शून्य (Zero) या (0) की खोज किसने कि थी?

शून्य (Zero) या (0) की आविष्कार किसने किया था?
आप को बता दे कि विश्व में पहली बार जीरो का इस्तेमाल भारत देश के अंदर ही शुरू किया गया था। आज इसी महान खोज ने गणित और विज्ञान को इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। लेकिन कुछ लोगों को यह पता ही नहीं रहता है कि 0 की खोज किसने और कब की तो हम आपको बता दे की इसका उत्तर है "आर्यभट्ट ने"। 
शून्य (Zero) या (0) का आविष्कार किसने किया था?
भारत के महान गणितज्ञ एवं खगोलविद आचार्य आर्यभट्ट ने ही सबसे पहले जीरो (0) को 5वीं सदी में एक संख्या के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया था। आज के समय में पूरा विश्व इस बात पर राजी है कि "विश्व को शून्य की अनुपम देन भारत की ही है"।
"शून्य अपने आप में शून्य जरूर हैं लेखिन यह जिसके साथ भी होता है, उसकी कीमत बड़ा देता हैं।"

आर्यभट्ट ने अपनी पुस्तक आर्यभटीय में लिखा है:—

"एक (1), दश (10), शत (100), सहस्र (1000), अयुत (10000), नियुत (100000), प्रयुत (1000000), कोटि (10000000), अर्बुद (100000000), स्थानों में प्रत्येक संख्या अपनी पिछली संख्या से दस गुणा है।"

           जो कि यह सिद्ध करता है कि "आर्यभट्ट शून्य युक्त दाशमिक स्थानीय मानों से परिचित थे।"
             दुनिया के अनेक गणितज्ञों ने भी स्वीकारा है कि मनुष्य द्वारा किये गये आविष्कार में वर्णमाला के आविष्कार के बाद यह आविष्कार सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। जो कि भारत में ही हुआ हैं।
शून्य (Zero) या (0) का आविष्कार या खोज किसने किया यह लेख के अंदर आपको अच्छे से समझ आ गया होगा । अब आपकी बरी हैं की आप इस लेख को अपने दोस्तों तक पहुंचाए।