कोशिका किसे कहते हैं के भाग प्रकार की खोज किसने की cell in hindi

कोशिका(Cell) किसे कहते हैं ।कोशिका के प्रकार ।कोशिका(cell) के भाग What is a cell?  Main part of cell in hindi koshika

कोशिका किसे कहते हैं कोशिका के मुख्य भाग
कोशिका किसे कहते हैं
आज के इस लेख में मैं आपके लिए कोशिका के बारे में संपूर्ण जानकारी लेकर आया हूं। इसमें मैंने कोशिका को अच्छी तरह से बताया है। इसमें कोशिका किसे कहते हैं और कोशिका  की परिभाषा हैं। को भी अच्छी तरीके से बताया गया है। कोशिका सिद्धांत की मुख्य बातें इस प्रकार है।koshika

कोशिका(cell) किसे कहते हैं ।कोशिका के प्रकार ।कोशिका के भाग koshika kya hai

कोशिका के अध्यन को cytology कहते हैं। कोशिका जीवन की सबसे छोटी कार्यात्मत एवं संरचनात्मक इकाई हैं।koshika ki khoj kisne ki

सबसे छोटी कोशिका जीवाणु mycoplasma gallisepticuma की है।koshika kise kahate hain
यह भी पढ़े:-वसा क्या है

कोशिका की खोज किसने की 

कोशिका शब्द का प्रयोग खोज सबसे पहले अंग्रेजी वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने सन 1665 में किया था।koshika ki khoj kisne ki
1)सबसे बडी कोशिका शुतुरमुर्ग अंडे की होती है।
2)सभी जीव कोशिका की उत्पत्ति एक कोशिका से ही होती है।koushik ganguly
3)सभी जीव का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं से बना होता है।
4)सभी कोशिका का स्वाधीन इकाई है तथा अभी कोशिकाएं मिलकर काम करती है।
5)कोशिका का निर्माण जिस क्रिया से होता है उसे केंद्रक मुख्य अभिकर्ता होता है।koshika kya hai

यह लेख भी पढ़े
  1. धातु किसे कहते हैं 
  2. धातु रासायनिक और भौतिक गुण
  3. प्रोटीन क्या है इसकी परिभाषा 
  4. वसा किसे कहते हैं इसके प्रमुख प्रकार
  5. कार्बोहाइड्रेट क्या है इसके प्रकार

कोशिका दो प्रकार की होती है

1)Procaryotic कोशिका 2)euocaryotic कोशिका
1.Procaryotic कोशिका:-
इस कोशिका में हिस्टोन प्रोटीन नहीं होता है जिस कारण क्रोमैटिन नहीं बन पाता है केवल dna का सूत्र ही गुणसूत्र के रूप में पड़ा रहता है अन्य कोई आवरण इसे घेरे नहीं रखता है अतः केंद्रक नाम को कोई बिकसित कोशिकान्ग इसने नहीं होता । जीवाणु एवं नील हरित शैवाल में ऐसी ही कोशिकाएं मिलती है.
koushik ganguly
2.euocaryotic कोशिका
इन कोशिकाओं में दोहरी झिल्ली के आवरण, केंद्रक आवरण से घिरा सूस्पष्ट केंद्रक पाए जाता है जिसमें dna तथा हिस्टोन प्रोटीन सयुक्त होने से बनी क्रोमैटिन तथा इसके अलावा केंद्र का होती हैkoshika kise kahate hain
जीवद्रव्य(Protoplasm)
जिवद्रव्य का नामकरण पुरकुंजे के द्वारा 1839 ने किया गया
यह एक तरल ,गाडा ,रंग हिन, पारभाषी, लसलसा , पदार्थ  हैं जीव की सारी जैविक क्रिया इसके कारण होती है इसलिए इसे जीवन का भौतिक आधार करते हैं
जीवद्रव्य का लगभग 80% भाग जल होता है
जीव द्रव्य चार तत्वों से मिलकर बना होता है
ऑक्सीजन 76%
कार्बन 10.5%
हाइड्रोजन 10%
नाइट्रोजन 2.5%

जीवद्रव्य दो भागों में बाटा है
1 कोशिका द्रव्य 2 केंद्रक द्रव्य
कोशिका द्रव्य :-यह कोशिका में केंद्रक और कोशिका झिल्ली के बीच में पाया जाता है
केंद्रक द्रव्य:-यह कोशिका में केंद्रक के अंदर रहता है।

कोशिका के प्रमुख भाग (main parts of a cell):-

  • 1.कोशिका भित्तिcellwall
  • 2.कोशिका झिल्लीcell membrane
  • 3.तारकायcentrosome
  • 4अंत:प्रदव्य जालिका 
  • 5.राइबोसोम ribosome
  • 6.Mitochondria
  • 7.गालजिकाय
  • 8.Lysosome
  • 9.लवक
  • 10.रस धानी
  • 11.केंद्रक
Koshika kise kahte hain

