भाषा किसे कहते हैं के भेद प्रकार की परिभाषा in हिंदी

भाषा किसे कहते हैं के भेद प्रकार की परिभाषा in हिंदी
हेलो दोस्तो आज के इसके लेख में मैंने आपके लिए हिंदी व्याकरण व हिंदी का मुख्य टॉपिक जो कि भाषा है इससे संबंधित सभी जाकरी लेकर आया हूं। बताऊंगा की इसके भेद कितने होते है।
भाषा किसे कहते हैं के भेद प्रकार की परिभाषा in हिंदी

भाषा किसे कहते हैं की परिभाषा in हिंदी
यह वो साधन हैं, जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचार दूसरों के सामने प्रकट या व्यक्त करता है एवं दूसरों कि भाव या विचार को ग्रहण करता और समझता है, उसे भाषा कहते है।

भाषा की परिभाषा:
भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर एवं पढ़कर अपने मन के भावों एवं विचारों का आदान-प्रदान करता है। 
अन्य शब्दों में: जिसके द्वारा हम अपने भावों को लिखित, कथित रूप से दूसरों को समझा सके एवं दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है।
सिम्पल शब्दों में: सामान्यतः भाषा मनुष्य की सार्थक व्यक्त वाणी को कहते है।

भाषा के प्रकार
भाषा के तीन रूप होते है
1] मौखिक भाषा 
2] लिखित भाषा एवं
3] सांकेतिक भाषा।

1] मौखिक भाषा 
भाषा का वह रूप है, जिसमें एक व्यक्ति बोलकर विचार प्रकट करता है, एवं दूसरा व्यक्ति सुनकर उसे समझता है उसे मौखिक भाषा कहते हैं कि।

जिस ध्वनि का उच्चारण करके अथवा बोलकर हम अपनी बात दुसरो को समझाते है, वो ही मौखिक भाषा है।

1] इसे मनुष्य ने पहले बोलना सीखा। 
2] यह भाषा का प्राचीनतम रूप है। 
3] इस रूप का उपयोग व्यापक स्तर पर होता है।

विद्यालय में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में वक्ताओं ने बोलकर अपने विचार प्रकट किए एवं श्रोताओं ने सुनकर उनका आनंद उठाया। यह भाषा का मौखिक रूप है। इसमें वक्ता बोलकर अपनी बात कहता है एवं श्रोता सुनकर उसकी बात समझता है।

भाषण, वार्तालाप, नाटक, रेडियो, टेलीफ़ोन, दूरदर्शन आदि में इसका उपयोग होता है।


2]लिखित भाषा
जिसमें एक व्यक्ति अपने विचार अथवा मन के भाव लिखकर प्रकट करता है, इसी दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है, उसे लिखित भाषा कहते हैं।

जिन अक्षरों अथवा चिन्हों की सहायता से हम अपने मन के विचारो को लिखकर प्रकट करते है, वो ही लिखित भाषा है।
पत्र, पत्रिका, समाचार-पत्र, कहानी, जीवनी, लेख, संस्मरण इसके उदाहरण है।

3] सांकेतिक भाषा 
जिन संकेतो के द्वारा बच्चे अथवा गूँगे अपनी बात दूसरों को समझाते है, इसे सांकेतिक भाषा कहते हैं।
जिसमे संकेतों या इशारों द्वारा बात समझाई एवं समझी जाती है, उस को सांकेतिक भाषा कहते हैं।

•भाषा किसे कहते हैं के भेद प्रकार की परिभाषा
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