भारत के सभी राज्यों के स्थापना दिवस और वर्ष

भारत के सभी प्रमुख राज्यों के स्थापना दिवस 


दोस्तो आज के इस लेख में मैं आपको भारत के सभी राज्य प्रमुख दिवस कब मनाया जाता है,और इनकी स्थापना किस वर्ष हुई, इस बारे में इस लेख में आपको सभी की एक लिस्ट के द्वारा बताया गया है।क्योंकि इस प्रकार केप्रश्न आज कल कॉम्पिटिशन एग्जाम में बहुत बार पूछे जा रहे हैं।तो आपको यह जानकारी होना बहुत जरूरी है ।


जानिए भारत के सभी प्रमुख राज्यों के स्थापना दिवस की एक लिस्ट के द्वार जानकारी



तारिक                           राज्य दिवस

1 अप्रैल                      उड़ीसा दिवस

14 अप्रैल                    तमिलनाडु दिवस

15 अप्रैल                    हिमाचल प्रदेश दिवस

1 मई                          गुजरात एवं महाराष्ट्र दिवस

16 मई                        सिक्किम दिवस,

1 नवम्बर                     उत्तर प्रदेश,

1 नवम्बर                     पंजाब, हरियाणा, 

1 नवम्बर                      मध्य प्रदेश दिवस

1 नवम्बर                      कर्नाटक,

1 नवम्बर                      केरल,

1 नवम्बर                      आन्ध्र प्रदेश दिवस

1 जनवरी                      नगालैण्ड दिवस

21 जनवरी                    मणिपुर,

21 जनवरी                    मेघालय,

21 जनवरी                    त्रिपुरा दिवस,

20 फरवरी                     मिजोरम,

20 फरवरी                     अरुणाचल प्र०दिवस

11 मार्च                         अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह दिवस

22 मार्च                          बिहार दिवस

19 दिसंबर।                    गोवा दिवस

30 मार्च                          राजस्थान दिवस
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जाने भारत के सभी राज्यो की स्थापना वर्ष


भारतीय राज्य का नाम         स्थापना वर्ष

1. अरुणाचल प्रदेश            20 फरवरी, 1987

2. असम                           26 जनवरी 1950

3. आंध्र प्रदेश                     01 नवंबर 1956

4. उड़ीसा                           01 अप्रैल 1936

5. उत्तर प्रदेश                      26 जनवरी 1950

6. उत्तराखंड                        09 नवंबर 2000

7. कर्नाटक                           01 नवंबर 1956

8. केरल                                01 नवंबर 1956

9. गुजरात                              1 मई 1960

10. गोवा                                30 मई 1987

11. छत्तीसगढ़                         01 नवंबर 2000

12.हिमाचल प्रदेश                  25 जनवरी 1971

13. झारखंड                          15 नवंबर 2000

14. तमिलनाडु                       26 जनवरी 1950

15. तेलंगाना                          02 जून 2014

16. त्रिपुरा                             21 जनवरी 1972

17. नागालैंड                         01 दिसंबर 1963

18. पंजाब                            01 नवंबर 1966

19. पश्चिम बंगाल                   01 नवंबर 1956

20. बिहार                             01 अप्रैल 1912

21. मणिपुर                           21 जनवरी 1972

22. मध्यप्रदेश                        01 नवंबर 1956

23. महाराष्ट्र                          1 मई 1960

24. मिजोरम                          20 फ़रवरी 1987

25. मेघालय                          21 जनवरी 1972

26. राजस्थान                          01 नवंबर 1956

27. सिक्किम                          16 मई 1975

28. हरियाणा                          01 नवंबर 1966
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भारत के प्रमुख शोध संस्थान टॉप अनुसंधान

भारत के प्रमुख शोध संस्थान टॉप अनुसंधान के बारे 


दोस्तों आज की इस लेख में मैं आपको भारत के प्रमुख प्रकार के टॉप लेवल के अनुसंधान के बारे में इस पोस्ट में बताने जा रहा हूं, उनकी लिस्ट मैंने नीचे दी हुई है यह अनुसंधान कंपटीशन एग्जाम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है

 इन अनुसंधान उसे लेकर हर प्रकार की कंपटीशन एग्जाम में 1 या 2 क्वेश्चन आते ही आते हैं। इसलिए सभी अनुसंधान ओं को ध्यान पूर्वक पढ़ना बहुत ही आवश्यक है, तो भारत के यह प्रमुख शोध संस्थानों को आप नीचे की लिस्ट में से ध्यान से पढ़ें।
भारत के प्रमुख शोध संस्थान टॉप अनुसंधान


