चुम्बक [Magnet] चुम्बकत्व किसे कहते हैं । प्रकार । उपयोग । प्राक्रतिक । कृत्रिम । विद्युत चुम्‍बक । चुम्बकीय बल रेखाएँ । पदार्थ

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चुम्बक (Magnet) । चुम्बकत्व किसे कहते हैं
चुम्बक (Magnet)


चुम्‍बक (Magnet) किसे कहते है

चुम्बक करीब 600 ईसा पूर्व मैग्‍नीशिया नामक स्थान पर प्राप्‍त हुआ, पत्‍थर जिसमे लोहे के छोटे छोटे टुकडों को अपनी और आकर्षित करने का गुण पाया गया था उसे मैग्‍नेट कहा गया, जिसे हिन्‍दी मे चुंबक कहते है।

चुम्‍बक मैग्‍नाइट अयस्‍‍क है जो कि लोहे का आक्‍साइड होता है । 

प्राकृतिक चुम्बक लोहे का ऑक्साइड (Fe,O,) है। इसका कोई निश्चित आकार नहीं होता है।

कृत्रिम विधियों द्वारा बनाए गये चुम्बक को कृत्रिम चुम्बक कहते हैं। यह लोहा, इस्पात कोबाल्ट आदि से बनाया जा सकता है। यह विभिन्न आकृति की होती है, जैसे- छड़ चुम्बक, घोड़ानाल चुम्बक, चुम्बकीय सूई आदि ।


चुम्बकत्व किसे कहते हैं जाने 

चुम्बक लोहे को अपनी ओर आकर्षित करता है, इस गुण को चुम्बकत्व कहते हैं। चुम्बक के सिरों के समीप चुम्बकत्व सबसे अधिक होता है। वे क्षेत्र चुम्बक के ध्रुव कहलाते हैं।

चुम्बक के ठीक मध्य में चुम्बकत्व नहीं होता ।

चुम्बक को क्षैतिज तल में स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर उसका एक ध्रुव सदैव उत्तर की ओर तथा दूसरा ध्रुव सदैव दक्षिण की ओर ठहरता है। उत्तर की ओर ठहरने वाले ध्रुव को उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिण की ओर ठहरने वाले
को दक्षिणी ध्रुव कहते हैं।

चुम्बक के दो ध्रुवों को मिलाने वाली रेखा को चुम्बकीय अक्ष कहते हैं।

समान ध्रुव में प्रतिकर्षण एवं असमान ध्रुव में आकर्षण होता है ।

चुम्बक चुम्बकीय पदार्थों में प्रेरण द्वारा चुम्बकत्व उत्पन्न कर देता है।


चुम्‍बक के प्रमुख प्रकार नीचे दिए है(type of  magnet )


  • प्राक्रतिक चुम्‍बक
  • कृत्रिम चुम्‍बक
  • विद्युत चुम्‍बक



प्राक्रतिक चुम्‍बक किसे कहते हैं

जो चुम्बक प्राक्रतिक रूप मिली हो उसे चुम्‍बक को प्राक्रतिक चुम्‍बक कहते है। जैसे की मैग्‍नेटाइट के पत्‍थर आदि।


कृत्रिम चुम्‍बक किसे कहते हैं

कृत्रिम चुम्‍बक लोहे या इस्‍पात के कृत्रिम तरीके से बनाये जाते है या कृत्रिम तरीके से निर्माण किया गया चुम्बक, कृत्रिम चुम्‍बक कहलाते है। जैसे कि छड चुम्‍बक, चुम्‍बकीय सुई चुम्‍बक आदि।


विद्युत चुम्‍बक किसे कहते हैं

विद्युत चुम्‍बक किसी विद्युत रोधी पदार्थ जैसे कार्ड बोर्ड की नलिका पर तॉंबे के तार के फेरे लपेटकर एक कुण्‍डली बनायी जाती है। फिर उसमें विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह एक दण्‍ड चुम्‍बक की तरह ही अपना व्‍यवहार करने लगती है तो इसे विद्युत चुम्‍बक कहा जाता है ।


चुम्बक की संरचना

हर एक अणु का अपना एक चुम्बकीये क्षेत्र होता है। वैसे तो चुम्बकीये क्षेत्र सभी पदार्थो के अणुओं में पाया जाता है लेकिन चुम्बक के अणु एक खास तरह की संरचना बनाते हैं।
जहाँ बाकी सारे पदार्थो का चुम्बकीये क्षेत्र अलग-अलग दिशाओं में पाया जाता है, जिससे की उनका कुल नेट मेग्नेटिक फील्ड शून्य हो जाता है। लेकिन इस में ये सभी चुम्बकीय क्षेत्र एक ही दिशा में संरेखित होते हैं और इसी कारण इस का चुंबकीय क्षेत्र अति शुद्ध और कहीं अधिक शक्तिशाली होता है।
 दूसरे शब्दों में हर पदार्थ के हर इलेक्ट्रॉन का एक चुंबकीय क्षेत्र होता है। लेकिन केवल चुम्बक में ही ये सभी सूक्ष्म चुम्बकीय क्षेत्र एक दिशा में आकर एक बन जाते हैं और तब एक अधिक शक्ति शाली मैग्नेटिक फील्ड, जिसे नेट मेग्नेटिक फील्ड भी कहते हैं, यह पैदा होता है।


चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field) किसे कहते हैं जाने


चुम्बक के चारों ओर वह क्षेत्र, जिसमें चुम्बक के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है, चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।

चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता क्या होती है जाने
चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् एकांक लम्बाई का ऐसा चालक तार रखा जाए जिसमें एकांक प्रबलता की धारा प्रवाहित हो रही हो तो चालक पर लगने वाला बल ही चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की माप होगी । चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि है। इसका मात्रक न्यूटन/ऐम्पियर-मी. अथवा वेबर/मी2 या टेसला (T) होता है।


चुम्बकीय बल रेखाएँ किसे कहते हैं (Magnetic Lines of Force)


चुम्बकीय क्षेत्र में बल रेखाएँ वे काल्पनिक रेखाएँ हैं। जो उस स्थान में चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को अविरत प्रदर्शन करती हैं। चुम्बकीय
बल-रेखा के किसी भी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श-रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।


चुम्बकीय बल रेखाओं के मुख्य गुण 


  1. चुम्बकीय बल-रेखाएँ सदैव चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से निकलती हैं तथा वक्र बनाती हुई दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश कर जाती हैं और चुम्बक के अन्दर से होती हुई पुनः उत्तरी ध्रुव पर वापस आती हैं।
  2. दो बल रेखाएँ एक दूसरे को कभी नहीं काटतीं ।
  3. चुम्बकीय क्षेत्र जहाँ प्रबल होता है वहाँ बल रेखाएँ पास-पास होती हैं।
  4. एक समान चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखाएँ परस्पर समान्तर एवं बराबर बराबर दूरियों पर होती हैं।

प्रमुख प्रकार के चुम्बकीय पदार्थ (Magnetic Substances) निम्न है

  • प्रति चुम्बकीय पदार्थ
  • अनुचुम्बकीय पदार्थ
  • लौह चुम्बकीय

प्रति चुम्बकीय पदार्थ (Dia-Magnetic Substances) किसे कहते हैं

प्रति चुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं, जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बकित हो जाते हैं। जस्ता, बिस्मथ,हीरा, नमक, जल, ताँबा, चाँदी, सोना,  आदि प्रति चुम्बकीय पदार्थों के उदाहरण हैं।

अनुचुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं

अनुचुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं, जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर क्षेत्र की दिशा में थोड़ी सी (एक से कम) चुम्बकीय हो जाते हैं। प्लैटिनम, क्रोमियम, सोडियम, एल्युमिनियम, ऑक्सीजन आदि इसके उदाहरण हैं।


लौह चुम्बकीय  क्या है

वे पदार्थ हैं, जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर क्षेत्र की दिशा में प्रबल रूप से चुम्बकित हो जाते हैं। लोहा,कोबाल्ट, इस्पात, निकल इसके उदाहरण हैं।

चुम्बक के प्रमुख उपयोग


  • कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क पर पतली चुम्बकीय परत चढाकर उस पर आंकड़े संरक्षित किये जाते हैं।,
  • भारी खनिजों के लिये चुम्बकीय हस्त छन्नी,
  • कण त्वरक में आवेश पुंज को फोकस करने के ले प्रयुक्त् चतुर्ध्रुवी चुम्बक (क्वाड्रुपोल मैग्नेट),
  • विद्युत मोटर एवं विद्युत जनित्र में,
  • विद्युत क्लच में,
  • चुम्बकीय बीयरिंग में
  • चुम्बकीय क्रेनों में,
  • किसी लौहचुम्बकीय अयस्क के पृथक्करण में,
  • मेटलवर्किंग में प्रयुक्त चक में ,
  • चुम्बकीय रिकार्डिंग के विभिन्न माध्यम : फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क, ऑडियो टेप, आदि,
  • क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड आदि में एक चुम्बकीय पट्टी उपयोग में लायी जाती है। इस पट्टी पर कुछ आंकड़े और सूचनाएँ दर्ज की गयी होती हैं,
  • परम्परागत टीवी एवं कम्प्यूटर के मॉनिटर में,
  • लाउडस्पीकर एवं माइक्रोफोन में,
  • चुम्बकीय दिक्सूचक (कम्पास या कुतुबनुमा) में,
  • मास-स्पेक्ट्रोमीटर में
  • चुम्बकीय लेविटेशन पर आधारित यातायात के लिये,
  • रिले, कान्टैक्टर एवं सर्किट ब्रेकर में
  • बहुत से खिलौनो में


इस लेख में मैंने सभी प्रकार से चुम्बक, चुम्बकत्व किसे कहते हैं, इस के प्रकार,कृत्रिम, विद्युत चुम्‍बक, उपयोग, प्राक्रतिक,  चुम्बकीय बल रेखाएँ सभी जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया नीचे कमेंट अवश्य करें।

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