कोशिका भित्ति(cellwall)k bhitti
यह केवल पादप कोशिका में पाई जाती है यह सेलुलोज से बना होता है यह कोशिका को निश्चित आकार एवं आकृति बनाए रखने में सहायता होता है
कोशिका झिल्ली( cell membrane)
कोशिक के सभी गया यह एक पतली झिल्ली से घिरे रहते हैं इसे कोशिका झिल्ली कहते हैं यह अत्यंत परगम्य झील्ली होती है इसका मुख्य कार्य कोशिका के अंदर जाने वाले बाहर आने वाले सभी पदार्थों का निर्धारण करना
यह भी जरूर पढ़ें । पदार्थ क्या होते है पदार्थ का वर्गीकरण
तारकाय centrosome
इसकी खोज बोबेरी ने की थी यह केवल जंतु कोशिका में पाया जाता है पादप कोशिका में इस का अभाव रहता है समसूत्री विभाजन में यह ध्रुव का निर्माण करता है
अंत:प्रदव्य जालिका (endoplasmic
यह एक ओर केंद्रक झिल्ली तथा दूसरी और कोशिका कला से संबंध होता है इस जालिका को कुछ भाग ऊपर किनारे छोटे-छोटे कणिका लगे रहते हैं
राइबोसोम ribosome
इसकी खोज राबिंसन एवम् ब्राउन ने 1953 में पादप कोशिका में तथा जी. ई. पैलाडे ने 1955
में जंतु कोशिका में देखा और 1958 में राबर्ट ने  इसका नामकरण किया यह प्रोटीन संश्लेषण के लिए उपयुक्त है इसलिए इसे प्रोटीन की फैक्ट्री (Factory of protein)  भी कहते है।
Mitochondria
इसकी खोज अल्टमेन ने 1886 में की थी।इसका नाम बेंडा ने mitrocondria दिया ।यह कोशिका का श्वसन स्थल है। इसे कोशिका का पावर हाउस भी कहते हैं
गालजिकाय
इसकी खोज इटली के वैज्ञानिक केमिलो गालजी  के द्वारा की गई थी यह शुक्ष्म नलिका के समूह एवं थैलीयो का बना होता है यह कोशिका में यातायात प्रबंधक का कार्य करता है इसे कोशिका का ट्रैफिक पुलिस भी कहते हैं
लाइसोसोम
इसकी खोज डी डूवे नामक वैज्ञानिक ने की थी यह सूक्ष्म, गोल , इकहरी झिल्ली से गिरी हुई थैली होती है इसे कोशिका की आत्महत्या की थैली भी कहते हैं इसे आत्मघाती थेली भी कहा जाता है
यह भी पढ़े:-कार्य उर्जा और शक्ति की पूरी जानकारी
कोशिका से संबंधित प्रश्न

