भूगोल किस कहते हैं । भूगोल के जनक । इसकी परिभाषा । शाखाएं
हिकेटियस ने अपनी पुस्तक जस पीरियोडस अर्थात 'पृथ्वी का वर्णन' में सर्वप्रथम भौगोलिक तत्वों का क्रमबद्ध समावेश किया। bhugol kise kahte hain bhugol ke janak
अध्ययन के लिए स्वतंत्र विषय के रूप में भूगोल को 19वीं शताब्दी में ही मान्यता मिली ।20वीं शताब्दी के आरंभ में भूगोल मनुष्य और पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों के अध्ययन के रूप में विकसित हुआ।
इसकी दो विचारधाराएँ थीं-
1. संभववाद:- इसके अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृतिप्रदत्त अनेक संभावनाओं को अपनी इच्छा के अनुसार उपयोग कर सकता है। इस विचारधारा के समर्थक हैं भूगोलवेत्ता- वाइडल- डि-ला ब्लाश और फैब्रे ।
2. निश्चयवाद :- इसके अनुसार मनुष्य के सारे काम पर्यावरण द्वारा निर्धारित होते हैं; अतः मनुष्य को स्वेच्छापूर्वक कुछ करने की
स्वतंत्रता कम है । इस विचारधारा के प्रमुख समर्थक हैं- भूगोलवेत्ता रिटर, रैटजेल (नवीन निश्चयवाद का संस्थापक) , एलन सेम्पुल और हटिंगटन ।
भूगोल की प्रमुख शाखाओं के जनक
1. भूगोल का जनक कौन है
हिकेटियस
2. वर्तमान भूगोल का जनक-अलेक्जेण्डर वॉन हम्बोल्ट
3. व्यवस्थित भूगोल का जनक कौन है
इरैटॉस्थनीज
4. ज्योग्रैफिका शब्द का प्रथम प्रस्तावक कौन है
इरैटॉस्थनीज
5. भौतिक भूगोल का जनक कौन है
पोलीडोनियम
6. सांस्कृतिक भूगोल का जनक कौन है
कार्ल-ओ सावर
7. गणितीय भूगोल के संस्थापक कौन है
थेल्स व एनेक्सीमीण्डर
8. विश्व ग्लोब का निर्माता कौन है
मार्टिन बैहम
9. विश्व मानचित्र के निर्माणकर्त्ता कौन है
अनेग्जी मेण्डर
10. भौगोलिक विश्वकोश का रचनाकार कौन है
स्ट्राबो
भूगोल की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ
1. स्ट्रैबो के अनुसार:
"भूगोल एक ऐसा स्वतंत्र विषय है जिसका उद्देश्य लोगों को विश्व, आकाशीय पिंडों, स्थल, महासागरों, जीव जन्तुओं, वनस्पति, फलों तथा भू-धरातल के क्षेत्रों में देखी जाने वाली प्रत्येक अन्य वस्तु का ज्ञान प्राप्त कराना है।" bhugol kise kahte hain bhugol ke janak
2. कलैडियस, टॉलमी के अनुसार:
"भूगोल पृथ्वी की झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विज्ञान है।"
3. कार्ल रिटर के अनुसार:
"भूगोल वह विज्ञान है, जिसमें पृथ्वी को स्वतंत्र ग्रह के रूप में मान्यता देते हुए उसके समस्त लक्षणों, घटनाओं एवं उसके अन्तः सम्बन्ध का अध्ययन किया जाता है।"
4. ऑर्थर होम्स के अनुसार :
"भूगोल में पृथ्वी के उस भाग का अध्ययन किया जाता है, जो मानव के रहने का स्थान है।"
भूगोल की प्रमुख शाखाएं
मुख्य रूप से भूगोल की दो शाखाएं होती है(1) भौतिक भूगोल ( 2) मानव भूगोल
भौतिक भूगोल
भौतिक भूगोल एक प्रकार की प्रमुख रूप से भूगोल की शाखा है। जिसमें पृथ्वी के भौतिक प्रकार के तथ्यों का भौगोलिक अध्ययन किया जाता है । भौतिक भूगोल में वायुमण्डल, स्थलमंडल,और जलमंडल के भौतिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है।(1) भूआकृति विज्ञान (Gemophology) :
यह भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें स्थलमंडल के भौतिक तत्वों का अध्ययन किया जाता है। इसके अन्तर्गत भूआकृतियों की उत्पत्ति एवं विकास का अध्ययन किया जाता है।
(2) जलवायु विज्ञान (Climatology) :
जलवायु विज्ञान के अन्तर्गत जलवायविक तत्वों, उनकी उत्पत्ति एवं संघटन तथा प्राकृतिक पर्यावरण पर उनके प्रभावों और उससे सम्बन्धों का अध्ययन सम्मिलित होता है।
इसकी दो उपशाखाएं हैं-
(a) भौतिक जलवायु विज्ञान:-
जिसमें मौसम और जलवायु के तथ्वों तथा प्रक्रमों से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है।
