पर्यावरण (Environment) क्या हैं/paryavaran kya hai

पर्यावरण (Environment) क्या हैं - paryavaran kya hai

पर्यावरण (Environment) क्या हैं - paryavaran kya hai
पर्यावरण ( Environment) शब्द का दो शब्दों से मिल कर निर्माण हुआ है। 1) "परि" जो हमारे चारों ओर है। 2)"आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत इकाई है, जो कि किसी जीवधारी या पारितंत्रीय आवादी के ऊपर प्रभाव डालती हैं। तथा उनके रूप, जीवन तथा जीविता को तय करते हैं। paryavaran kya hai
साधारण अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक तथा अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं तथा घटनाओं के समुच्चय से निर्मित इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है तथा हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है। तथा हम मनुष्य अपनी सभी क्रियाओं से इस पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं। इस प्रकार एक जीवधारी एवं उसके पर्यावरण के मध्य अन्योन्याश्रय संबंध भी होता है।
पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधे आ जाते हैं और इसके साथ ही उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएँ और प्रक्रियाएँ भी। अजैविक संघटकों में जीवनरहित तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएँ आती हैं, जैसे: चट्टानें, पर्वत, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि।


पर्यावरण के बारे में पूरी जानकारी

1)सामान्यतः पर्यावरण को मनुष्य के संदर्भ में परिभाषित किया जाता है।
2) मनुष्य को एक अलग इकाई और उसके चारों ओर व्याप्त अन्य समस्त चीजों को उसका पर्यावरण घोषित कर दिया जाता है।
3) यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि अभी भी इस धरती पर बहुत सी मानव सभ्यताएँ हैं।

4) जो अपने को पर्यावरण से अलग नहीं मानतीं और उनकी नज़र में समस्त प्रकृति एक ही इकाई है।
5)जिसका मनुष्य भी एक हिस्सा है। सामान्यतः मनुष्य को पर्यावरण से अलग मानने वाले वे हैं।

6) जो तकनीकी रूप से विकसित हैं और विज्ञान एवं तकनीक के व्यापक प्रयोग से अपनी प्राकृतिक दशाओं में काफ़ी बदलाव लाने में समर्थ हैं।
7)मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो प्रखण्डों में विभाजित किया जाता है - प्राकृतिक अथवा नैसर्गिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण। paryavaran kya hai
8)हालाँकि पूर्ण रूप से प्राकृतिक पर्यावरण (जिसमें मानव हस्तक्षेप बिल्कुल न हुआ हो) या पूर्ण रूपेण मानव निर्मित पर्यावरण (जिसमें सब कुछ मनुष्य निर्मित हो), कहीं नहीं पाए जाते।

8) यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं एवं दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता तथा न्यूनता का द्योतक मात्र है
9) पारिस्थितिकी और पर्यावरण भूगोल में प्राकृतिक पर्यावरण शब्द का प्रयोग  पर्यावास के लिये भी होता है।
10)तकनीकी मानव द्वारा आर्थिक उद्देश्य और जीवन में विलासिता के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रकृति के साथ व्यापक छेड़छाड़ के क्रियाकलापों ने प्राकृतिक पर्यावरण का संतुलन नष्ट किया है, जिससे प्राकृतिक व्यवस्था या प्रणाली के अस्तित्व पर ही संकट उत्पन्न हो गया है। इस तरह की समस्याएँ पर्यावरणीय अवनयन कहलाती हैं।

11)पर्यावरणीय समस्याएँ जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की चर्चा है।
12) मनुष्य वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से अपने द्वारा किये गये परिवर्तनों से नुकसान को कितना कम करने में सक्षम है, आर्थिक और राजनैतिक हितों की टकराव में पर्यावरण पर कितना ध्यान दिया जा रहा है।

13) मनुष्यता अपने पर्यावरण के प्रति कितनी जागरूक है, यह आज के ज्वलंत प्रश्न हैं।

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पिछले के अंदर मैंने जो आपको पर्यावरण (Environment) से संबंधित जानकारी दी है। वह आपको कैसी लगी और पर्यावरण (Environment) से संबंधित आपके पास और भी कोई संबंधित जानकारी हो। तो कृपया हमें नीचे कमेंट अवश्य करके बताएं और साथ ही साथ अपने दोस्तों को साथ इस लेख को कर्क रेखा से संबंधित जानकारी को उनके साथ शेयर करे।

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