कोशिका से संबंधित कुछ प्रश्न जो आप अवश्य पढ़े

1)एक कोशी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर:- एक जीवो में केवल एक कोशिका होती है उन्हें एक कोशिका जीव कहते हैं।
2)कोशिकाग किसे कहते हैं?
उत्तर:- प्रत्येक कोशिका की विशेषताओं को कोशिकांग कहते हैं। जो एक विशिष्ट काम करता हैं।
3)बहु कोशिका जीव किसे कहते हैं?
उत्तर:-जिन जीवा में अनेक कोशिकाएं समाहित होकर विभिन्न कार्यों को संपन्न करने हेतु विभिन्न अंगों का निर्माण करती है उन्हें बहुकोशिकीय कहते हैं।
4)कोशिका किसे कहते हैं?
उत्तर:-कोशिका अंगों के द्वारा मिलकर बनाए जाने वाली मूलभूत इकाइयों को कोशिका कहते हैं।
5)परासरण किसे कहते हैं?
उत्तर:-जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं।
6)एंडोसाइटोसिस किसे कहते हैं?
उत्तर:-कोशिका झिल्ली के लचीलेपन से एक कोशिका वाले जीवो के द्वारा बाहरी पर्यावरण से अपना भोजन तथा अन्य पदार्थों को प्राप्त करना एंडोसाइटोसिस कहते हैं
7)प्रोकैरियोटिक किसे कहते हैं?
उत्तर:-जीन जीवो की कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली नहीं होती उन्हें प्रोकैरियोटिक कहते हैं
8)झिल्ली जीवात जनन किसे कहते हैं?
उत्तर:-कुछ प्रोटीन तथा वसा कोशिका झिल्ली को बनाने में सहायता करते हैं। जिन्हें झिल्ली जीवात जनन कहते हैं।
9)जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते हैं?
उत्तर:-जब पादप कोशिका में परासरण से पानी की हानि होती है। तो कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकुचित हो जाते हैं, जिसे जीवद्रव्य कुंचन कहते हैं।
10)केंद्रक झिल्ली किसे कहते हैं?
उत्तर:-केंद्र के चारों ओर दोहरी परत का एक स्तर होता है, जिसे केंद्रक झिल्ली कहते हैं
11)यूकैरियोटिक किसे कहते हैं?
उत्तर:-जीन जीवो की कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली होती है, उन्हें यूकैरियोटिक कहते हैं।
12)कार्क क्या है?
उत्तर:-कार्क एक पदार्थ है, जो वृक्ष की छाल से प्राप्त होता है।
13)प्लैज्मा झिल्ली क्या है?
उत्तर:-कोशिका की सबसे बाहरी परत प्लाज्मा झिल्ली है, जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है, यही पदार्थों को अंदर या बाहर आने जाने वाली से रोकती है।
14)पदार्थों की गति की क्या विशिष्टता है?
उत्तर:-पदार्थों की गति उच्च सुंदरता से निम्न सुंदरता की ओर होती है।
15)कोशिका का सबसे पहले पता किसने और कब लगाया था?
उत्तर:-रॉबर्ट हुक ने सन 1665 में,
16)प्रत्येक बहुकोशी जीव किस से बनाता है?
उत्तर:-एक कोशी जीव से,
17)अमीबा की कोशिका की क्या विशिष्टता है?
उत्तर:-वह अपना आकार बदलती रहती है।18)कोशिका सिद्धांत क्या है?
उत्तर:-सभी पौधे तथा जंतु कोशिकाओं से बने हैं, और वह जीवन की मूलभूत इकाई है।
19)कोशिका में केंद्रक किसने और कब खोजा था?
उत्तर:-रॉबर्ट ब्राउन ने सन 1831 में,
20)जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य नाम किसने और कब दिया था?
उत्तर:-जे.ई.पुराकंज ने सन 1839 में
21)अंतद्रव्यी जालिका क्या है?
उत्तर:-यह झिल्ली युक्त नलिकाओं का एक बहुत बड़ा तंत्र है, यह लंबी नलिका का या गोल या आयताकार थैलों की तरह दिखाई देती है, इसकी रचना प्लैज्मा झील्ली जैसी ही होती है.
22)प्लैस्टिड के दो प्रकार कौन से हैं?
उत्तर:-क्रोमोप्लास्टर तथा ल्यूकोप्लास्टर
23)जिस प्लास्टिड में क्लोरोफिल होता है उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:-क्लोरोप्लास्ट
24)राइबोसोम का क्या कार्य है?
उत्तर:-इन पर प्रोटीन संश्लेषित होती है
25)लाइसोसोम किससे बनाया जाता है?
उत्तर:- गॉल्जी उपकरण से,

26)लाइसोसोम का कोशिका में क्या कार्य है?
उत्तर:-कोशिका अंगको के टूटे-फूटे भागों को परिचित कर कोशिका को साफ करना
27)लाइसोसोम क्यों फटता है?
उत्तर:-कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है।
28)कोशिका का बिजलीघर कौन है?
उत्तर:-माइट्रोकांड्रिया
29)प्लैस्टिड किन में होते हैं?
उत्तर:-केवल पादप कोशिकाओ में
30)अमीबा की रसधानी में क्या होता है?
उत्तर:-उपभोग में लाए गए खाद्य पदार्थ


यह लेख भी पढ़े

  1. धातु किसे कहते हैं 
  2. धातु रासायनिक और भौतिक गुण
  3. प्रोटीन क्या है इसकी परिभाषा 
  4. वसा किसे कहते हैं इसके प्रमुख प्रकार
  5. कार्बोहाइड्रेट क्या है इसके प्रकार
31)जंतु और पादप कोशिकाओं में रसधानियां कैसी होती है?
उत्तर:-जंतु कोशिका में छोटी तथा पादप 32)कोशिका में बहुत बड़ी
जीन क्या है?
उत्तर:-DNA के क्रियात्मक खंड को जीन कहते हैं
33)DNA का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:-डी ऑक्सी राइबो-न्यूक्लिक अम्ल
34)माता पिता के गुण संतान में किस रूप में जाते हैं?
उत्तर:-क्रोमोसोम में अनुवांशिक गुण होते हैं जो माता पिता से DNA अणु के रूप में अगली संतान में जाते हैं
35)क्रोमेटिन पदार्थ क्या है?
उत्तर:-क्रोमेटिन पदार्थ धागे की तरह की रचनाओं के जल का पिंड होता है।
36)बैक्टीरिया के केंद्रक की क्या विशेषता है?
उत्तर:-बैक्टीरिया का केंद्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है, क्योंकि इसमें केंद्रक झिल्ली नहीं होती इसमें केवल क्रोमेटिन पदार्थ होता है ऐसे क्षेत्र को केंद्रका्य कार्य कहते हैं।
37)समपरसारी विलियन किसे कहते हैं?
उत्तर:-यदि कोशिका को ऐसे मध्यम विलियन में रखा जाए जिसमें वह जल की सांद्रता कोशिका में स्थिर जल की सांद्रता ठीक बराबर हो तो कोशिका झिल्ली से जल में कोई स्थिति नहीं होगी ऐसे विलियन को समपरसारी विलयन कहते हैं।
38)कोशिकी द्रव्य क्या है?
उत्तर:-प्लैज्मा झिल्ली के अंदर कोशिकाद्रव्य एक तरल पदार्थ है, जिसमे अनेक विशिष्ट कोशिका के घटक होते हैं कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक को मिलाकर जीवद्रव्य बनता है।

