भारत का राष्ट्रीय पशु, खेल, गीत, चिन्ह, पक्षी, वृक्ष, फल, ध्वज, गान, दिवस, नदी और लिपि

भारत का राष्ट्रीय 

पशु, खेल, गीत, चिन्ह,  पक्षी, वृक्ष, फल, ध्वज, गान, दिवस, नदी, लिपि - Bharat Ka Rashtriya Pashu, Khel, Geet,  Chinh, Pakshi, Vriksh, Fal
आज के इस लेख में मै आपके लिए भारत का राष्ट्रीय पशु, वृक्ष, फल, ध्वज, गान, दिवस, नदी, लिपि, खेल, गीत, चिन्ह और पक्षी से संबंधित सभी प्रकार की इंफॉर्मेशन हिंदी में लाया हूं। जो कि आपको अच्छी लगेगी और आपको सभी प्रकार की भारत में राष्ट्रीय के बारे में आपके तक इस पोस्ट के माध्यम से पहुंचाई है।
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दोस्त आप यदि आप किसी कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए यह लेख बहुत ही मददगार साबित होगा जो कि आपके लिए बहुत ही सूचना प्रद रहेगा।भारत के सभी राष्ट्रीय प्रतीकों चिन्नावो सभी प्रकार के राष्ट्रीय को मैंने नीचे लिस्ट बार दिया गया है।
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय प्रतीक
  1. भारत का राष्ट्रीय ध्वज  :- तिरंगा
  2. भारत का राष्ट्रीय चिन्ह्  :- अशोक स्तम्भ
  3. भारत का राष्ट्रीय गान  :- जन गण मन
  4. भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार :- भारत रत्न
  5. भारत का राष्ट्रगीत :- वन्दे मातरम्
  6. भारत का राष्ट्रीय पशु :- बाघ
  7. भारत का राष्ट्रीय फूल :- कमल
  8. भारत की राजभाषा :- हिन्दी
  9. भारत का राष्ट्रीय फल :- आम
  10. भारत का राष्ट्रीय पक्षी :- मोर
  11. भारत का राष्ट्रीय खेल :- हॉकी
  12. भारत का राष्ट्रीय जलचर :- डॉलफिन
  13. भारत का राष्ट्रीय वृक्ष :- वट वृक्ष या बरगद का पेड़
  14. राष्ट्रीय कैलेंडर :- साका कैलेंडर
  15. भारत की राष्ट्रीय मुद्रा :-  रुपया
  16. भारत की राष्ट्रीय नदी :- गंगा
  17. भारत के राष्ट्रीयपिता :- महात्मा गांधी
  18. भारत का राष्ट्रीय दिवस :- स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती और गणतंत्र दिवस
  19. भारत की राष्ट्रीय लिपि या आधिकारिक लिपि :- देवनागरी

1) भारत का राष्ट्रीय ध्वज :- तिरंगा

भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज प्रकार की पत्तियों से बना हैं जिनमें गहरा केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद बीच में और हरा रंग सबसे नीचे स्थित है। ध्वज की लंबाई एवं चौड़ाई का अनुपात क्रमशः 3:2 है। सफेद पट्टी के बीच में एक नीले रंग का चक्र है।जिसमें 24 तीलियाँ बनी होती हैं। तिरंगे में यह चक्र सारनाथ में स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है।

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की श्री पिंगली वेंकैया जी ने डिजाइन किया था।

22 जुलाई, 1947 को भारतीय संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को अपनाया था।

भारतीय ध्वज तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग त्याग और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग सत्य, शांति और पवित्रता का प्रतीक है। और सबसे नीचे हर रंग देश की सम्रद्धि, देश के शुभ, विकास और उर्वरता का प्रतीक होता है।

2) भारत का राष्ट्रीय चिन्ह् :- अशोक स्तम्भ

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ हैं। यह भारत का राष्ट्रीय चिन्ह् अशोक स्तम्भ मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक द्वारा सारनाथ में बनवाये गए स्तम्भ से लिया गया है।