भारत के प्रमुख शोध संस्थान की लिस्ट



  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान       नई दिल्ली

  • केन्द्रीय वन अनुसंधान संस्थान          देहरादून

  • केन्द्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान       कोयम्बटूर

  • भारतीय लाह अनुसंधान संस्थान      राँची

  • केन्द्रीय तम्बाकू अनुसंधान संस्थान.  राजमुंदरी 

  • केन्द्रीय ईंधन अनुसंधान संस्थान.      जलगोड़ा

  • भारतीय चीनी तकनीकी संस्थान.      कानपुर

  • राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान.        करनाल

  • केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान.       चेन्नई

  • केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान.     लखनऊ

  • भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान.         नई दिल्ली

  • रमण अनुसंधान संस्थान.                  बेंगलुरु 

  • राष्ट्रीय धातु विज्ञान प्रयोगशाला.          जमशेदपुर

  • कपड़ा उद्योग अनुसंधान संस्थान.         अहमदाबाद

  • केन्द्रीय खनन अनुसंधान केन्द्र.             धनबाद

  • भारतीय भू-चुम्बकीय संस्थान.               मुम्बई

  • राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान.                पणजी

  • केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान.         नई दिल्ली

  • भारतीय सर्वेक्षण विभाग.                      देहरादून 

  • भारतीय मौसम वेधशाला.                      पुणे

  • जीवाणु प्रौद्योगिकी संस्थान.                     चंडीगढ़ 

  • प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान.                    गांधीनगर

  • भारतीय खगोल संस्थान.                       बेंगलुरु 

  • राष्ट्रीय प्रतिरोधक विज्ञान संस्थान.             नई दिल्ली 

  • डीजल छोकोमोटिव वक्क्स.                    वाराणसी

  • अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान सं०.            नई दिल्ली 

  • केन्द्रीय वनस्पति अनुसंधान सं०.                लखनऊ

  • भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र.                    ट्रांबे

  • भारतीय पेट्रोलियम संस्थान.                      देहरादून

  • केन्द्रीय ट्रैक्टर संस्थान.                           नई दिल्ली 

  • टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ फंडामेंटल-             मुम्बई

  • इंडियन सिक्योरिटी प्रेस नासिक रोड.            पुणे

  • भारतीय रासायनिक जैविकी सं०.          कोलकाता

  • उच्च अक्षांश अनुसंधान प्रयोगशाला.         गुलमर्ग

  • केन्द्रीय पर्यावरण इंजीनियरींग अनुसंधान संस्थान नागपुर

  • औद्योगिक विष विज्ञान अनुसंधान केन्द्र.     लखनऊ

  • कोशिकीय तथा आण्यिक जीव विज्ञान केन्द्र हैदराबाद

  • भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग.       कोलकाता

  • केन्द्रीय जूट प्रौद्योगिकी  अनुसंधान संस्थान कोलकाता

  • केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान मैसूर

  • केन्द्रीय भवन निर्माण अनुसंधान -.               रूड़की
  • संस्थान

  • केन्द्रीय कांच तथा मृत्तिकाअनुसंधान संस्थान कोलकाता

  • केन्द्रीय विद्युत रासायनिकअनुसंधान संस्थान कराई कुड़ी

  • केन्द्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंगअनुसंधान संस्थान दुर्गापुर

  • केन्द्रीय नमक और समुद्री रसायन.           भावनगर 

  • सेन्टर फॉर डी. एन. ए. फिंगर प्रिंटिंग एण्ड डायग्नोस्टिक्स अनुसंधान संस्थान.          हैदराबाद

  • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण.      नई दिल्ली 

  • राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र.              गुडगाँव

  • राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान.      हैदराबाद 

  • भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड.                 जलाहली

  • केन्द्रीय नारियल अनुसंधान संस्थान काशरगोड 

  • केन्द्रीय चावल अनुसंधान संस्थान.            कटक

  • केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान.              शिमला



हां तो दोस्तों इसमें मैंने बहुत सारे जो टॉप अनुसंधान है, उनके बारे में पूरी लिस्ट आपको दी है, यह आपके लिए बहुत ही मददगार साबित होगी यदि आपको यह अच्छी लगी हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों को भी शेयर करें और नीचे कमेंट अवश्य करें धन्यवाद।

विलयन किसे कहते हैं। इसके प्रकार । विलेय । विलायक (What is a solution? Like this. Solute Solvent)

आज इस लेख में मैं आपको प्रमुख रूप से विलयन के बारे में जानकारी देने जा रहा हूं,इसमें मैं आपको विलेय और विलयन कि भी परिभाषा बताऊंगा,और विलयन के प्रकार भी इसमें शामिल किया गया है
विलयन किसे कहते हैं इसके प्रकार,विलेय और विलायक

विलयन क्या हैं इसके प्रकार 

विलयन की परिभाषा

 दो या दो से अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण है को विलयन कहते हैं। जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय और विलायक की आपेक्षिक मात्राएँ एक निश्चित सीमा तक निरंतर परिवर्तित हो सकती हैं।

किसी विलयन में विलेय के कणों की त्रिज्या 10 सेमी से कम होती है। अतः इन कणों को सूक्ष्मदर्शी द्वारा भी नहीं देखा जा सकता है। [विलयन किसे कहते हैं। इसके प्रकार । विलेय । विलायक What is a solution? Like this. Solute Solvent In hindi]