39)वायरस में जीवन के गुण सदा क्यों नहीं प्रकट होते?
उत्तर:वायरस में किसी प्रकार की झिल्ली नहीं होती इसलिए उसमें तब तक गुण प्रकट नहीं होते जब तक वह किसी सजीव के शरीर में प्रवेश पा कर बहुगुणा नहीं कर लेता।
40)अल्प प्रसारण दाबी विलयन किसे कहते हैं?
उत्तर:-यह कोशिका को तनु विलयन वाले मध्यक में रखा जाए तो जल परासरण विधि से कोशिका के भीतर चला जाएगा ऐसे बिलियन को अल्प प्रसारण डब्बी बिलियन कहते हैं।
41)अति परासरण दाबी विलियन किसे कहते हैं?
उत्तर:-यदि कोशिका के बाहर वाला बिलियन अंदर के घोल से अधिक सांद्र है तो जल सांद्र द्वारा कोशिका से बाहर आ जाएगा ऐसे विलियन को अति परासरण दाबी विलियन कहते हैं।
42)कोशिका कि किस अवस्था में प्रसारण से जल अवशोषण होता है?
उत्तर:-कोशिका की केवल जीवित अवस्था में
43)प्रसारण में जल के अणु किस आधार पर गति करते हैं?
उत्तर:-परासरण में जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं
44)कोशिका सिद्धांत की खोज किसने की थी?
उत्तर:-एम. स्लीडन (सन 1838) तथा टी.स्वान (सन 1839) ने,
45)पत्ते में छोटे-छोटे हरे कण क्या कहलाते हैं?
उत्तर:-क्लोरोप्लास्ट

यह लेख भी पढ़े
  1. धातु किसे कहते हैं 
  2. धातु रासायनिक और भौतिक गुण
  3. प्रोटीन क्या है इसकी परिभाषा 
  4. वसा किसे कहते हैं इसके प्रमुख प्रकार
  5. कार्बोहाइड्रेट क्या है इसके प्रकार

इस लेख में मैंने जो कोशिका के बारे में और कोशिका की परिभाषा पूरी तरह बताई हैं। जो कि कोशिका के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं । और कोशिका के रिलेटेड महत्वपूर्ण बहुत सारे टॉपिक को जो कि मैंने इसमें सभी को कवर किया हैं । उस और उनको आप उनके ऊपर क्लिक करके भी देख सकते हैं । यदि आलेख आपको अच्छा लगा हो तो कृपया नीचे कमेंट अवश्य करके जाए। और साथ ही साथ अपने दोस्तों को शेयर भी करें और राइट साइड के बैल आइकन को अवश्य दबाएं। ताकि हमारी नहीं पोस्ट की जानकारी आपको तुरंत मिल सके।

भारत की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं एवं राज्य

भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना

आज हम इसमें भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजना के बारे में जानेंगे इसने भारत के प्रमुख नदी परियोजना का विवरण नीचे किया है nadi ghati pariyojana trick
भारत की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं

bahuuddeshiya nadi ghati pariyojana kya hai
भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं निम्न प्रकार है
परियोजना का नाम -नदी का नाम- लाभ लेने वाले राज्य nadi ghati pariyojana trick

  1. भाखड़ा नांगल परियोजना_ सतलज नदी_ पंजाब, हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश, राजस्थान
  2. व्यास परियोजना- व्यास नदी- राजस्थान, पंजाब ,हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश bahuuddeshiya nadi ghati pariyojana kya hai
  3. दामोदर घाटी परियोजना -दामोदर नदी- झारखंड, पश्चिम बंगाल
  4. हीराकुंड बांध परियोजना -महानदी -ओडिशा,
  5. चंबल परियोजना- चंबल नदी -राजस्थान और मध्य प्रदेश
  6. तुंगभद्रा परियोजना -तुंगभद्रा -तेलंगाना तथा कर्नाटक
  7. नागार्जुन सागर परियोजना -कृष्णा नदी -आंध्र प्रदेश ,तेलंगाना
  8. कोशी परियोजना -कोशी नदी -बिहार, नेपाल
  9. काकडापारा परियोजना- ताप्ती नदी -गुजरात
  10. तवा परियोजना -तवा नदी- मध्य प्रदेश
  11. इंदिरा गांधी नहर परियोजना -सतलज नदी- राजस्थान ,पंजाब ,हरियाणा
  12. उकाई परियोजना -ताप्ती नदी -गुजरात
  13. माल प्रभा योजना -माल प्रभा नदी- कर्नाटक
  14. महानदी डेल्टा परियोजना -महानदी -ओडिशा
  15. कुंडा परियोजना- कुंडा नदी- तमिलनाडु
  16. इडुक्की परियोजना -पेरियार नदी -केरल
  17. टिहरी बांध परियोजना -भागीरथ नदी- उत्तराखंड
  18. माताटीला परियोजना -बेतवा नदी -उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश
  19. कोएना परियोजना -कोएना नदी- महाराष्ट्र
बहुउद्दशीय नदी परियोजनाएं