26 जनवरी 1950 में इसे अंगीकृत किया गया था जब भारत गणराज्य बना। 

अशोक के स्तंभ शिखर पर देवनागरी लिपी में 'सत्यमेव जयते' लिखा है।

सत्यमेव जयते ( सच्चाई एकमात्र जीत ) जो मुनडका उपनिषद (पवित्र हिन्दू वेद का भाग) से लिया गया है।

अशोक में मूल रूप इसमें चार शेर हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है। जिस पर एक हाथी के एक दौड़ता घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं। ये गोलाकार आधार खिले हुए उल्टे लटके कमल के रूप में है।

अशोक स्तंभ के शिखर पर चार शेर खड़े है। जिनका पिछला हिस्सा खंभों से जुड़ा हुआ है। संरचना के सामने इसमें धर्म चक्र भी है।

भारत का प्रतीक शक्ति, हिम्मत, गर्व, और विश्वास को प्रदर्शित करता है।

पहिये के हर एक तरफ पर एक अश्व और बैल बने हुए हैं। इसके उपयोग को नियंत्रित और प्रतिबंधित करने का कार्य राज्य प्रतीक की भारतीय धारा, 2005 के तहत किया जाता है।

घंटी के आकार का कमल छोड़ दिया जाता है। प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है। 

शब्‍द सत्‍यमेव जयते शब्द मुंडकोपनिषद से लिए गए हैं, जिसका अर्थ है केवल सच्‍चाई की विजय होती है।

3) भारत का राष्ट्रीय गान :- जन गण मन

24 जनवरी 1950 में संवैधानिक सभा द्वारा भारत के राष्ट्रगान "जन-गण-मन" को आधिकारिक रुप से अंगीकृत किया गया था।

रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा ये गान लिखा गया था।

जन गण मन पहली बार 27 दिसंबर 1911 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था।

सम्पूर्ण राष्ट्र गान को गाने में लगभग 52 सेकंड का समय लगता है। 

जन गण मन राष्ट्रीयगान लघु संस्करण (पहली और अंतिम पंक्ति) को पूरा करने में केवल 20 सेकेंड का समय लगता है।

भारत का राष्‍ट्र गान अनेक अवसरों पर बजाया या गाया जाता है। 

स्‍वर्गीय कवि रबीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा "जन गण मन" के नाम से प्रख्‍यात शब्‍दों और संगीत की रचना भारत का राष्‍ट्र गान है। 

भारत का राष्ट्रगान इस प्रकार है

जन- गण- मन अधिनायक, जय हे
भारत- भाग्‍य- विधाता,
पंजाब- सिंधु गुजरात-मराठा,
द्रविड़- उत्‍कल बंग,
विन्‍ध्‍य- हिमाचल- यमुना गंगा,
उच्‍छल-जलधि-तरंग,
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे,
गाहे तव जय गाथा,
जन-गण-मंगल दायक जय हे
भारत-भाग्‍य-विधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे।।

4) भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर राष्‍ट्रीय पंचांग

राष्‍ट्रीय कैलेंडर शक संवत पर आधारित है, चैत्र इसका माह होता है। और ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ साथ 22 मार्च 1957 से सामान्‍यत: 365 दिन निम्‍नलिखित सरकारी प्रयोजनों के लिए अपनाया गया।

भारत का राजपत्र,
आकाशवाणी द्वारा समाचार प्रसारण,
भारत सरकार द्वारा जारी कैलेंडर और
लोक सदस्‍यों को संबोधित सरकारी सूचनाएं,

राष्‍ट्रीय कैलेंडर ग्रेगोरियम कैलेंडर की तिथियों से स्‍थायी रूप से मिलती-जुलती है। 

सामान्‍यत: 1 चैत्र 22 मार्च को होता है और लीप वर्ष में 21 मार्च को।

5) भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार - भारत रत्न

ये भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार और सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। भारत रत्न असाधारण कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है। इनमें विज्ञान, कला, साहित्य, खेल और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र सम्मिलित होते हैं। इस पुरस्कार की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी। जो इस पुरस्कार को प्राप्त करता है उसको मैडल दिया जाता है।