विलयन स्थायी एवं पारदर्शक होता है।

विलेय और विलायक किसे कहते हैं

विलयन में जो पदार्थ अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होता है उसे विलायक कहते हैं। तथा जो पदार्थ कम मात्रा में उपस्थित रहते हैं,उसे विलेय कहते हैं।

जिस विलायक का हाईइइलेक्टिक नियतांक जितना अधिक होता है, वह उतना ही विलायक माना जाता है। जल का हाइइलेक्ट्रिक नियतांक का मान अधिक होने के इसे सर्वाधिक विलायक कहा जाता है।

विलायक का प्रमुख उपयोग

(1) औषधी के निर्माण में  
(2) निर्जल धुलाई में (पेट्रोलियम बेंजी इथर जैसे विल्ञायकों का) 
(3) इत्र निर्माण में ,
(4) अनेक प्रकार के पेय व खाद्य पदार्थों के
निर्माण में।
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  1. कार्य ऊर्जा और शक्ति 
  2. गुरुतवाकर्षण बल
  3. सदिश राशि और अदिश राशि
  4. चालक, कुचालक और अर्द्धचालक
  5. ससंजन और आसंजन क्या है
  6. Metter किसे कहते हैं
  7. प्रोटीन क्या है इसकी परिभाषा 
  8. वसा किसे कहते हैं इसके प्रमुख प्रकार
  9. कार्बोहाइड्रेट क्या है इसके प्रकार

प्रमुख विलयन के प्रकार 

1. ठोस में ठोस का विलयन-मित्रधातुएँ जैसे- पीतल (तौँबा में जर्ता)
2. ठोस में द्रव का विलयन-यैलियम में पारा का विलयन
3. ठोस में गैस का विलयन-कपूर में वायु का विलयन
4. द्रव में ठोस का विलयन-पारा में लेड का विलयन
5 . द्रव में द्रव का विलयन-जल में अल्कोहल का विलयन
6, दय में गैस का विलयन-जल में कार्बन डाइऑक्साइड का विलयन
7. गैस में ठोस का विलयन-पुओ, वायु में आयोडीन का विलयन
৪. गैस में द्रव का विलयन-कुहरा, बादल, अमोनिया गैस का जल में विलयन
9. गैस में गैस का विलयन-वायु. गैसों का मिश्रण

संतृप्त विलयन

 किसी निश्चित ताप पर बना ऐसा विलयन जिसमें विलेय पदार्थ की अधिकतम मात्रा घुली हुई हो संतृप्त विलयन कहलाता है।

असंतृप्त विलयन  

किसी निश्चित ताप पर बना ऐसा विलयन
जिसमें विलेय पदार्थ की और अधिक मात्रा उस ताप पर घुलाई जा सकती है, असंतृष्त
विलयन कहलाता है।

अतिसतृप्त विलयन 

ऐसा संतृप्त विलयन जिसमें विलेय की मात्रा उस विलयन को संतृषप्त करने के लिए आवश्यक विलेय की मात्रा से अधिक पूली हुई हो वहअतिसंतृप्त विलयन कहलाता है।
विलेयता क्या होता हैं

विलेयता क्या होता हैं

किसी निश्चित ताप और दाब पर 100 ग्राम विलायक में घुलने वाली विलेय की अधिकतम मात्रा को उस विलेय पदार्थ की उस विलायक में विलेयता कहते हैं।

किसी पदार्थ की विलायक में विलेयता विलायक तथा विलेय की प्रकृति पर, ताप एवं दाब पर निर्भर करती है।
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pH स्केल । मान । किसे कहते हैं । pH मान कितना क्या होता हैं

हेलो दोस्तो आज मै आपको इस लेख में pH मान के बारे में पूरी जानकारी बताने जा रहा हूं,इस पोस्ट में आपको pH स्केल क्या है। इसके बारे में  प्रमुख प्रकार के पदार्थो का pH क्या है इसके बारे में बताऊंगा।
यह भी पढ़े:-LPG full form,

इसमें मैंने उन टॉप पदार्थो का मान भी बताया है। अधिकतर परीक्षा में बहुत ज्यादा बार पूछे जा रहे है। इसलिए आपको यह याद अवश्य करना चाहिए।
pH स्केल किसे कहते हैं,टॉप 8 पदार्थो का pH मान
pH स्केल क्या हैं,टॉप पदार्थो का pH मान 
pH स्केल की परिभाषा
किसी विलयन की अम्लीयता या क्षारीयता को व्यक्त करने के लिए pH मापदंड या pH स्केल का प्रयोग किया जाता है।


pH =- log [H+]
अर्थात् किसी विलयन में हाइड्रोजन आयनों के सान्द्रण के लघुगणक व्युक्रम को उस विलयन का pH मान कहते हैं।


pH मान के बारे में तथ्य
1)किसी विलयन का pH मान 7 से कम होने पर वह विलयन अम्लीय होता है।
2) किसी विलियन का pH मान 7 से अधिक होने पर वह विलयन क्षारीय होता है।
3)हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है। 
4)जीवित प्राणी केवल संर्कीण pH परास में ही जीवित रह सकते हैं।
5)वर्षा के जल की pH मान जब 5.6 से कम हो जाती है तो वह अम्लीय वर्षा कहलाती है ।


pH परिवर्तन के कारण दंत क्षय : 
मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारंभ हो जाता है। दाँतों का इनैमल कैल्शियम फॉस्फेट का बना होता है जो शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह जल में नहीं घुलता लेकिन मुँह की pH का मान 5.5 से कम होने पर संक्षारित हो जाता है।
pH स्केल किसे कहते हैं,टॉप 8 पदार्थो का pH मान
कुछ सामान्य पदार्थो का pH मान की लिस्ट