  1. यह भी पढ़े-भारत की प्रमुख विश्व धरोहर
  2. रामगंगा परियोजना- राम गंगा नदी -उत्तर प्रदेश
  3. ऊपरी कृष्णा परियोजना- कृष्णा नदी -कर्नाटक
  4. भीमा परियोजना -पवना नदी- कर्नाटक
  5. भद्रा परियोजना- भद्रा नदी -कर्नाटक
  6. सतलज परियोजना- चिनाब नदी -जम्मू कश्मीर
  7. पनामा परियोजना- पनामा नदी -गुजरात
  8. शारदा परियोजना- शारदा नदी- उत्तर प्रदेश
  9. बरगी परियोजना -बरगी नदी -मध्य प्रदेश
  10. बाणसागर परियोजनाओं-सोन नदी -बिहार मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश
  11. bahuuddeshiya nadi ghati pariyojana kya hai
  12. गंगासागर परियोजना- चंबल नदी -मध्य प्रदेश
  13. राणा सागर परियोजना -चंबल नदी -राजस्थान
  14. नर्मदा सागर परियोजना -नर्मदा नदी- मध्य प्रदेश तथा गुजरात

  15. जवाहर सागर परियोजना -चंबल नदी- राजस्थान,


यह जरूर पढ़े- प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य

दोस्तो इस में भारत की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं  के नाम तथा उनके राज्य के साथ वितरण बताया है यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें ।
धन्यवाद

कार्य, ऊर्जा और शक्ति क्या है। किसे कहते हैं [परिभाषा]

Karya,Urja Our Shakti Kya Hai./कार्य,ऊर्जा और शक्ति क्या है. What Is Work Energy And Power

आज हम कार्य के बारे में पूरी जानकारी तथा शक्ति के बारे में पूरी जानकारी और उर्जा क्या होती है। इसके बारे में इसमें जानेंगे। कार्य क्या होता है
What Is Work Energy And Power
What Is Work Energy And Power


कार्य (work) क्या होता है What is the work:-

किसी वस्तु पर लगाए गए बल तथा बल की दिशा में वस्तु के विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है। इसका si मात्रक जूल है।


कार्य=बल×विस्थापन

ऊर्जा (energy) क्या होती है What is tha Energy:-

किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं।
उर्जा एक अदिश राशि है। इसका si मात्रक जूल है

गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)

किसी वस्तु में उसकी गति के कारण कार्य करने में जो क्षमता आती है। उसे वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं यदि m द्रव्यमान की वस्तु v बेग से चल रही है। तो गतिज ऊर्जा (KE)
 
    KE= ½mv ²
Karya,Urja Our Shakti Kya Hai

स्थितिज ऊर्जा(Potential energy)

जब किसी वस्तु में विशेष स्थिति या विशेष अवस्था के कारण उसमें छमता आ जाती है। तो उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। उदाहरण बांध बनाकर इकट्ठा किया गया पानी की ऊर्जा, घड़ी की चाभी में संचित ऊर्जा
    PE=mgh
m द्रव्यमान, g गुरुत्वीय त्वरण ,h ऊंचाई
है
ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of conservation of Energy):-
उर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न हीं नष्ट की जा सकती है। और जो केवल एक रुप से दूसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है। जब भी उर्जा किसी रूप में लुप्त होती है तब ठीक उतनी ही ऊर्जा अन्य रूपों में प्रकट होती है। अत: विश्व की संपूर्ण उर्जा का  परिणाम स्थिर है। यह ऊर्जा संरक्षण का नियम कहलाता है।

उर्जा रुपांतरित करने वाले कुछ उपकरण नीचे दिए गए हैं
1 डाइनेमो  -यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में
2 मोमबत्ती- रासायनिक उर्जा को प्रकाश एवं उष्मा ऊर्जा में
3 माइक्रोफोन -ध्वनि उर्जा को विद्युत ऊर्जा में
4 लाउडस्पीकर -विद्युत ऊर्जा को ध्वनि उर्जा में
5 सोलर सेल -सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में
6 ट्यूब लाइट- विद्युत ऊर्जा को प्रकाश उर्जा में
7 विद्युत सेल- रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में
8 विद्युत मोटर -विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में
9 सितार यांत्रिक -ऊर्जा को ध्वनि उर्जा में

