प्रदूषण किसे कहते हैं|प्रदूषण के प्रकार|प्रदूषण की परिभाषा - What is pollution. Type of in hindi

हेलो दोस्तों आज मैं आपको इस लेख में आपके लिए प्रदूषण के बारे में बताने जा रहा है कि प्रदूषण किसे कहते है । और इस के कितने प्रकार प्रमुख होते है ।इसके सभी प्रकार को मैंने समझाया है।

प्रदूषण की परिभाषा(Pollution In Hindi.Defination)

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प्रदूषण



प्रदूषण किसे कहते है इसके प्रकार - 

पर्यावरण में अंदर दूषित पदार्थों के मिलने के कारण प्राकृतिक के संतुलन में जो दोष उत्तपन्न होता है, उसे प्रदूषण को कहते हैं।

प्रदूषक पर्यावरण और जीव-जन्तुओं को हानि देते हैं। प्रदूषण का अर्थ - पानी,हवा, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से गंदा हो जाना', जिसका मानव एवं अन्य जीवों पर प्रत्यक्ष रूप से बुरा प्रभाव पड़ता है तथा पारिस्थितिक तंत्र को भी इसके द्वारा अप्रत्यक्ष प्रभाव होते हैं। आज के समय में पर्यावरणीय अवनयन का यह एक मुख्य कारण है।
  • उत्तोलक क्या है
कुदरत के द्वारा निर्माण की वस्तुओं के अवशेष को जब मानव के द्वारा निर्माण की गई वस्तुओं के अवशेष के साथ मिला दिया जाता है। तब दूषक या प्रदूषक पदार्थों का निर्माण होता है।ये दूषक पदार्थों का पुनर्चक्रण नहीं किया जा सकता है।

कोई भी कार्य को पूरा करने के बाद अवशेषों को अलग अलग रखने से इनका पुनःचक्रण वस्तु का वस्तु एवं उर्जा में किया जाता है।

  •  परासरण दाब क्या है
पृथ्वी के वायुमंडल का वातावरण स्तरीय है। इसके नजदीक लगभग 50 km ऊँचाई पर स्ट्रेटोस्फीयर है जिसमें ओजोन परत स्तर होता है। यह स्तर सूर्यप्रकाश की पराबैंगनी (Ultraviolet) किरणों को अपने अंदर शोषित कर उसे पृथ्वी तक पहुंचने से रोकता है। इस समय ओजोन परत स्तर का तेजी से विघटन हो रहा है, पृथ्वी के वातावरण में स्थित क्लोरोफ्लोरो कार्बन (Chloro fluoro carbon) गैस के कारण ओजोन परत स्तर का विघटन हो रहा है।

/प्रदूषण के मुख्य प्रकार/

  1. वायु प्रदूषण (Air pollution)
  2. जल प्रदूषण (Water pollution)
  3. मृदा प्रदूषण( soil pollution)
  4. ध्वनि प्रदूषण (noise pollution)
  5. रेडियोधर्मी प्रदूषण( radioactive pollution)
  6. प्रकाश प्रदूषण (light pollution)
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1)वायु प्रदूषण (Air pollution): -

पृथ्वी के वायुमंडल में धूल,मिट्टी,रसायन तथा अन्य सुक्ष्म कणों का वायु में मिलना वायु प्रदूषण कहलाता हैं। अधिकतर वायु प्रदूषण कार्बन मोनोआक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी),उद्योगों और मोटर वाहनों से बाहर निकलने वाली गैसों नाइट्रोजन आक्साइड जैसे प्रदूषको से होता है। धुआँसा वायु प्रदूषण का परिणाम है। धूल और मिट्टी के सूक्ष्म कण श्वास के साथ फेफड़ों में पहुंच जाते है और कई बीमारियाँ पैदा होने की संभावना होती हैं।

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2)जल प्रदूषण (Water pollution):-

जल के अंदर खराब कचरे या बेकार पानी मिल जाने से जल प्रदूषित हो जाता है।जल में अवाच्छित घरेलू सीवेज के निर्वहन और क्लोरीन जैसे रासायनिक पदार्थ के मिलने से जल प्रदूषण फैलता है। जल प्रदूषण मानव जाति,पौधों और पानी में रहने वाले जीवों की प्रजातियों को प्रभावित करता है उन्हें हानि पहंचाते है। इसका प्रभाव बहुत हानिकारक होता है।

3)मृदा प्रदूषण( soil pollution)

कारखानों के खराब कचरे,के मृदा में मिलने से मृदा प्रदुषण होता है।ठोस कचरे के फैलने और रासायनिक पदार्थों के रिसाव से मृदा में प्रदूषण फैलता है।

4)ध्वनि प्रदूषण (noise pollution)

अत्यधिक तेज शोर जिससे हमारी दिनचर्या बाधित हो,हमें यह सुनने में बहुत अप्रिय महसूस हो, ध्वनि प्रदूषण है।


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5)रेडियोधर्मी प्रदूषण( radioactive pollution)

परमाणु ऊर्जा के उत्पादन करने और परमाणु हथियारों के अनुसंधान में, निर्माण और तैनाती के दौरान उत्पन्न होने वाला प्रदुषण रेडियोधर्मी प्रदूषण होता है।

6)प्रकाश प्रदूषण (light pollution)

यह प्रदुषण अत्यधिक ज्यादा कृत्रिम प्रकाश के कारण उत्पन्न होता है।


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