प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है किसे कहते हैं What is photoelectric effect in hindi
prakash vidyut prabhav kya hai
आज का यह लेख मुख्य रूप से प्रकाश विद्युत प्रभाव (Photoelectric Effect) से संबंधित लेकर आया हूं जिसमें बताया जाएगा कि क्या है किसे कहते हैं। और इसके सूत्र परिभाषा व अन्य सूचना को आपको दिया जाता है।
प्रकाश विद्युत प्रभाव की क्रिया में जो इलेक्ट्रॉन निकलते हैं उन्हें प्रकाश-इलेक्ट्रॉन (photoelectrons) कहते हैं।
1887 मे एच. हर्ट्स ने यह प्रयोग किया। इसमे कुछ धातुओ (जैसे-पोटैशियम, सीज़ियम, रूबीडियम इत्यादि) की सतह पर उपयुक्त आवृति वाला प्रकाश डालने पर उसमे से इलेक्ट्रॉन निष्काषित होते हैं। इस परिघटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते है।
इस प्रयोग से प्राप्त परिणाम निम्न प्रकार:-
1] धातु की सतह से प्रकाशपुंज टकराते ही इलेक्ट्रॉन निष्काषित हो जाता है। अर्थात् प्रकाश पड़ने और इलेक्ट्रॉन निकलने मे कोई समय अंतराल नहीं होता है ।
2] निष्काषित इलेक्ट्रोनों की संख्या प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है ।
3] प्रत्येक धातु के लिए एक अभिलक्षणिक न्यूनतम आवृति होती है। जिसे देहली आवृति कहते है।
देहली आवृति से कम आवृति पर प्रकाश विध्युत प्रभाव प्रदर्शित नही होता है।
f ≥ fο आवृति पर निष्काषित इलेक्ट्रोनो की कुछ गतिज ऊर्जा होती है।
यह भी पढ़ें
निष्काषित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा निम्न समीकरण से दी जाती है:-
hf=hf0+½MVm²
इसको निम्नलिखित प्रकार से भी लिखा जा सकता है:-
hf=Φ+Ek
जहाँ
h= प्लैंक नियतांक है,
f0= देहली आवृत्ति है (फोटॉन की न्यूनतम आवृत्ति जो प्रकाश-इलेक्टान निकालने में सक्षम है),
Φ= कार्य फलन (वर्क फंक्शन = पदार्थ के अन्दर से फर्मी लेवेल वाले इलेक्त्रानों को बाहर निकालने के लिये आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा) है
Ek= प्रयोग में प्राप्त इलेक्ट्रानों की अधिकतम ऊर्जा है।
यह भी पढ़ें
prakash vidyut prabhav kya hai
आज का यह लेख मुख्य रूप से प्रकाश विद्युत प्रभाव (Photoelectric Effect) से संबंधित लेकर आया हूं जिसमें बताया जाएगा कि क्या है किसे कहते हैं। और इसके सूत्र परिभाषा व अन्य सूचना को आपको दिया जाता है।
प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है/ What is photoelectric effect in hindi
जब कोई भी पदार्थ (धातु या अधातु ठोस, द्रव या गैसें) किसी विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे एक्स-रे, दृष्य प्रकाश इत्यादि) से ऊर्जा शोषित करने के पश्चात इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है या इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन करता हैं तो प्रकाश के इस प्रभाव को प्रकाश विद्युत प्रभाव यानी Photoelectric Effect कहते हैं।प्रकाश विद्युत प्रभाव की क्रिया में जो इलेक्ट्रॉन निकलते हैं उन्हें प्रकाश-इलेक्ट्रॉन (photoelectrons) कहते हैं।
1887 मे एच. हर्ट्स ने यह प्रयोग किया। इसमे कुछ धातुओ (जैसे-पोटैशियम, सीज़ियम, रूबीडियम इत्यादि) की सतह पर उपयुक्त आवृति वाला प्रकाश डालने पर उसमे से इलेक्ट्रॉन निष्काषित होते हैं। इस परिघटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते है।
इस प्रयोग से प्राप्त परिणाम निम्न प्रकार:-
1] धातु की सतह से प्रकाशपुंज टकराते ही इलेक्ट्रॉन निष्काषित हो जाता है। अर्थात् प्रकाश पड़ने और इलेक्ट्रॉन निकलने मे कोई समय अंतराल नहीं होता है ।
2] निष्काषित इलेक्ट्रोनों की संख्या प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है ।
3] प्रत्येक धातु के लिए एक अभिलक्षणिक न्यूनतम आवृति होती है। जिसे देहली आवृति कहते है।
देहली आवृति से कम आवृति पर प्रकाश विध्युत प्रभाव प्रदर्शित नही होता है।
f ≥ fο आवृति पर निष्काषित इलेक्ट्रोनो की कुछ गतिज ऊर्जा होती है।
यह भी पढ़ें
- विज्ञान किसे कहते हैं
- भौतिक विज्ञान किसे कहते हैं
- रसायन विज्ञान किसे कहते हैं
- जीव विज्ञान किसे कहते हैं
निष्काषित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा निम्न समीकरण से दी जाती है:-
hf=hf0+½MVm²
इसको निम्नलिखित प्रकार से भी लिखा जा सकता है:-
hf=Φ+Ek
जहाँ
h= प्लैंक नियतांक है,
f0= देहली आवृत्ति है (फोटॉन की न्यूनतम आवृत्ति जो प्रकाश-इलेक्टान निकालने में सक्षम है),
Φ= कार्य फलन (वर्क फंक्शन = पदार्थ के अन्दर से फर्मी लेवेल वाले इलेक्त्रानों को बाहर निकालने के लिये आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा) है
Ek= प्रयोग में प्राप्त इलेक्ट्रानों की अधिकतम ऊर्जा है।
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- विज्ञान किसे कहते हैं
- भौतिक विज्ञान किसे कहते हैं
- रसायन विज्ञान किसे कहते हैं
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