यह भी पढ़े: प्राचीन भारत का इतिहास
संवेग एवं गतिज ऊर्जा में संबंध
K E =P ²/2m
P संवेग= mv
संवेग को दुगना करने पर गतिज ऊर्जा चार गुनी हो जाएगी।

शक्ति (Power)क्या है What is the Power.:-

कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। यदि किसी व्यक्ति द्वारा W कार्य t समय में किया जाता है। तो उसकी शक्ति W/t होगी
शक्ति का si मात्रक बात है। जिसे वैज्ञानिक जेम्स वाट के सम्मान में रखा गया है
शक्ति=कार्य/समय
शक्ति की एक और मात्रक अश्व शक्ति है। अश्व शक्ति इकाई गेम्स वाट के द्वारा दिया गया
1अश्व शक्ति H .P.= 746W

यह भी पढ़े
इसमें हमने कार्य उर्जा और शक्ति की पूरी जानकारी बताइए यही आपको जानकारी अच्छी लगी तो पोस्ट को अपने दोस्तों में शेयर करें, और कमेंट जरुर करें

प्राचीन भारत का इतिहास(history in hindi of india)। धर्म ग्रंथ । ऐतिहासिक ग्रंथ

प्राचीन भारत का इतिहास । धर्म ग्रंथ । ऐतिहासिक ग्रंथ के बारे में(history in hindi of india)

आज हम इसने प्राचीन भारत के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी देखेंगे जिसमें धर्म ग्रंथ, ऐतिहासिक ग्रंथ, विदेशियों का विवरण,संबंधि पूरी जानकारी हम जानेंगे तो चली शुरू करते हैं प्राचीन भारत prachin bharat का इतिहास
Prachin Bharat Ka Itihas Ki Puri Jankari.history in hindi of india prachin bharat ka itihas
प्राचीन भारत के इतिहास
प्राचीन भारत इतिहास के विषय में जानकारी मुक्ता चार प्रकार से प्राप्त होती है

  • 1) धर्म ग्रंथ prachin bharat ka itihas
  • 2) ऐतिहासिक ग्रंथ
  • 3) विदेशियों का विवरण
  • 4) पुरातत्व संबंधी prachin bharat

1)धर्म ग्रंथ और ऐतिहासिक ग्रंथ

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद
धर्म ग्रंथ और ऐतिहासिक ग्रंथ से मिलकर जानकारी:-
भारत का सबसे पुराना धर्म ग्रंथ वेद है, जिसकी संकलनकर्ता निर्माण करता वेदव्यास को माना जाता है। भारतीय परंपरा वेदो को नित्य और अपौरुषय मानती है। वेद चार है:-ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद तथा अथर्ववेद इन चारों वेद को संहिता कहा जाता है
1)धर्म ग्रंथ और ऐतिहासिक ग्रंथ ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद

ऋग्वेद

रिचाओ के क्रमबद्ध ज्ञान को संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता है। इसमें 10 मंडल 1028 सूक्त एवम् 10462 ऋचाएं है इस वेद की ऋचा को पढ़ने वाले ऋषि को होत्र करते हैं इस बेद के आर्य के राजनीतिक प्रणाली एवं इतिहास के बारे में जानकारी मिली है
विश्वामित्र द्वारा रचित ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देव सावित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है इसके नबी मंडल में देवता सोम का उल्लेख है
इसके 8 से मंडल की हस्तलिखित रिचा को खिल कहा जाता है prachin bharat ka itihas
चतुष्वर्ण्या समाज की कल्पना का आदि ऋग्वेद के दसवें मंडल में वर्णित है जिसके अनुसार चार वर्ण (ब्राम्हण,क्षत्रिय , वैश्य,शूद्र) आदि पुरुष ब्रम्हा के क्रमशः मुख ,भुजा ,जंघा ,चरण से उत्तपन्न हुए हैं
इस वेद में इंद्र के लिए ढाई सौ तथा अग्नि के लिए दो सौ ऋचा की रचना की है 

यजुर्वेद

सरस्व पाठ के लिए मंत्रो और बली के समय अनुपालन के लिए नियमों का संकलन यजुर्वेद कहलाता है इसके पाठकरता को अध्वर्य कहते हैं
यजुर्वेद ने यज्ञ के नियमों एवं विधि विधान का संकलन मिलता है prachin bharat ka itihas in hindi
यह एक ऐसा वेद है जो गद्य एवं पद्य दोनों में है
history in hindi of india

सामवेद

साम का शाब्दिक अर्थ गान है। इस वेद में मुख्यता यज्ञ के अवसर पर गाय जाने वाले रिचा मंत्रों का संकलन मिलता हे इसके पाठकरता को उद्रत्र करते है
इसे भारतीय संगीत का जनक कहां जाता है
नोट :-यजुर्वेद तथा सामवेद मे किसी भी विशिष्ट ऐतिहासिक ता घटना का वर्णन नहीं है