6) भारत का राष्ट्रगीत - वन्दे मातरम्


1950 में वास्तविक वन्दे मातरम् के शुरुआत के दो छंद को आधिकारिक रुप से भारत के राष्ट्रगीत के रुप में अंगीकृत किया गया था।

वास्तविक वन्दे मातरम् में छ: छंद है. इसको बंकिमचन्द्र चैटर्जी द्वारा बंगाली और संस्कृत में 1882 में उनके अपने उपन्यास आनन्दमठ् में लिखा गया था।

यह गीत को बंकिमचन्द्र चैटर्जी ने चिनसुरा में लिखा था। 

इसे पहली बार सन 1896 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के राजनीतिक संदर्भ में रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा गाया गया था।

वन्‍दे मातरम गीत बंकिम चन्‍द्र चटर्जी द्वारा संस्‍कृत में रचा गया है; यह स्‍वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। 

इसका स्‍थान जन गण मन के बराबर है। 

इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था। 

24 जनवरी 1950 को इस गीत को मान्यता प्रदान की गयी थी। 

इसका पहला अंतरा इस प्रकार है:

वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥


7) भारत का राष्ट्रीय फूल :- कमल

कमल (निलम्‍बो नूसीपेरा गेर्टन) भारत का राष्‍ट्रीय फूल है। 

यह पवित्र पुष्‍प है और इसका प्राचीन भारत की कला और गाथाओं में विशेष स्‍थान है।

यह अति प्राचीन काल से भारतीय संस्‍कृति का मांगलिक प्रतीक रहा है।

भारत पेड़ पौधों से भरा है। 

वर्तमान में उपलब्‍ध डाटा वनस्‍पति विविधता में इसका विश्‍व में दसवां और एशिया में चौथा स्‍थान है। 

अब तक 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया उसमें से भारत के वनस्‍पति सर्वेक्षण द्वारा 47,000 वनस्‍पति की प्रजातियों का वर्णन किया गया है।

कमल का वैज्ञानिक नाम नील्यूम्बो न्यूसीफेरा है।

इसे भारत के राष्ट्रीय फूल के रुप में अंगीकृत किया गया है।

यह फूल भारत के पारंपरिक मुल्यों और संस्कृतिक गर्व को प्रदर्शित करता है।

ये उर्वरता, ज्ञान, समृद्धि, सम्मान, लंबी आयु, अच्छी किस्मत, दिल और दिमाग की सुंदरता को भी दिखाता है।

इसका प्रयोग देश भर में धार्मिक अनुष्ठानों आदि के लिये भी किया जाता है।

8) भारत का राष्ट्रीय पक्षी - मोर

भारतीय मोर को भारत के राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर अंगीकृत किया गया है। 

ये पक्षी एकता के सजीव रंगों और भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करता है। 

ये सुन्दरता, गर्व और पवित्रता को भी दिखाता है। 

भारतीय वन्यजीव (सुरक्षा) की धारा 1972 के तहत संसदीय आदेश पर सुरक्षा प्रदान की गयी है।

हिन्दू धर्म में इसे भगवान मुरुगा का वाहन माना जाता है। जबकि ईसाईयों के लिये ये पुनर्जागरण का प्रतीक है।

9) भारत का राष्ट्रीय फल - आम

आम का वैज्ञानिक नाम मैनजीफेरा इंडिका है।

इसको सभी फलों में राजा का दर्जा प्राप्त है।

यह भारत के राष्ट्रीय फल के रुप में अंगीकृत किया गया है।

एक गूदे दार फल, जिसे पकाकर खाया जाता है। 

कच्‍चा होने पर इसे अचार आदि में इस्‍तेमाल किया जाता है। 

यह मेग्‍नीफेरा इंडिका का फल अर्थात आम है।

जो उष्‍ण कटिबंधी हिस्‍से का सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण और व्‍यापक रूप से उगाया जाने वाला फल है। 

