संतोषी माता की आरती । मैं तो आरती उतारँ रे संतोषी माता की । लिखी हुई । लिरिक्स
इस लेख में संतोषी माता की आरती ,मैं तो आरती उतारँ रे संतोषी माता की लिखी हुई लिरिक्स भी लिखी हुई है।
संतोषी माता की आरती प्रारंभ
मैं तो आरती उतारँ रे संतोषी माता की
जय जय संतोषी माता जय जय मां
बड़ी ममता है बड़ा प्यार मां की आँखों में
बड़ी करुणा माया दुलार मां की आँखों में
क्यूं न देखूं बारम्बार मां की आँखों में
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार मां की आँखों में
नृत्य करूं छुम छुम झम झम झम झुम झुम
झांकी निहारू रे ओ प्यारी -२ झांकी निहारू रे
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की
जय जय संतोषी माता जय जय मां
सदा होती है जय जयकार मां के मन्दिर में
नित झांझर की हो झंकार मां के मन्दिर में
सदा मंजीरे करते पुकार मां के मन्दिर में
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार मां के मन्दिर में
दीप धरुं धूप धरु प्रेम सहित भक्ति करू
जीवन सुधारु रे ओ प्यारा-२ जीवन सुधारुं रे
मैं तो आरती उताूँ रे संतोषी माता की...
समाप्त
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