अथर्ववेद

अथर्व ऋषि द्वारा रचित इस वेद मैं कुल 731 मंत्र तथा लगभग 6000 पद्य है इसके मंत्री ऋग्वेद मंत्रों से भी प्राचीनतर है। अथरववेद  कंयाओं के जन्म की निंदा करता है prachin bharat ka itihas in hindi
ऐतिहासिक दृष्टि से अथर्व वेद का महत्व इस बात के है कि इसमें सामान्य मनुष्य के विचारों तथा अंधविश्वास का विवरण मिलता है
अथर्ववेद में परीक्षित को कुरुओ राजा का गया है तथा कुरु देश की समस्ती का अच्छा चित्रण मिलता है।

यदि पोस्ट आपको history in hindi of india अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में शेयर करें और दूसरी पोस्ट को पढ़ने के लिए नेक्स्ट क्लिक करेंऔर हमें कमेंट करे।

Mobile Se Paise Kamane Ke Best Tarike

Mobile Se Paise Kamane Ke Best Tarike


Dosto aaj mobile se paise kamane ke liye bahut sare tarike me aapko batane vala hu jiske dwara aap apane mobile se roj bahut sare vaise kama sakte hai .


To chaliye shuru karte hai mobile se bahut tarike se paise kama sakte hai lekin me aapko bahut hi imported batane ja raha hu

1. Google Adsense se paise kamana

Google adsence se aap bahut sare paise kama sakte hai isake liye aapko apni wapsite banakar uske dwara paise kama sakte hai . Blog banakar bhi aap adsence ke ads ke dwara achhe paise kama sakte hai .
Yah bhi jane :- blog kaise banaye

2. YouTube par video banakar

Dosto YouTube se paise kama sakte hai ispar id banakar video dalkar bahut jyada paise kama sakte hai.
3.ptc wapsite se
Dosto pay to click ki bahut sari wapsite hai jisme ads click karke bahut sare earning kar sakte hai

4. Earning app se

Dosto Google play store par bahut sare earning app hi jisse aap bahut sare paise kama sakte hai .
5.online part time job se
Online part time job se bhi paise kama sakte hai.
Yah bhi jarur pade

Dosto aap in sabhi tarike se paise kama sakte hai our bhi bahut sare tarike hai jisse aap  paise kama sakte hai unke bare me me aapko aagli post me bata dunga .
Thanks
Post ki jankari achhi lage to comments share jarur kare

नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन किसे कहते हैं Nuclear fission । Nuclear fusion Hindi

नाभिकीय विखंडन क्या है नाभिकीय विखंडन किसे कहते हे नाभिकीय संलयन किसे कहते है।(Nuclear fission । Nuclear fusion) इसके बारे में   हम इस पोस्ट में जानेंगे और इन दोनों के मुख्य उदाहरण भी हम इस पोस्ट में देखेंगे तो आइए शुरू करते हैं। हिन्दी
नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन किसे कहते हैं।
नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन किसे कहते हैं

 नाभिकीय विखंडन किसे कहते हैं

वह नाभिकीय क्रिया जिसने एक भारी नाभिक या कोई बड़ा नाभिक दो भागों में टूटता है। इस क्रिया को नाभिकीय विखंडन क्रिया कहते हैं। इस दौरान ऊर्जा उत्पन्न होती हे इसे इसे ना नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं।
सबसे पहले नाभिकीय विखंडन अमेरिकी वैज्ञानिको के द्वारा दिया गया इन्होंने जब यूरेनियम 235 पर न्यूट्रानो की बमबारी की तो पाया कि यूरेनियम के नाभिक दो खंडो में दो भागों में विभाजित हो गया
श्रंखला अभिक्रिया
जो यूरेनियम पर न्यूट्रानो की बमबारी की जाती है तो यूरेनियम नाभिक विखंडन पर बहुत अधिक ऊर्जा और तीन न्युट्रीनो बनते हैं यह बने हुए न्यूटन यूरेनियम के अन्य नाभिक को बीखंडित करते हैं किस प्रकार यूरेनियम नाभीको के विखंडन की श्रंखला बन जाती है इसे श्रंखला अभिक्रिया कहते हैं।

श्रंखला अभिक्रिया दो प्रकार की होती है
1. अनियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया
2.नियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया
  • आपको यह भी पड़ना चाहिए


