क्षेत्रमिति (Mensuration) मैथ्स फार्मूला हिंदी । Kshetramiti Maths Formula Hindi

क्षेत्रमिति (Mensuration) मैथ्स फार्मूला हिंदी/Kshetramiti Maths Formula Hindi
क्षेत्रमिति (Mensuration) मैथ्स फार्मूला हिंदी । Kshetramiti Maths Formula Hindi
इस लेख में क्षेत्रमिति (Mensuration) मैथ्स फार्मूला हिंदी में सभी मैथ्स फॉर्मूला नीचे बताए गए है।

क्षेत्रफल
किसी समतल आकृति द्वारा घेरा जाने वाला स्थान अथवा आकृति की सीमाओं के अंदर के धरातल का परिमाप, उसका क्षेत्रफल कहलाता है।
क्षेत्रफल का मात्रक 'वर्ग इकाई' होता है।
जैसे:- किसी आयत की लंबाई (l) = 3 सेमी तथा चौड़ाई (b) = 4 सेमी,
  तब, आयत का क्षेत्रफल(A) = l X b = 3 X 4 = 12 सेमी

परिमाप (perimeter)
किसी समतल आकृति की सभी भुजाओं का योग उसका परिमाप कहलाता है। इसे परिमिति भी कहते है जिस इकाई में भुजा की माप दी गई होती है, वही इकाई परिमिति की माप होती है।

जैसे:- किसी त्रिभुज की भुजाएँ क्रमश: 3 सेमी, 4 सेमी व 5 सेमी है,

तब, त्रिभुज का परिमाप (P) = तीनों भुजाओं का योग = 12 सेमी

त्रिभुज (Triangle)
तीन भुजाओं से घिरी हुई आकृति त्रिभुज कहलाती है। इसमें तीन कोण होते है| जिसका योग 180° होता है। तथा किन्हीं दो भुजाओं का योग तीसरी भुजा से अधिक होता है। त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × ऊँचाई

= 1/2 × a × h

समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle)
ऐसे त्रिभुज जिनकी तीनों भुजाऐं समान होती हैं समबाहु त्रिभुज कहलाते हैं। और इसका प्रत्ये क कोण 60° का होता है।

1) समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √3/4 a²
2) समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3a
3) समबाहु त्रिभुज की ऊँचाई h = √3/2a = 1/2 × a × h

समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle)
ऐसे त्रिभुज जिसकी दो भुजाऐं समान होती है। समद्विबाहु त्रिभुज कहलाते है।
1) समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √s(s-a)(s-a)(s-b) = (s-a) √s(s-b)
2) समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप = 2a + b
= 1/2 × a × h

विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle)
ऐसे त्रिभुज जिसकी कोई भी भुजा समान नहीं होती है।
1) विषमबाहु त्रिभुज का परिमाप = a + b + c
2) विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √s (s-a) (s-b) (s-c)
जहां, s = a + b + c/2

समकोण त्रिभुज (Right Angle Triangle)
यदि किसी त्रिभुज का एक कोण समकोण यानि 90° का हो।
1) समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × लम्ब = 1/2 × b × p
2) समकोण त्रिभुज का परिमाप =p + b + h

आयतन (Volume)
कोई वस्तु जितना स्थान घेरती है, उसे उस वस्तु का आयतन कहते है। आयतन को घन इकाई मे मापा जाता है।
जैसे :- किसी बॉक्स का आयतन l × b × h = 3 × 4 × 5 = 60 घन सेमी होगा।

पृष्ठीय क्षेत्रफल (Surface Area)
समतल अथवा ठोस वस्तुओं के फेलाव को सतह या पृष्ठ कहते है तथा इसके तल के क्षेत्रफल को पृष्ठीय क्षेत्रफल कहते है।

जैसे :- घन के कुल 6 पृष्ठ होते है। इन पृष्ठों का कुल क्षेत्रफल 6 × (भुजा)² वर्ग इकाई होता है।