इसका रसदार फल विटामिन ए, सी तथा डी का एक समृद्ध स्रोत है। 

भारत में विभिन्‍न आकारों, मापों और रंगों के आमों की 100 से अधिक किस्‍में पाई जाती हैं। 

आम को अनंत समय से भारत में उगाया जाता रहा है। 

कवि कालीदास ने इसकी प्रशंसा में गीत लिखे हैं। 

अलेक्‍सेंडर ने इसका स्‍वाद चखा है और साथ ही चीनी धर्म यात्री व्‍हेन सांग ने भी। 

मुगल बादशाह अकबर ने बिहार के दरभंगा में 1,00,000 से अधिक आम के पौधे रोपे थे, जिसे अब लाखी बाग के नाम से जाना जाता है।

10) भारत की राजभाषा :- हिन्दी

हम आपको बटा दें कि भारत की कोई भी राष्ट्रीय भाषा नहीं है। 

हिन्दी एक राजभाषा है यानी जो भाषा राजकाज अर्थात सरकारी कार्य के लिए उपयोग की जाती है। 

भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिन्दी भारत की राजभाषा है। 

राष्ट्रभाषा का भारतीय संविशान में कोई उल्लेख नहीं है।

22 भाषाओँ को आधिकारिक दर्जा दिया गया है।

11) भारत का राष्ट्रीय पशु :- बाघ

भारत के राष्ट्रीय पशु के रुप में बाघ या रॉयल बंगाल टाइगर को अप्रैल 1973 में घोषित किया गया था।

इस बाघ शरीर पर चमकदार पीली पट्टी होती है। ये बड़े आराम से वायुशिफ के जंगलों में दौड़ सकता है और अत्यंत शक्तिशाली, मज़बूती और भारत के गर्व का प्रतीक है। 

बाघों की अधिकतम उम्र लगभग 20 साल होती है। 

तेज फुर्ती और शक्ति के कारण बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु माना गया है।

बाघ जन्तु वैज्ञानिक नाम "पैन्थरा टाईग्रिस" है.

राजसी बाघ तेंदुआ टाइग्रिस धारीदार जानवर है। 

इसकी मोटी पीली लोमचर्म का कोट होता है जिस पर गहरी धारीदार पट्टियां होती हैं।

लावण्‍यता, ताकत, फुर्तीलापन और अपार शक्ति के कारण बाघ को भारत के राष्‍ट्रीय जानवर के रूप में गौरवान्वित किया है। 

ज्ञात आठ किस्‍मों की प्रजाति में से शाही बंगाल टाइगर (बाघ) उत्‍तर पूर्वी क्षेत्रों को छोड़कर देश भर में पाया जाता है और पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है, जैसे नेपाल, भूटान और बांग्‍लादेश। 

भारत में बाघों की घटती जनसंख्‍या की जांच करने के लिए अप्रैल 1973 में प्रोजेक्‍ट टाइगर (बाघ परियोजना) शुरू की गई। 

अब तक इस परियोजना के अधीन 27 बाघ के आरक्षित क्षेत्रों की स्‍थापना की गई है जिनमें 37, 761 वर्ग कि॰मी॰ क्षेत्र शामिल है।


12) भारत का राष्ट्रीय खेल :- हॉकी

हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल तब से माना जाता है। 

जबसे भारत ने ओलिंपिक में हॉकी के खेल में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते थे।

जब हॉकी(इस खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा प्राप्त नही है) के खेल की बात आती है। तो भारत ने हमेशा विजय पाई है। 

हमारे देश के पास आठ ओलम्पिक स्‍वर्ण पदकों का उत्‍कृष्‍ट रिकॉर्ड है। 

भारतीय हॉकी का स्‍वर्णिम युग 1928 - 56 तक था जब भारतीय हॉकी दल ने लगातार 6 ओलम्पिक स्‍वर्ण पदक प्राप्‍त किए। 