  पदार्थ                      pH मान

  • समुद्री जल                  -8.4

  • रक्त                            -7.4

  • लार                            -6.5

  • दूध                             -6.4

  • मूत्र                             -6

  • शराब                          -2.8

  • सिरका                        -2.4

  • नींबू                            -2.2

टॉप पदार्थो जिनका pH मान कितना होता हैं

  1. जल का pH मान कितना होता है 7
  2. दूध का PH मान कितना होता है 6.4
  3. NaCl का pH मान कितना होता है 7
  4. अम्लीय घोल का pH मान कितना होता है 7 से कम
  5. उदासिन घोल का pH मान-7
  6. शराब का pH मान -2.8
  7. किसी व्यक्ति के रक्त के pH मान में कितना परिवर्तन होने पर मत्यु हो जाती है-0.2
  8. मानव मूत्र का pH मान- 4.8 - 8.4
  9. सिरके का PH कितना होता है 3
  10. मानव रक्त का pH मान 7.4
  11. नीबू के रस का pH मान 2.4
  12. समुद्री जल का pH मान- 8.5
  13. चारेदार पनीर का pH मान - 5.9
  14. मक्खन का pH मान - 6.1 से 6.4
  15. मछली  का pH मान - 6.6 से 6.8
  16. शैम्पू का pH मान - 7.0 से 10
  17. बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट) का pH 8.3
  18. टूथपेस्ट का pH मान - लगभग 9
  19. मैग्नीशिया के दूध का pH मान - 10.5
  20. अमोनिया का pH मान - 11.0
  21. हेयर स्ट्रोकिंग केमिकल्स का pH मान- 11.5 से 14
  22. चुने (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड) का pH मान - 12.4
  23. लाई का pH मान - 13.0
  24. सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH)  का pH  14.0
  25. आँसू का pH मान - 7.4
  26. मानव लार का pH मान - 6.5 - 7.5
  27. हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) का pH मान(pH Value)- 0
  28. बैटरी एसिड (H2SO4) का pH मान (pH Value)- 1.0
  29. सेब, सोडा का pH मान - 3.0
  30. अचार का pH मान - 3.5-3.9
  31. टमाटर का pH मान - 4.5
  32. केले का pH मान - 4.5-5.2
  33. एसिड वर्षा का pH मान - 5.0 के आसपास
  34. रोटी का pH मान - 5.3-5.8
  35. लाल मांस का pH मान - 5.4 से 6.2
  36. इन सभी का ph मान कितना होता हैं।

अन्य लेख भी पढ़े

यदि आपको यह pH मान दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करें ताकि हमें भी ऐसी ही और पोस्ट लिख ने के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हो सके।नीचे और भी लेख है उन्हें भी पढ़े।

26 जनवरी 2020 गणतंत्र दिवस (republic day) wishing script download

26 जनवरी 2020 गणतंत्र दिवस (republic day) wishing script 


Wishing Script
Republic day Wishing script. 2020

Hello dosto aaj me apko is post me
गणतंत्र दिवस Wishing Script 2020 Ki puri file dene ja raha hu. jiske dwara aap apane blog par yah Script ko lagakar apani earning kar sake . Aur aap apne dosto aur apne parivar ke logo to 2020 ki republic day wish bhi kar paye.

Wishing Script dene se pahle ne apko yah batana chahta hu ki aap is Script ko edit bhi kar sakte hai.
Aap ko yah Script drive ke dwara milegi jiski link me apko niche dunga.


Gantantra divas Wishing Script ko blog me kaise lagana hai.


Isko blog me lagane ki puri jankari niche one by one di gayi hai. Step ko follow kare.
1. Sabse pahle apko blog ko open karna hai.
2. New post open karna hai .
3.New post me apko html edit me jana hai.
4. Html me jo bhi likha hua ho use delete kar dena hai .
5.uske jagah ye code past karna hai
6. Link ko bhi change kar sakte hai.
7.Uppar title likhna hai.
8. Ab post ko public kar dena hai yah post apko Wishing Script ban gayi hai.
ise aap jaha chahe jise chahe bhej sakte hai .aur unko 26 January 2020 wish kar sakte hai .
Iski link ke liye yah Click kare 👇👇
Link

टॉप 14 प्रमुख देशों की संसद के नाम

टॉप 14 प्रमुख देशों की संसद को किस नाम से जानते हैं


दोस्तों आज के इस लेख में मैं आपको प्रमुख देशों की संसद जिन को किस नाम से जाना जाता है। उनकी संसद को क्या बोलते हैं। उस बारे में प्रमुख देशों की संसद ओं के नाम में इस लेख में आपको बताने जा रहा हूं।
टॉप 14 प्रमुख देशों की संसद के नाम
 प्रमुख देशों की संसद के नाम