(1) घन (Cube)
छ: समान पृष्ठों वाली एसी ठोस आकृति, जिसकी सभी विमाएँ (लंबाई, चोड़ाई, ऊँचाई) समान हो घन कहलाता है।
1) घन का आयतन = a³
2) घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6a²
3) घन का विकर्ण = a√3, जहां a घन की भुजा है|

(2) घनाभ(Cuboid)
एसी आकृति, जो छ: पृष्ठों या तलों से घिरी हो तथा सभी तल आयताकार हो, घनाभ कहते है। घनाभ की भुजाओं को "कोर" भी कहते है।
1) घनाभ का आयतन = lbh
2) घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 ( lb + bh + hl )
3) घनाभ का विकर्ण = √l²+ b² + c² जहाँ, l, b,h क्रमश: घनाभ की लम्बाई, चौड़ाई व ऊँचाई है।

(3) कमरा (Room)
किसी आयताकार कमरे की चार सतह होती है। तथा आमने सामने की सतहों (दीवारों) का क्षेत्रफल समान होता है।
1) दीवारों का कुल क्षेत्रफल (A )= 2 × (l + b)× h
2) कमरे में, कुल हवा (v) = l × b × h
3) फर्श या छत का क्षेत्रफल (A₂) = l × b
4) कमरे में रखी जा सकने वाली लम्बी से लम्बी छड़ की लम्बाई = कमरे का विकर्ण, d = √l²+ b² + c²

(4) बेलन (Cylinder)
वृत्तीय आधार वाली एसी ठोस जिसके पार्श्व समतल होते हैं, लम्बवृत्तीय बेलन कहलाती है। इसका निर्माण समान त्रिज्या वाले वृत्तों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर किया जाता है।
1) बेलन का आयतन (v)= лr²h
2) बेलन का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल (s) = 2лrh
3) बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल (TS) = 2лr ( r + h )
जहां पर, r बेलन की त्रिज्या तथा h बेलन की ऊंचाई है|

(5) खोखला बेलन (Hollow Cylinder)
वृत्तीय आधार वाली खोखली आकृति, जिसके पार्श्व समतल होते हैं, खोखला बेलन कहलाती है। जैसे- पाइप, बांसुरी आदि,
1) खोखले बेलन का आयतन (v) = лh ( r₁² - r₂² )
2) खोखले बेलन का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल (s) = 2лh( r₁ + r₂ )
3) खोखले बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल(TS) = वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + 2л ( r₁² - r₂² ) = 2лh( r₁ + r₂ ) + 2л ( r₁² - r₂² )

जहाँ पर, r₁ व r₂ क्रमश: बाह्य व अंत: आधारों की त्रिज्यएँ व h बेलन की ऊंचाई है।

(6) शंकु (Cone)
यह एक ऐसा पिरामिड है जिसका आधार एक वृत्त होता है तथा समकोण त्रिभुज की समकोण बनाने वाली भुजा को आधार या लम्ब के परित: घुमाने पर इसका निर्माण होता है।
1) शंकु का आयतन (v) = 1/3 лr²h
2) शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = √r² +h²
3) शंकु का वक्र पृष्ठ (S) = лrl
4) शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ (TS) = лr( r + l )

(7) गोला (Sphere)
एक ऐसी ठोस व गोल आकृति जिसकी सतह का प्रत्येक बिन्दु एक निश्चित बिन्दु से समान दूरी पर स्थित हो।
इसका निर्माण, वृत्त को उसके व्यास के अनुदिश घुमाने पर होता है।
1) गोले का आयतन ( V ) = 4/3 лr³
2) गोले का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल (S) = 4 лr²

(8) अर्द्धगोला (Hemisphere)
ठोस गोले को व्यास के अनुदिश दो भागों में बाँट देने पर प्राप्त प्रत्येक भाग को अर्द्धगोला कहते है।
1) अर्द्धगोले का आयतन (V) = 2/3 лr³
2) अर्द्धगोले का सम्पूर्ण पृष्ठ (S₁) = 3лr²

जहाँ पर, r अर्द्धगोले की त्रिज्या है।


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