उष्णकटिबंधीय वर्षा वन
उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन |
उष्णकटिबंधीय वर्षा वन एक ऐसा क्षेत्र होते है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28° के भीतर स्थित है। वे एशिया,दक्षिण अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, मध्य अमेरिका, मैक्सिको और प्रशांत द्वीपों पर पाए जाते हैं।
उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को विश्व वन्यजीव कोष के बायोम वर्गीकरण के भीतर उष्णकटिबंधीय आर्द्र वन या उष्णकटिबंधीय नम चौड़ी पत्ती के जंगल का एक प्रकार माना जाता है और इसे भूमध्यरेखीय सदाबहार तराई के जंगल के रूप में भी जाना जा सकता है। इस जलवायु क्षेत्र में न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 175 सेमी और 200 सेमी के बीच होती है।
वर्ष के सभी महीनों के दौरान औसत मासिक तापमान 18°C। भूमि पर रहने वाले सभी जानवरों और पौधों की प्रजातियों की आधी संख्या इन वर्षावनों में रहती है।
उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के कई क्षेत्रों में भूमि के स्तर पर सूरज की रौशनी नहीं पहुंच पाने के कारण बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम लग पाती हैं।इस कारण वन से होते हुए लोगों और अन्य जानवरों का चलना संभव हो जाता है।
यदि पत्तों के वितान को किसी कारण से नष्ट या पतला कर दिया जाता है तो नीचे की ज़मीन शीघ्र ही घनी उलझी लताओं, झाड़ियों और जंगल कहे जाने वाले छोटे पेड़ों से भर जाती है।
उष्णकटिबंधीय वर्षा वन वर्तमान में मानव गतिविधि के कारण बिखरते जा रहे हैं। भूवैज्ञानिको की प्रक्रियाओं, जैसे कि ज्वालामुखी और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाला वास विखंडन अतीत में हुआ है और इन्हें प्रजातीकरण के चालक के रूप में पहचाना गया है।हा
मानव प्रेरित तीव्र अधिवास विनाश को प्रजातियों के विलुप्त होने के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है।
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