भारतीय हॉकी दल ने 1975 में विश्‍व कप जीतने के अलावा दो अन्‍य पदक (रजत और कांस्‍य) भी जीते। 

अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने 1927 में वैश्विक संबद्धता अर्जित की और अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) की सदस्‍यता प्राप्‍त की।

इस प्रकार भारतीय हॉकी संघ के इतिहास की शुरूआत ओलम्पिक में अपनी स्‍वर्ण गाथा आरंभ करने के लिए की गई। 

इस दौरे में भारत ने 21 मैचों में से 18 मैच जीते और प्रख्‍यात खिलाड़ी ध्‍यानचंद सभी की आंखों में बस गए जब भारत के कुल 192 गोलों में से 100 गोल उन्‍होंने अकेले किए। 

यह मैच एमस्‍टर्डम में 1928 में हुआ और भारत लगातार लॉस एंजेलस में 1932 के दौरान तथा बर्लिन में 1936 के दौरान जीतता गया और इस प्रकार उसने ओलम्पिक में स्‍वर्ण पदकों की हैटट्रिक प्राप्‍त की।

स्‍वतंत्रता के बाद भारतीय दल ने एक बार फिर 1948 लंदन ओलम्पिक, 1952 हेलसिंकी गेम तथा मेलबॉर्न ओलम्पिक में स्‍वर्ण पदक जीत कर है‍टट्रिक प्राप्‍त की।

इस स्‍वर्ण युग के दौरान भारत ने 24 ओलम्पिक मैच खेले और सभी 24 मैचों में जीत कर 178 गोल बनाए (प्रति मैच औसतन 7.43 गोल) तथा केवल 7 गोल छोड़े। 

भारत को 1964 टोकियो ओलम्पिक और 1980 मॉस्‍को ओलम्पिक में दो अन्‍य स्‍वर्ण पदक प्राप्‍त हुए।

13) भारत की राष्ट्रीय नदी :- गंगा

गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी और पवित्र नदी है। 

यह 2510 कि.मी. के पहाड़ी, घाटी और मैदानी इलाकों तक फैली हुई है।

प्राचीन समय से ही हिन्दूओं के लिये गंगा नदी का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व रहा है। 

इसके पवित्र जल को कई अवसरों पर इस्तेमाल किया जाता है। 

गंगा की उत्पत्ति, हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर के हिमक्षेत्र में भगीरथी नदी के रुप में हुई है।

गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है।

यह हिमालय के गंगोत्री ग्‍लेशियर में भागीरथी नदी के नाम से बर्फ के पहाड़ों के बीच जन्‍म लेती है। 

इसमें आगे चलकर अन्‍य नदियां जुड़ती हैं, जैसे कि अलकनंदा, यमुना, सोन, गोमती, कोसी और घाघरा। 

गंगा नदी का बेसिन विश्‍व के सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।

यहां सबसे अधिक घनी आबादी निवास करती है। 

यह लगभग 1,000,000 वर्ग किलो मीटर में फैला हिस्‍सा है। 

नदी पर दो बांध बनाए गए हैं - एक हरिद्वार में और दूसरा फरक्‍का में। 

गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉलफिन एक संकटापन्‍न जंतु है, जो विशिष्‍ट रूप से इसी नदी में वास करती है।

गंगा नदी को हिन्‍दु समुदाय में पृथ्‍वी की सबसे अधिक पवित्र नदी माना जाता है। 

मुख्‍य धार्मिक आयोजन नदी के किनारे स्थित शहरों में किए जाते हैं। जैसे वाराणसी, हरिद्वार और  प्रयागराज गंगा नदी बंगलादेश के सुंदर वन द्वीप में गंगा डेल्‍टा पर आकर व्‍यापक हो जाती है।