इन संसद से रिलेटेड बहुत सारे फैसले कंपटीशन एग्जाम में आपको पूछे जाते हैं। इसलिए मैंने आज के इस लेख में प्रमुख 14 देशों की सांसदों के नाम इसमें बताए हैं ।जो बहुत महत्वपूर्ण है।



प्रमुख देश और उनकी संसद के नाम


   देश -संसद

1)भारत - संसद

2)भूटान - त्सोंग्डू

3)इजरायल - र्नेसेट

4)जापान - डायट

5)अफगानिस्तान - शोरा

6)नेपाल - राष्ट्रीय पंचायत

7)अमेरिका - कांग्रेस

8)रूस - ड्यूमा

9)पाकिस्तान - नेशनल असेम्बली

10)ब्रिटेन - पार्लियामेन्ट

11)ईरान - मजलिस

12)ताइवान - युआन

13)बांग्लादेश - जातीय संसद

14)चीन - नेशनल पीपुल कांग्रेस



इस लेख में मैंने प्रमुख प्रकार के जो परीक्षा में पूछे जाते हैं उन्हीं के बारे में बताया है। यह संसद अधिकतर एग्जाम में पूछे जाते हैं। इसलिए मैंने इन्हें आपके समक्ष लाने की कोशिश की है। यदि यह आपको अच्छा लगे हो तो कृपया नीचे कमेंट अवश्य करें ,और अपने दोस्तों को भी शेयर करें ,ताकि उन्हें भी यह जानकारी मिल सके धन्यवाद।

प्रमुख टॉप 10 वाद्ययंत्र और उन यंत्रों के वादकों के नाम

प्रमुख टॉप 10 वाद्ययंत्र और उन यंत्रों के वादकों के नाम इस पोस्ट में

इस पोस्ट में मैंने भारत के प्रमुख वाद्य यंत्र और उनके वादकों के नाम इस लेख में मैंने लिखे है । जो कि हर परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न माने जाते है ।
वाद्ययंत्र और उन यंत्रों के वादकों के नाम


प्रमुख वाद्ययंत्र और उनके वादकों की सूची


1)सितार- पं. रविशंकर, विलायत खाँ, निखिल बनजी,शशि मोहन भट्ट,

2)संतूर - शिव कुमार शर्मा, तरुण भट्टाचार्य,

3)तबला - जाकिर हुसैन, अल्ला रक्खा खाँ, गुदई महाराज,

4)वीणा - एस० बालचन्द्रन, गोपाल कृष्ण, रमेश प्रेम,

5)बाँसुरी - हरि प्रसाद चौरसिया, राजेन्द्र कुलकर्णी, पन्ना लाल घोष,

6)सरोद - अगजद अली खाँ, विश्वजीत राम चौधरी,अकबरअली खाँ,

7)शहनाई - बिसमिल्ला खाँ, शैलेश भागवत, जगन्नाथ,

8)वायलिन - डा० एन० राजन, विष्णु गोविन्द जोग,

9)सितार - विश्व मोहन भट्ट, केशव तलंग गाँवकर
सारंगी उस्ताद बिन्दु खाँ।

10)मृदंग - ठाकुर भीकम सिंह, डॉ० जगदीश सिंह।

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यदि आपको यह लेक अच्छा लगा ही तो कृपया कमेंट करके अवश्य बताएं।और अपने दोस्तों को शेयर करें।

भारत के सभी राज्यों के प्रमुख शास्त्रीय एवं लोक नृत्य

भारत के सभी राज्यों के प्रमुख शास्त्रीय एवं लोक नृत्य(Major classical and folk dances of all the states of India in hindi)

दोस्तो आज मै आपको इस लेख में भारत के प्रमुख शास्त्रीय और लोक नृत्य के लिए राज्य बार लिस्ट में आपको देने जा रहा हूं । लेकिन उससे पहले आपको लोक नृत्य के बारे अवश्य जानना चाहिए । 
दोस्तो आज मै आपको इस लेख में भारत के प्रमुख शास्त्रीय और लोक नृत्य के लिए राज्य बार लिस्ट में आपको देने जा रहा हूं । लेकिन उससे पहले आपको लोक नृत्य के बारे अवश्य जानना चाहिए ।

हमारा भारत बहुत सी अलग अलग संस्कृतियों और परंपराओं का देश है। भारत में लोक एवं आदिवासी नृत्य वास्तव में सरल होते हैं । सार्वजनिक आयोजन में इन नृत्यों का दिखाई देना साधारण सी बात है। लोक कला,लोक नृत्य एक समूह या स्थान विशेष के लोगों का के द्वारा किया जाता है।
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भारतीय लोकनृत्यों के अंतर्गत बहुत प्रकार के स्वरूप और ताल हैं। इनमें धर्म, व्यवसाय और जाति के आधार पर बहुत ज्यादा अंतर है। मध्य और पूर्वी भारत की जनजातियाँ (मुरिया, भील, गोंड़, जुआंग और संथाल) सभी अवसरों पर नृत्य करती हैं। 

