वायुमंडल किसे कहते हैं । वायुमंडल की संरचना । इस की सभी परतें । इस का वर्णन कीजिए
दोस्तो आज के इस लेख में में आपको वायुमंडल के बारे में यह किसे कहते हैं । इस की संरचना । इसकी सभी परतें और इन सभी वर्णन कीजिए मैंने इस लेख में बताया है ।जिसे जानकर आपको अच्छा लगेगा।वायुमंडल किसे कहते हैं
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को वायुमंडल कहते हैं । वायुमंडल की ऊपरी परत के अध्ययन को वायुर्विज्ञान और निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान कहते हैं।वायुमंडल की संरचना
वायुमंडल की संरचना निम्न प्रकार की परतों के द्वारा व्यक्त किया गया है
- क्षोभमंडल
- समताप मंडल
- ओजोन मंडल
- आयनमंडल
- बाह्य मंडल
क्षोभमंडल
इसकी ऊंचाई धूर्वो पर 8 km तथा विषुवत रेखा पर लगभग 18 km की होती है।
सभी मुख्य वायुमंडलीय घटनाएँ जैसे बादल,आंधी एवं वर्षा इसी मंडल में होती हैं।
क्षोभ मंडल में तापमान की गिरावट की दर प्रति 165 मी. ऊँचाई पर 1°C अथवा 1 किमी. की ऊँचाई पर 6.4°C होती है।
इस मंडल को संवहन मंडल कहते हैं। क्योंकि संवहन धाराएँ इसी मंडल की सीमा तक सीमित होती हैं। इस मंडल को अधो मंडल भी कहते हैं।
समतापमंडल
इसमें मौसमी घटनाएँ जैसे आँधी, बादलों की गरज, बिजली कड़कना, धूल-कण एवं जलवाष्प आदि कुछ नहीं होती हैं।
इस मंडल में वायुयान उड़ाने की आदर्श दशा पायी जाती है।
कभी-कभी इस मंडल में विशेष प्रकार के मेघों का निर्माण होता है, जिन्हें मूलाभ मेघ कहते हैं।
ओजोनमंडल
यह मंडल धरातल से 32 किलोमीटर से 60 किमी. के मध्य ओजोन मंडल पाया जाता है।ओजोन मंडल में ओजोन गैस की एक परत पायी जाती है, जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। इसीलिए इस मंडल को पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहते हैं।
इस मंडल में ऊँचाई के साथ तापमान बढ़ता जाता है; प्रति एक किलोमीटर की ऊँचाई पर तापमान में 5°C की वृद्धि होती है ।
ओजोन परत की मोटाई नापने में डाब्सन इकाई का प्रयोग कियाजाता है।
ओजोन परत को नष्ट करने वाली गैस CFC है, जो एयर कंडीशनर, रेप्रीजरेटर आदि से निकलती है। ओजोन परत में क्षरण CFC में उपस्थित सक्रिय क्लोरीन (CI) के कारण होती है।
आयनमंडल
इस मंडल में सबसे नीचे स्थित D- layer से long radiowaves एवं E,E, और F,,F, परतों से shaort radio wave परावर्तित होती है जिसके फलस्वरूप पृथ्वी पर रेडियो, टेलीविजन, टेलिफोन एवं रडार आदि की सुविधा प्राप्त होती है । संचार उपग्रह इस
मंडल में अवस्थित होते है ।
बाह्यमंडल
बाह्यमंडल कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं है।
इस मंडल में हाइड्रोजन एवं हीलियम गैस की प्रधानता होती है।
इस मंडल की महत्वपूर्ण विशेषता इसमें औरोरा आस्ट्रालिस एवं औरोरा बोरियालिस की होने वाली घटनाएँ हैं। औरोरा का शाब्दिक अर्थ होता है प्रातःकाल जबकि बोरियालित तथा आस्ट्रालिस का अर्थ क्रमशः 'उत्तरी' एवं 'दक्षिणी' होता है।इसी कारण उन्हें उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश दक्षिणी ध्रुवीय प्रकाश कहा जाता है।
वास्तव में औरोरा ब्रह्माण्डीय चमकते प्रकाश होते हैं, जिनया निर्माण चुम्बकीय तूफान के कारण सुर्य की सतह से विसर्जित इलेक्ट्रॉन तरंग के कारण होता है।
औरोरा ध्रुवीय आकाश में लटके विचित्र बहरंगी आतिशबाजी के तरह दिखाई पड़ते हैं। ये प्रायः आधी रात के समय दृष्टिगत हैं।
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