इसके बाद बंगाल की खाड़ी में मिलकर इसकी यात्रा पूरी होती है।

14) भारत का राष्ट्रीय जलचर - डॉलफिन
गंगा की डॉलफिन को राष्ट्रीय जलचर पशु के रुप में अंगीकृत किया गया है। 

ये पावन गंगा की शुद्धता को प्रदर्शित करती है।

क्योंकि ये केवल साफ और शुद्ध पानी में ही जिंदा रह सकती है। 

इन्हें दुनिया के सबसे पुराने जीवों में से एक माना जाता हैं। 

इनको सुरक्षित करने के लिये अभयारण्य क्षेत्रों संरक्षण कार्य शुरु हो चुका है।

मीठे पानी की डॉलफिन भारत का राष्‍ट्रीय जलीय जीव है। 

यह स्‍तनधारी जंतु पवित्र गंगा की शुद्धता को भी प्रकट करता है, क्‍योंकि यह केवल शुद्ध और मीठे पानी में ही जीवित रह सकता है

प्‍लेटेनिस्‍टा गेंगेटिका नामक यह मछली लंबे नोकदार मुंह वाली होती है। 

इसके ऊपरी तथा निचले जबड़ों में दांत भी दिखाई देते हैं। 

इनकी आंखें लेंस रहित होती हैं और इसलिए ये केवल प्रकाश की दिशा का पता लगाने के साधन के रूप में कार्य करती हैं। 

डॉलफिन मछलियां सबस्‍ट्रेट की दिशा में एक पख के साथ तैरती हैं।

श्रिम्‍प तथा छोटी मछलियों को निगलने के लिए गहराई में जाती हैं। 

डॉलफिन मछलियों का शरीर मोटी त्‍वचा और हल्‍के भूरे-स्‍लेटी त्‍वचा शल्‍कों से ढका होता है।

कभी कभार इसमें गुलाबी रंग की आभा दिखाई देती है। 

इसके पख बड़े और पृष्‍ठ दिशा का पख तिकोना और कम विकसित होता है। 

इस स्‍तनधारी जंतु का माथा होता है जो सीधा खड़ा होता है और इसकी आंखें छोटी छोटी होती है। 

नदी में रहने वाली डॉलफिन मछलियां एकल रचनाएं है। 

मादा मछली नर मछली से बड़ी होती है। 

इन्‍हें स्‍थानीय तौर पर सुसु कहा जाता है क्‍योंकि यह सांस लेते समय ऐसी ही आवाज निकालती है। 

इस प्रजाति को भारत, नेपाल, भूटान और बंगलादेश की गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र नदियों में तथा बंगलादेश की कर्णफूली नदी में देखा जा सकता है।

नदी में पाई जाने वाली डॉलफिन भारत की एक महत्‍वपूर्ण संकटापन्‍न प्रजाति है।

इसलिए इसे वन्‍य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में शामिल किया गया है। 

इस प्रजाति की संख्‍या में गिरावट के मुख्‍य कारण हैं। 

अवैध शिकार और नदी के घटते प्रवाह, भारी तलछट, बेराज के निर्माण के कारण इनके अधिवास में गिरावट आती है।

इस प्रजाति के लिए प्रवास में बाधा पैदा करते हैं।

15) भारत का राष्ट्रीय वृक्ष - वट वृक्ष या बरगद का पेड़

भारतीय बरगद का पेड़ फाइकस बैंगा‍लेंसिस, जिसकी शाखाएं और जड़ें एक बड़े हिस्‍से में एक नए पेड़ के समान लगने लगती हैं। 

जड़ों से और अधिक तने और शाखाएं बनती हैं। 

इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस पेड़ को अनश्‍वर माना जाता है।

यह भारत के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्‍य अंग है। 

आज भी बरगद के पेड़ को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्‍दु माना जाता है। 

गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में बैठक करती है।

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का पेड़ को माना गया है।

इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।

यह एकता और दृढ़ता का प्रतीक है. जिस प्रकार भारत के विभिन्न धर्म व जाति के लोग एक साथ निवास करते हैं।