जीवन चक्र और ऋतुओं के वार्षिक चक्र के लिए अलग-अलग नृत्य हैं। नृत्य, दैनिक जीवन और धार्मिक अनुष्ठानों का अंग है। बदलती जीवन शैलियों के कारण नृत्यों की प्रासंगिकता विशिष्ट अवसरों से भी आगे पहुँच गई है।

भारत की बहुत सारी कॉम्पिटिशन की एग्जाम में बहुत सारे इनसे जुड़े हुए प्रश्न पूछे जाते हैं तो मैंने इसके सभी राज्यो के साथ मुख्य प्रकार के लोक नृत्य इसमें नीचे राज्य बार देने जा रहा हूं।



भारत के विभिन्न राज्य और उनके लोक नृत्य


तमिलनाडु - भरतनाट्यम

केरल - कथकली

उड़ीसा - ओडिसी

आन्ध्र प्रदेश - कुचीपुड़ी

मणिपुर - मणिपुरी

कैरल - मोहिनीअटूटम

असोम - बिहू

कर्नाटक - यक्षगान्

मध्य प्रदेश - पुण्डवानी

उड़ीसा - छाऊ

उत्तर प्रदेश - कजरी, हथेली, रासलीला

जम्मू-कश्मीर - रउफ

गुजरात - डांडिया, गरबा

पंजाब, हरियाणा - भँगड़ा गिद्दा, कीकली

बिहार - सरहुल, करमा, जात्रा

महाराष्ट्र - लावनी, लेजम, तुमाशा
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तो मैंने प्रमुख प्रकार के राज्यो के मुख्य लोक नृत्य इसमें बताया हूं ।यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करें।और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना — भूपर्पटी या भूपटल, भू-प्रावार और क्रोड

पृथ्वी की विशेषताएं आंतरिक संरचना 

दोस्तों आज मैं इसमें पृथ्वी के बारे में जानकारी देने जा रहा हूं, इसमें मैंने पृथ्वी की विशेषताएं और उसकी आंतरिक संरचना के बारे में बताया है।
what is earth, its features and internal structure in hindi
पृथ्वी क्या है, इसकी विशेषताएं और आंतरिक संरचना /what is earth, its features and internal structure in hindi
पृथ्वी के बारे में
पृथ्वी को इंग्लिश में Earth कहा जाता है ।लैटिन में टेरा (Terra) जिसे विश्व भी भर में जाना जाता है।यह सूर्य से तीसरे नम्बर का ग्रह और इस पूरे ब्रम्हांड के सभी ज्ञात ग्रहों में यह मात्र ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन पाया जाता है। यह सौर मंडल में सबसे ज्यादा घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है।



प्रथ्वी की प्रमुख प्रकार की विशेषताएं

1)पृथ्वी न केवल मानव का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों का भी घर है
2)ब्रह्मांड में एकमात्र ग्रह जहाँ जीवन का अस्तित्व पाया जाता है। 
3)पृथ्वी की सतह पर जीवन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ।
4) पृथ्वी की सूर्य से सटीक दूरी के कारण जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशा है।
5)जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल और अन्य अजैवकीय परिस्थितियों को भी बदला है। 6)जीवन की उत्पत्ति से पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है।
7) पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है।
8) जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं।
9) पृथ्वी पर वायुजीवी जीवों के प्रसारण के साथ ओजोन परत का निर्माण हुआ ।
10)पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली परत ओजोन परत है।

हमारी प्रथ्वी की आंतरिक संरचना

हमारी इस पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रकार की प्रमुख परतों में (प्रमुख भागो में) हुई है,
  • भूपर्पटी या भूपटल
  • भू-प्रावार और
  • क्रोड
हमारी प्रथ्वी की आंतरिक संरचना

प्रथ्वी की इस संरचना सभी परतों को विस्तार में जाने

(1)भूपर्पटी या भूपटल, 

भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे ऊपरी  पाई जाने वाली परत है जिसकी औसतम गहराई 24 किलोमीटर तक पाई जाती हैं। और यह गहराई 5 किलोमीटर से 70 किलोमीटर के बीच बदलती रहती है।यह परत समुद्रों के नीचे कम मोटी समुद्री बेसाल्तिक भूपर्पटी के रूप में है। और इसका ज्यादा अधिक विस्तार महाद्वीपों के नीचे ज्यादा गहराई तक पाया जाता है। सर्वाधिक गहराई पर्वतों के नीचे होती है।

भूपर्पटी की रचना में सर्वाधिक मात्रा आक्सीजन की है। यह सिलिका और एल्युमिनियम की बनी है इसलिए एडवर्ड स्वेस ने इसे सियाल नाम दिया था। यह सियाल महाद्वीपीय भूपर्पटी के अवसादी और ग्रेनाइटिक परतों के लिये सही है। कोनार्ड असातत्य के नीचे सीमा (सिलिका+मैग्नीशियम) की परत शुरू हो जाती है। 

