और पूरक से। हमारा शरीर खुद विटामिन डी बना लेता है जब उसे सूरज की रौशनी मिलती है। आहार की बात करे तो दूध और अंडे की जर्दी से भी हमे विटामिन डी मिल जाता है।यह शरीर की हड्डीयों को बनाने और संभाल कर रखने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर में केल्शियम (calcium) के स्तर को नियंत्रित रखता है। इसके अभाव में हड्डीयाँ कमजोर हो जाता हैे और टूट भी सकती हैं (फ्रेकचर या Fracture)। बच्चों में इस स्थिती को रिकेट्स (Rickets)कहते हैं और व्यस्क लोगों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टीयोमलेशिया (osteomalacia) कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं।
इससे शरीर के विभिन्न अंगों में,जैसे कि गुर्दे में, दिल में, खून के नसों में और अन्य जगह में, एक प्रकार का पथरी हो सकती है। यह केल्सियम (calcium) का बना होता है। इससे ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ सकता है, खून में कोलेस्ट्रोल अधिक हो सकता है और दिल पर असर पर सकता है। साथ ही चक्कर आना, कमजोरी लगना और सिरदर्द हो सकता है।
पेट खराब होने से दस्त भी हो सकते है। अंडे का पीला भाग, मछली के तेल, विटामिन डी युक्त दूध और बटर इसके अच्छे स्रोत हैं, इसके आलावा धूप सेकने से भी शरीर में शरीर में इसका निर्माण होता है।
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विटामिन E क्या है
रासायनिक नाम: तोसोफेरोल्स (Tocopherols)
यह फैट-सॉल्युबल विटामिन है।
विटामिन ई हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत बनाता है। वनस्पति तेल, अनाज, बादाम, एवोकैडो, अंडे और दूध से हमे विटामिन ई मिल जाता है। जिन लोगो को किसी प्रकार के यकृत रोग होते है उनको यह ज्यादा लेने के लिए कहा जाता है। विटामिन ई के लिए कोई पूरक लेने से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।
विटामिन ई, खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कोशिका को बनाने के काम आता है। इसे टोकोफ़ेरल भी कहते हैं। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांसपेशियां एवं अन्य टिशू या ऊत्तक।
यह शरीर को ऑक्सिजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सिजन रेडिकल्स कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट कहा जाता है। विटामिन ई, कोशिका के अस्तित्व बनाये रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाये रखता है। विटामिन ई, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है।
समय से पहले हुये या प्रीमेच्योर नवजात शिशु (Premature infants) में, विटामिन ई की कमी से खून में कमी हो जाती है। इससे उनमें एनिमीया (anemia) हो सकता है।
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विटामिन के( k) क्या है
रासायनिक नाम: फीलोक्विनोने
यह फैट-सॉल्युबल विटामिन है।
विटामिन के स्वस्थ हड्डियों और ऊतकों के लिए प्रोटीन बनाकर हमारे शरीर की मदद करता है।
विटामिन्स हमारी सेहत के लिए बहुत ही जरुरी है। इसलिए अपनी डाइट को इस प्रकार रखें के उसमे विटामिन्स जरूर हो। और स्वास्थ्य टिप्स हिंदी में पाने के लिए हमारी वेबसाइट पर ब्लॉग पढ़ते रहे। आप अपने सुझाव हमे यहां क्लिक करके भेज सकते है।
विटामिन क्या है बारे में मैंने इसमें पूरी जानकारी देने की कोशिश की है लेकिन फिर भी कोई कमी हो या कोई समस्या हो तो कृपया कमेंट करे। पोस्ट अच्छी लगे तो दोस्तो तो शेयर करे