उसी प्रकार बरगद के पेड़ की शाखाओं पर छोटे या बड़े जन्तु निवास करते हैं। 

इस वृक्ष का हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व है।

16) भारत की राष्ट्रीय मुद्रा -  रुपया

आधिकारिक रुप से भारत के गणराज्य की करेंसी भारतीय रुपया (ISO code: INR) है।

इसके संबंधित मुद्दों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नियंत्रित करता है। 

भारतीय रुपये को “र” देवनागरी व्यंजन और लेटिन अक्षर “R” से चिन्हित किया गया है। 

15 जुलाई 2010 में भारत सरकार द्वारा इसको जारी किया गया था। 

8 जुलाई 2011 को रुपये के चिन्हों के साथ भारत में सिक्कों की शुरुआत हुई थी।

भारतीय रुपए का प्रतीक चिन्ह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान तथा आर्थिक संबलता को परिलक्षित कर रहा है। 

रुपए का चिन्ह भारत के लोकाचार का भी एक रूपक है। 

रुपए का यह नया प्रतीक देवनागरी लिपि के 'र' और रोमन लिपि के अक्षर 'आर (R)' को मिला कर बना है,(₹) जिसमें एक क्षैतिज रेखा भी बनी हुई है। 

यह रेखा हमारे राष्ट्रध्वज तथा बराबर (=) के चिन्ह को प्रतिबिंबित करती है। भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को इस चिन्ह को स्वीकार कर लिया है।

यह चिन्ह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई के पोस्ट ग्रेजुएट डिजाइन श्री डी. उदय कुमार ने बनाया है। 

इस चिन्ह को वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित एक खुली प्रतियोगिता में प्राप्त हजारों डिजायनों में से चुना गया है। 

इस प्रतियोगिता में भारतीय नागरिकों से रुपए के नए चिन्ह के लिए डिजाइन आमंत्रित किए गए थे। 

भारतीय रुपये को एक विशेष प्रतीक मिलने के बाद अब यह अन्य प्रायद्वीपीय मुद्राओं (श्री लंका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया) से अलग एवं विशिष्ट बन चुकी है ।

17) भारत के राष्ट्रीय पिता :- महात्मा गांधी
महात्मा गांधी को भारत का राष्ट्रपिता माना जाता है। 

सबसे पहले 6 जुलाई 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रडियो स्टेशन से सन्देश प्रसारित करते हुये महात्मा गाँधी को 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था। 
30 जनवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद, देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने रेडियो पर भारत के लोगों से कहा कि ' राष्ट्रपिता अब नहीं रहे'। 
तभी से महात्मा गाँधी को भारत का राष्ट्रपिता कहा जाता है।

18) भारत का राष्ट्रीय दिवस - स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती और गणतंत्र दिवस
भारत के राष्ट्रीय दिवस के रुप में स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती और गणतंत्र दिवस को घोषित किया गया है। 
15 अगस्त को हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1947 में भारतीयों को ब्रिटीश शासन से आजादी मिली थी। 
26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान प्राप्त हुआ था इसलिये इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।
हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनायी जाती है क्योंकि इसी दिन गाँधी का जन्म हुआ था।

19) भारत की राष्ट्रीय शपथ
राष्ट्रीय शपथ को तेलगु में प्यिदीमर्री वेंकट सुब्बाराव द्वारा 1962 में लिखा गया था। 

इसे 26 जनवरी 1965 से सभी स्कूलों में निर्धारित रूप से गाये जाने का प्रावधान बनाया गया है।


20) भारत की राष्ट्रीय लिपि या आधिकारिक लिपि :- देवनागरी
अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी गई हिन्दी को आधिकारिक भाषा कहा गया है।
भारत का राष्ट्रीय पशु, खेल, गीत, चिन्ह, पक्षी, वृक्ष, फल, ध्वज, गान, दिवस, नदी, लिपि-Bharat Ka Rashtriya Pashu, Khel, Geet, Chinh, Pakshi, Vriksh, Fal

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