भारत में रेल का विकास कैसे हुआ
भारत में रेल का विकास कैसे हुआ
यातायात के क्षेत्र में रेलों के विकास का महत्वपूर्ण योगदान है । कच्चे माल को देश के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने के लिए, एक सुदृढ़ परिवहन व्यवस्था स्थापित करने के लिए, लार्ड डलहौजी ने 1844 में भारत में रेलें चलाने की योजना बनाई।
रेलों के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं।
1) अधिक यात्रियों के लिए लम्बी दूरी की यात्रा तय करने का उत्तम साधन है ।
2)आपातकालीन स्थिति अथवा अकाल पड़ने पर आवश्यक वस्तुयें, खाद्य सामग्री, कपड़े दवाइयाँ कम समय में प्रभावित क्षेत्र में पहुँचायी जा सकती हैं ।
3) कृषि, उद्योग तथा व्यापार के उत्थान में रेलें मुख्य भूमिका निभाती हैं।
4) देश के सभी भागों में आसानी से तथा कम समय में पहुँचा जा सकता है । रेलसेवा दिन रात उपलब्ध रहती है।
5) रेल परिवहन अन्य परिवहनों की तुलना में सुरक्षित, सुविधाजनक, सुखदायक तथा संस्ता होता है।
6) बड़े-बड़े निर्माण कार्यों, जैसे बाँध, विद्युत् गृह, मिल, नहर के लिए भारी तथा बड़ी मात्रा में सामान पहुँचाने के लिए रेलमार्ग अति आवश्यक है ।
7) रेल्वे विभाग में लाखों लोगों को दृश्य तथा अदृश्य रूप में रोजगार मिलता हैं, जिससे देश में बेकारी की समस्या कम होती है।
8) रेलें सरकार की आय का मुख्य स्रोत हैं।
9) देश में कानून व्यवस्था (law and order) बनाये रखने में रेलें बड़ा योगदान देती हैं ।
10) युद्ध काल में सेना तथा सैनिक सामान देश की सीमाओं तक ले जाने में रेलें बहुत उपयोगी सिद्ध होती हैं।
भारत में रेल का विकास कैसे हुआ
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भारतीय रेल
आज में इस पोस्ट में आपको यह बताने जा रहा हूं कि भारत ने रेल का विकास कैसे हुआ और इसी बारे ने बहुत सारे रेल से जुड़े तथ्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता हूं।तो चलिए आगे देखिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।भारत में रेल का विकास कैसे हुआ
यातायात के क्षेत्र में रेलों के विकास का महत्वपूर्ण योगदान है । कच्चे माल को देश के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने के लिए, एक सुदृढ़ परिवहन व्यवस्था स्थापित करने के लिए, लार्ड डलहौजी ने 1844 में भारत में रेलें चलाने की योजना बनाई।
भारत में रेल का विकास कैसे हुआ
ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्वीकृति मिलने पर विभिन्न प्राइवेट कम्पनियों में रेल पथ का काम शुरु किया और 16 अप्रेल 1853 में भारत में पहली रेलगाड़ी बम्बई तथा थाना के बीच चलाई गई । रेलों के विस्तार के साथ-साथ देश की आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति में भी परिवर्तन होने लगा । अतः शनैः-शनैः रेलों का विकास बढ़ता गया।रेलों के मुख्य लाभ (advantages)
भारत में रेल का विकास कैसे हुआरेलों के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं।
1) अधिक यात्रियों के लिए लम्बी दूरी की यात्रा तय करने का उत्तम साधन है ।
2)आपातकालीन स्थिति अथवा अकाल पड़ने पर आवश्यक वस्तुयें, खाद्य सामग्री, कपड़े दवाइयाँ कम समय में प्रभावित क्षेत्र में पहुँचायी जा सकती हैं ।
3) कृषि, उद्योग तथा व्यापार के उत्थान में रेलें मुख्य भूमिका निभाती हैं।
4) देश के सभी भागों में आसानी से तथा कम समय में पहुँचा जा सकता है । रेलसेवा दिन रात उपलब्ध रहती है।
5) रेल परिवहन अन्य परिवहनों की तुलना में सुरक्षित, सुविधाजनक, सुखदायक तथा संस्ता होता है।
6) बड़े-बड़े निर्माण कार्यों, जैसे बाँध, विद्युत् गृह, मिल, नहर के लिए भारी तथा बड़ी मात्रा में सामान पहुँचाने के लिए रेलमार्ग अति आवश्यक है ।
7) रेल्वे विभाग में लाखों लोगों को दृश्य तथा अदृश्य रूप में रोजगार मिलता हैं, जिससे देश में बेकारी की समस्या कम होती है।
8) रेलें सरकार की आय का मुख्य स्रोत हैं।
9) देश में कानून व्यवस्था (law and order) बनाये रखने में रेलें बड़ा योगदान देती हैं ।
10) युद्ध काल में सेना तथा सैनिक सामान देश की सीमाओं तक ले जाने में रेलें बहुत उपयोगी सिद्ध होती हैं।
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