तापविद्युत क्या है किसे कहते हैं what is thermoelectricity in hindi
आज के इस लेख में ताप विद्युत क्या है? किसे कहते हैं यानी what is thermoelectricity in hindi से संबंधित जानकारी लेकर आया हूं, बताएगा इसकी परिभाषा व किस्से प्रदर्शित करते है।
इस तथ्य को सर्वप्रथम सीबेक ने सन् 1821 में ताँबे और बिस्मथ के तारों की संधि को गर्म करके इसका आविष्कार किया था। उपर्युक्त परिपथ में उत्पन्न विद्युत वाहक बल न्यून होता है।
यह भी पढ़ें
1] परिपथ के तारों की धातु की प्रकृति पर,
2] असमान धातुओं के तारों की दोनों संधियों के तापांतर पर,
3] इन संधियों के औसत ताप पर।
विद्युत वाहक बल को मापने के लिये असमान धातुओं के तारों के ठंढे सिरे विभवमापी से जोड़ दिए जाते हैं। यदि परिपथ में किसी दूसरी धातु का तार श्रेणी क्रम में कर दिया जाए तो ताप विद्युत् प्रभावों में परिवर्तन नहीं होता। यदि सीबेक विद्युत वाहक बल का परिमाण (E) तथा ठंढी संधि का तापांतर (T) एवं यदि एक संधि का ताप शून्य डिग्री सेल्सियस हो.
तो E व T का संबंध निम्नलिखित सूत्र में ज्ञात किया जाता है:
E = AT + BT2
जहाँ A व B तापविद्युत् स्थिरांक हैं, तथा इनका मान परिपथ के तारों की धातु पर निर्भर करता है।
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आज के इस लेख में ताप विद्युत क्या है? किसे कहते हैं यानी what is thermoelectricity in hindi से संबंधित जानकारी लेकर आया हूं, बताएगा इसकी परिभाषा व किस्से प्रदर्शित करते है।
तापविद्युत क्या है - what is thermoelectricity in hindi
वह विद्युत, जो दो असमान धातुओं के तारों की संधि को गर्म करने पर इन तारों के परिपथ में प्रवाहित होने लगती है तापविद्युत (thermoelectricity) कहते हैं।इस तथ्य को सर्वप्रथम सीबेक ने सन् 1821 में ताँबे और बिस्मथ के तारों की संधि को गर्म करके इसका आविष्कार किया था। उपर्युक्त परिपथ में उत्पन्न विद्युत वाहक बल न्यून होता है।
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- विज्ञान किसे कहते हैं
- भौतिक विज्ञान किसे कहते हैं
- रसायन विज्ञान किसे कहते हैं
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1] परिपथ के तारों की धातु की प्रकृति पर,
2] असमान धातुओं के तारों की दोनों संधियों के तापांतर पर,
3] इन संधियों के औसत ताप पर।
विद्युत वाहक बल को मापने के लिये असमान धातुओं के तारों के ठंढे सिरे विभवमापी से जोड़ दिए जाते हैं। यदि परिपथ में किसी दूसरी धातु का तार श्रेणी क्रम में कर दिया जाए तो ताप विद्युत् प्रभावों में परिवर्तन नहीं होता। यदि सीबेक विद्युत वाहक बल का परिमाण (E) तथा ठंढी संधि का तापांतर (T) एवं यदि एक संधि का ताप शून्य डिग्री सेल्सियस हो.
तो E व T का संबंध निम्नलिखित सूत्र में ज्ञात किया जाता है:
E = AT + BT2
जहाँ A व B तापविद्युत् स्थिरांक हैं, तथा इनका मान परिपथ के तारों की धातु पर निर्भर करता है।
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- विज्ञान किसे कहते हैं
- भौतिक विज्ञान किसे कहते हैं
- रसायन विज्ञान किसे कहते हैं
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