(b) प्रादेशिक जलवायु विज्ञान के अन्तर्गत विश्व के विशिष्ट प्रदेशों की जलवायु का अध्ययन सम्मिलित होता है।
(3) मृदा भूगोल :
भौतिक भूगोल की इस शाखा में मिट्टी के स्थानिक वितरण तथा उसके लक्षण, उपयोग आदि का अध्ययन किया जाता है।
(4) चिकित्सा भूगोल :
इसमें मानवीय बीमारियों, रोगों, दुर्भिक्ष आदि के स्थानिक वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। चिकित्सा भूगोल में मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय कारकों का अध्ययन भी सम्मिलित होता है। यह पर्यावरण भूगोल के अधिक समीप है जिसके कारण कुछ लोग इसे पर्यावरण भूगोल की ही एक शाखा मानते हैं।
मानव भूगोल
मानव भूगोल में मनुष्य तथा उसके पर्यावरण के मध्य पारस्परिक सम्बन्धों तथा उससे उतपन्न भूदृश्यों एवं तथ्यों का अध्ययन किया जाता है। इसके अन्तर्गत समस्त मानवीय क्रियाओं एवं गुणों का भौगोलिक अध्ययन सम्मिलित होता है। मानव भूगोल की शाखाओं में आर्थिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, अधिवास भूगोल, राजनीतिक भूगाल, सामाजिक भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, ऐतिहासिक भूगोल आदि प्रमुख हैं-(1) आर्थिक भूगोल :
आर्थिक भूगोल के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाओं के वितरण प्रतिरूपों तथा उन कारकों और प्रक्रमों का अध्ययन किया जाता है जो भूतल पर इन प्रतिरूपों के क्षेत्रीय विभेदशीलता को प्रभावित करते हैं। आर्थिक भूगोल में मृदा, जल, जैव तत्व, खनिज, ऊर्जा आदि प्राकृतिक संसाधनों, आखेट, मत्स्याखेट, पशुपालन, वनोद्योग, कृषि, निर्माण उद्योग, परिवहन, संचार, व्यापार एवं वाणिज्य आदि आर्थिक क्रियाओं तथा अन्य आर्थिक पक्षों एवं संगठनों के अध्ययन को सम्मिलित किया जाता है।
(2) जनसंख्या भूगोल :
जनसंख्या भूगोल में जनसंख्या के वितरण, घनत्व, संघटन (आयु, वर्ग, साक्षरता, लिंगानुपात, व्यावसायिक संरचना, ग्रामीण नगरीय अनुपात आदि), जनसंख्या स्थानांतरण (प्रवास), जनसंख्या वृद्धि, जनसंख्या-संसाधन सम्बन्ध, जनसंख्या समस्या आदि का अध्ययन सम्मिलित होता है।
(3) अधिवास भूगोल :
अधिवास भूगोल की दो उप-शाखाएं हैं - ग्रामीण भूगोल और नगरीय भूगोल । ग्रामीण भूगाल (या ग्रमीण अधिवास भूगोल) में ग्रामीण अधिवासों (ग्रामों) का और नगरीय भूगोल में नगरीय अधिवासों (नगरों) का भौगोलिक अध्ययन किया जाता है।
(4) राजनीतिक भूगोल :
राजनीतिक भूगोल में रानीतिक रूप से संगठित क्षेत्रों (राष्ट्र् देशों) की सीमा, विस्तार, उनके विभिन्न घटकों, उप-विभागों, शासित भू-भागों, संसाधनों तथा आंतरिक एवं बाह्य राजनीतिक सम्बन्धों आदि का अध्ययन सम्मिलित होता है।
(5) सामाजिक भूगोल :
सामाजिक भूगोल के अन्तर्गत सामाजिक वर्गों, सामाजिक प्रक्रियाओं, सामाजिक विशेषताओं, सामाजिक संगठनों, सामाजिक समस्याओं आदि का भौगोलिक अध्ययन सम्मिलित होता है।
(6) सांस्कृतिक भूगोल :
सांस्कृतिक भूगोल मानव भूगोल की एक शाखा है। जो सांस्कृतिक तथ्यों के अध्ययन से सम्बन्धित है। किन्तु कभी-कभी इसे मानव भूगोल का समानार्थी भी माना जाता है विशेष रूप से जब मानवीय के स्थान पर सांस्कृतिक शब्दाबली का प्रयोग किया जाता है। इसमें मानव विकास से सम्बन्धित सांस्कृतिक प्रक्रियाओं के भौगोलिक विश्लेषण पर विशेष बल दिया जाता है।
(7) ऐतिहासिक भूगोल :
विश्व में घटित होने वाली सभी घटनाएं कहीं न कहीं पृथ्वी के तल से संबंधित होती हैं और प्रत्येक तत्व चाहे वह प्राकृतिक हो या मानवीय, उसकी स्थिति भी धरातल पर ही पायी जाती है। bhugol kise kahte hain bhugol ke janak
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