भूपर्पटी और मैंटल के बीच की सीमा मोहोरोविकिक असातत्य द्वारा बनती है जिसे मोहो भी कहा जाता है।

ग्रेनाइटिक और बेसाल्टिक परत के मध्य कोनार्ड असातत्य पाया जाता है। ध्यातव्य है कि समुद्री भूपर्पटी केवल बेसाल्ट और गैब्रो जैसी चट्टानों की बनी होती है जबकि अवसादी और ग्रेनाइटिक परतें महाद्वीपीय भागों में पाई जाती हैं।
भूपर्पटी को भी तीन परतों में बाँटा जाता है - 1)अवसादी परत,
2) ग्रेनाइटिक परत,
3)बेसाल्टिक परत।


(2)भू-प्रावार या मैंटल

विश्व मानचित्र पर मोहो की गहराई

मैंटल का विस्तार मोहो से लेकर 2490 किलोमीटर की गहराई पर स्थित Gutenberg असातत्य तक है। मैंटल के इस निचली सीमा पर दाब ~140 GPa पाया जाता है। 

मैंटल में संवहनीय धाराएँ चलती हैं जिनके कारण स्थलमण्डल की प्लेटों में गति होती है।

मैंटल को दो भागों में बाँटा जाता है।
1)ऊपरी मैंटल और
2) निचला मैंटल
इनके बीच की सीमा 810 किलोमीटर पर रेपिटी असातत्य के नाम से जानी जाती है। मैंटल का गाढ़ापन 1021 से 1024 Pa·s के बीच पाया जाता है। जो गहराई पर निर्भर करता है।
 तुलना के लिये ध्यातव्य है कि पानी का गाढ़ापन 10−3 Pa·s और कोलतार (pitch) 107 Pa·s होता है।

(3)क्रोड

सीमा परत के नीचे पृथ्वी की तीसरी तथा अंतिम परत पाई जाती है जो क्रोड कहलाती है। क्रोड में निकल (Ni) तथा लोहा (Fe) की अधिकता होती है। इसलिए इस परत का नाम निफे (NiFe) है।

यह 2890 किमी० गहराई से पृथ्वी की केन्द्र तक है। इसका घनत्व 11-12 तक है तथा औसत घनत्व 13 ग्राम/घन सेमी. है।

क्रोड का भार पृथ्वी के भार का लगभग 1/3 है। यह पृथ्वी का लगभग 16% भाग घेरे हुए है। 

क्रोड दो भागो में बाटा गया है।
1) बाह्य क्रोड तथा 2)आंतरिक क्रोड,

बाह्य क्रोड सतह के नीचे लगभग 2900 से 5150 किलोमीटर तक फैला हुआ है तथा आंतरिक क्रोड लगभग 5150 से 6371 किलोमीटर पृथ्वी के केंद्र तक फैला हुआ है।

बाह्य क्रोड में भूकम्प की द्वातीयक लहरें या S-तरंगे प्रवेश नही कर पति है इससे प्रमाणित होता है कि यह भाग द्रव अवस्था में है।

आंतरिक क्रोड में भूकम्प की P-लहरों की गति कम अर्थात 11•23 किमी0/सेकेण्ड हो जाती है।

बाह्य कोर तरल अवस्था में पाया जाता है क्योंकि यह द्वितीयक भूकंपीय तरंगों (एस-तरंगों) को सोख लेता है। 

आतंरिक क्रोड की खोज 1936 में के. ई. बूलेन ने की थी। यह ठोस अवस्था में माना जाता है। इन दोनों के बीच की सीमा को बूलेन-लेहमैन असातत्य कहा जाता है।

आतंरिक क्रोड मुख्यतः लोहे का बना है जिसमें निकल की भी कुछ मात्रा है। चूँकि बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और इसमें रेडियोधर्मी पदार्थो और विद्युत आवेशित कणों की कुछ मात्रा पाई जाती है।

जब इसके पदार्थ धारा के रूप में आतंरिक ठोस क्रोड का चक्कर लगते हैं तो चुंबकीय क्षेत्र बन जाता है।

