आज के इस लेख में मैं आपके लिए पलायन वेग (Escape velociti ) क्या है, इस का मान, वेग किस कहते हैं, इस बारे में जानकारी लाया हूं।
पलायन वेग क्या है
पलायन वेग (Escape velociti )किसे कहते है |
जानिए पलायन वेग किसे कहते हैं
पलायन वेग वह न्यूनतम वेग है जिससे किसी पिंड को पृथ्वी की साथ से ऊपर की ओर फेके जाने पर वह गुरुत्वीय भाग से दूर चली जाये ओर पृथ्वी पर बापस लौटकर नही आये पलायन वेग कहलाता है ।पृथ्वी के लिए पलायन वेग का मान 11.2km/s है।
यदि किसी भी पिंड को या किसी पिंड को पलायन वेग से अदिक वेग से ऊपर फेका जाता है। तो वह बापस नही आती है। विभिन्न प्रकार के मानव निर्मित उपग्रह को इस बेग से ज्यादा वेग से उनकी कक्षा मे स्थापित किया जाता है। palayan veg
भौतिकी विज्ञान में किसी वस्तु जैसे की पृथ्वी का पलायन वेग उस वेग को कहते हैं जिसपर यदि कोई दूसरी वस्तु जैसे की कोई रॉकेट पहली वस्तु से रवाना हो तो उसके गुरुत्वाकर्षण की जकड़ से बाहर पहुँच सकती है। यदि दूसरी वस्तु की गति पलायन वेग से कम हो तो वह या तो पहली वस्तु के गुरुत्वाकर्षक क्षेत्र में ही रहती है या फिर वह वापस आकर पहली वस्तु पर गिर जाती है या फिर उसके गुरुत्व क्षेत्र में सीमित रहकर किसी कक्षा में उस की परिक्रमा करने लगती है।
अगर पृथ्वी से चलें तो सूरज के गुरुत्वाकर्षक क्षेत्र से निकलने के लिए पलायन वेग 42.1 कि. मी. प्रति सेकेण्ड है। अगर सूरज की ही सतह से चलें तो पलायन वेग 617.5कि. मी. प्रति सेकेण्ड है। अगर सही स्थान पर सही पलायन वेग से चलें तो सूरज के गुरुत्वाकर्षण की सीमाएँ तोड़कर कोई यान सौर मण्डल से बाहर निकल सकता है।
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भौतिकी विज्ञान में किसी वस्तु जैसे की पृथ्वी का पलायन वेग उस वेग को कहते हैं जिसपर यदि कोई दूसरी वस्तु जैसे की कोई रॉकेट पहली वस्तु से रवाना हो तो उसके गुरुत्वाकर्षण की जकड़ से बाहर पहुँच सकती है। यदि दूसरी वस्तु की गति पलायन वेग से कम हो तो वह या तो पहली वस्तु के गुरुत्वाकर्षक क्षेत्र में ही रहती है या फिर वह वापस आकर पहली वस्तु पर गिर जाती है या फिर उसके गुरुत्व क्षेत्र में सीमित रहकर किसी कक्षा में उस की परिक्रमा करने लगती है।
प्रमुख वस्तुओं का पलायन वेग देखे
पृथ्वी का पलायन वेग 11.2 किलोमीटर प्रति सैकिंड है। इस से अधिक वेग रखने से कोई भी यान हमारा ग्रह छोड़कर सौर मण्डल के दूसरे ग्रहों की ओर जा सकता है। palayan vegअगर पृथ्वी से चलें तो सूरज के गुरुत्वाकर्षक क्षेत्र से निकलने के लिए पलायन वेग 42.1 कि. मी. प्रति सेकेण्ड है। अगर सूरज की ही सतह से चलें तो पलायन वेग 617.5कि. मी. प्रति सेकेण्ड है। अगर सही स्थान पर सही पलायन वेग से चलें तो सूरज के गुरुत्वाकर्षण की सीमाएँ तोड़कर कोई यान सौर मण्डल से बाहर निकल सकता है।
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