पृथ्वी के चुम्बकत्व या भूचुम्बकत्व की यह व्याख्या डाइनेमो सिद्धांत कहलाती है।

इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है।


विभिन्न परीक्षाओं के लिए पृथ्वी की संरचना से संबंधित प्रश्न

1) वाइट ऑफ द अर्थ किसे कहा जाता है :-  मेंटल
2) मेंटल में किन तत्वों की प्रधानता होती है  :- सिलिका और मैग्नीशियम
3) पृथ्वी ग्रह की संरचना में  प्रावार के नीचे रोड में से किससे बना होता है  :- लोहा
4) सर्वप्रथम पृथ्वी को गोलाभअरस्तू ने बताया है।
5) वैज्ञानिक धरातल पर सर्वप्रथम पृथ्वी की गोलाभ आकृति को सिद्ध न्यूटन द्वारा किया गया।
6) सभी ग्रहों का निर्माण 4.6 अरब वर्ष पहले हुआ।
7) आदिपृथ्वी का वायुमंडल उपचारक है।
8) बिग बैंग सिद्धांत के प्रतिपादक जॉर्ज लैमेंटेयेर।
9) पृथ्वी की उत्पत्ति गैसों और कणों से हुई थी( ओटो स्मिथ) ।
विभिन्न परीक्षाओं के लिए पृथ्वी की संरचना से संबंधित प्रश्न
10) आदि पृथ्वी के वायुमंडल में हाइड्रोजन तथा हीलियम गैस की प्रधानता है।
11) पृथ्वी की आयु लगभग 3.9 अरब वर्ष है।
12) जीवन सबसे पहले आदि सागर में 3.8 अरब वर्ष पहले हुआ।
13) भूगर्भिक इतिहास में सबसे लंबी आबादी वाला प्रभाग( इयोन)  है ।
14) पृथ्वी का जीवन सर्वप्रथम आरकियोओजोइक महाकल्प मैं प्रारंभ हुआ।
15) सौरमंडल का जनक निहारिका है।
16) विस्तारित ब्रह्मांड परिकल्पना के प्रतिपादक एडविन हब्बल।
17) पृथ्वी की उत्पत्ति के संबंध में ग्रहाणु परिकल्पना के प्रतिपादक चम्बरलीन और मोल्टन।
18) चरनियन हलचल इस पर्वत निर्माणकारी हलचल के फलस्वरुप अरावली पर्वत का विकास हुआ।
19) येनिडिला एवं आर्थोपोडा संघ का  संयोजक जंतु पेरीपेटस है।
20) सर्वाधिक प्राचीन जीवाश्म की प्राप्ति कैंब्रियन युग की अवसादी चट्टानों से होता है।
21) हिमालय पर्वत की उत्पत्ति कैंब्रियन युग में हुई है।
22) कल्प 1- महाकल्प(Era) ,2- युग(Epoch) ,3- शक या कल्प
23) पृथ्वी की आंतरिक संरचना के संबंध में सर्वाधिक महत्वपूर्ण जानकारी का स्रोत क्या है :- भूकंप विज्ञान
24) सियाल , सीमा और निफे के रूप में भूगर्भ का विभाजन किसके द्वारा किया गया  :-स्वेस द्वारा
25) भूपृष्ठ की किस परत में बेसाल्ट चट्टानों की अधिकता होती है  :- सीमा
26) पृथ्वी के किस भाग में निकेल और लोहा की प्रधानता है :- निफे
27) स्वेस ने पृथ्वी के आंतरिक भागों को तीन भागों में बांटा है उनके विभाजन में हैं :-  सियाल , सीमा और निफे
28) स्थलमंडल का तात्पर्य है  :- पृथ्वी की बाह्य पपड़ी
29) स्थलमंडल की मोटाई भूकंपीय तरंगों के आधार पर कितनी मापी गई है :-  100 किमी
30) पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत के लिए सर्वप्रथम सियाल शब्द का प्रयोग किसने किया  :- स्वेस
31)  पृथ्वी के तीन  परतों में ऊपर से दूसरी परत का नाम क्या है  :- सीमा
32) पृथ्वी के केंद्र में पाया जाने वाला चुंबकीय पदार्थ है :-
निकेल

33)  किस परत को  बेरीस्फीयर कहा जाता है  - पृथ्वी की सबसे आंतरिक परत
34) धरातल से भूगर्भ की ओर जाने पर गहराई के साथ तापमान वृद्धि की दर क्या है  :- 1°c  प्रति 32 मीटर
35) पृथ्वी की आंतरिक संरचना के अनुसार भूगर्भ का विभाजन  " भूपटल  , मेंटल तथा कोर "  में किया गया यह विभाजन किस का है :-  ग्रांट
36) महासागरीय सतह का निर्माण किस प्रकार की चट्टानों से हुआ है  :- बेसाल्ट
37) भूपटल की औसत मोटाई लगभग 33 किमी है
38) मेंटल की गहराई 35 किमी से 29 किमी तक है
39) मोहो असंबद्धता स्थित है  :-  क्रस्ट तथा मेंटल के बीच  
40) भूगर्भ में तापमान वृद्धि का कारण है :-  दबाव एवं रेडियोसक्रिय पदार्थों का विखंडन
41) गहराई में वृद्धि के अनुसार महाद्वीपीय भूपटल के विभिन्न परतों का सही क्रम है :-  परतदार - ग्रेनाइट - बेसाल्ट
42) भूपर्पटी पर पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों की मात्रा का सही अवरोही क्रम है  :-- ऑक्सीजन - सिलिकॉन - एलुमिनियम - लोहा
43) भूपर्पटी में कौन सा तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है :-  एलुमिनियम
44) धरातल से मोहो असंबद्धता की गहराई लगभग है  :- 30 किमी
45) पृथ्वी के आयतन का 82.5% एवं द्रव्यमान का 67.8 भाग मेंटल है
46) इसका घनत्व है 3 से लेकर 5.5 तक है
47) वलन क्रिया किसका परिणाम है :-  पर्वत निर्माणकारी बल
48) मिश्रित धातु , सिलीकेट से बनी धरती की परत कहलाती है :-  सीयल  


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