नाभिकीय विखंडन क्या है नाभिकीय विखंडन किसे कहते हे

1.अनियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया=
इश्किया में तीन नया निकलने वाले न्यूट्रान पर नियंत्रण नहीं रहता जिसके कारण है नाविक के विखंडन की डर 1,3,9,27..... के अनुसार होती है, जिसके परिणाम से उड़ जा अत्यंत तीव्र गति से उत्पन्न होती है तथा बहुत काम समय मैं बहुत अधिक विनाश कर सकती है इस अभी क्या में प्रचंड विनाश प्रचंड विस्पोट हो सकता हे परमाणु बम में यही अभिक्रिया होती है जिसके कारण विस्फोट अधिक होता है
परमाणु बम के बारे में
परमाणु बम को बनाने के लिए यूरेनियम तथा प्लेटिनम का प्रयोग किया जाता है तथा यह नाभिकी विखंडन के सिद्धांत पर कार्य करता है बम का प्रयोग दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सहित राज्य अमेरिका के द्वारा जापान के विरोध किया गया था 6 अगस्त 1945 एवं 9 अगस्त 1945 को प्रसन्न हिरोशिमा एवं नागासाकी परमाणु बम गिराय गए
2.नियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया
यह अभिक्रिया धीरे-धीरे होती है तथा जिसमें प्राप्त उड़जा का उपयोग लाभदायक कार्यों के लिए किया जाता है। परमाणु भट्टी या नाभिकीय रिएक्टर में यह अभिक्रिया अपनी जाती है।
नाभिकीय रिएक्टर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
रिएक्टर में ही धन का रूप में यूरेनियम 235 या यूरेनियम 239का प्रयोग किया जाता है।
रिएक्टर में मंद के रूप में भारी जल या ग्रेफाइट का प्रयोग किया जाता है मंदक रिएक्टर में न्यूट्रान गति को धीमा करता है।

एक्टर में नियंत्रक चढ़ के रूप में कैडमियम धातु या बोरान छड  का उपयोग किए जाता है।

नाभिकीय संलयन

जब दो से अधिक नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं। वह अत्यधिक उर्जा मुक्त होती हे तो इस अभिक्रिया को नाभिकीय संलयन अभिक्रिया करते है।
सूर्य एवं तारों से प्राप्त ऊर्जा उठ जा एवं प्रकाश का स्रोत नाभिकीय संलयन से होता है।
धन्यवाद
नाभिकीय विखंडन क्या है नाभिकीय विखंडन के 
दि में को जानकारी दी गई है और यदिआपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में शेयर करें हमारे अन्य लेख भी पढ़े।

पदार्थ किसे कहते हैं इस का वर्गीकरण in हिंदी

पदार्थ(matter) किसे कहते हैं। पदार्थ का वर्गीकरण

matter meaning in hindi

Matter means — [पदार्थ]
हेलो दोस्तों आप को पदार्थ (matter) के सभी प्रकार कि जानकारी आपको दी जाएगी और आपको बताया जाएगा कि यह किसे कहते हैं? क्या है? को हिंदी में एवं इसका रासायनिक व भौतिक वर्गीकरण के अन्तर्गत आने वाले ठोस, द्रव व गैस,एवं रासायनिक वर्गीकरण के अन्तर्गत आने वाले शुद्ध पदार्थ (तत्व व यौगिक) और मिश्रण (समंगी व विषमांगी) के ऊपर भी टिप्पणी बताया गया हैं। लेख में नीचे मैंने ठोस व शुद्घ पदार्थ को भी बताया हैं।

पदार्थ किसे कहते हैं पदार्थ का वर्गीकरण
पदार्थ किसे कहते हैं पदार्थ का वर्गीकरण

  • पदार्थ के गुण कौन कौन से हैं
  • पदार्थ की विशेषताएं
पदार्थ किसे कहते हैं?
दुनिया की कोई भी वस्तु जो स्थान घेरती है इसका द्रव्यमान होता है और जो अपनी संरचना में परिवर्तन का विरोध करती हे उसे पदार्थ कहते हैं। उदाहरण के लिए जल ,हवा ,बालू आदि। matter meaning in hindi
प्रारंभ में भारतीयों और यूनानी  का आनुमान था कि प्रकृति में सारी वस्तुएं पांच तत्वों से मिलकर बनी है
भारत के महान ऋषि कनाद के अनुसार सभी पदार्थ अत्यंत शुक्ष्म कारण से बने है जिसे परमाणु कहां गया हे।
पदार्थ का वर्गीकरण
पदार्थ का वर्गीकरण दो प्रकार से हैं
1. भौतिक वर्गीकरण
2. रासायनिक वर्गीकरण

1. भौतिक वर्गीकरण:- भौतिक वर्गीकरण तीन प्रकार से किया है।
1. ठोस salid
2.द्रव liquid
3.गैस gas
  • पदार्थ के गुण कौन कौन से हैं
1. ठोस (salid) : पदार्थ की बह भौतिक अवस्था जिसका आकार तथा आयतन दोनों निश्चित हो ठोस कहलाता है।
उदाहरण जैसे लोहे की छड़,लकड़ी की कुर्सी ,बर्फ का टुकड़ा
2.द्रव (liquid) :- पदार्थ की बहुत था जिसका आकार अनिश्चित एवं आयतन निश्चित हो द्रव कहलाता है
उदाहरण जैसे पानी, अल्कोहल ,मिट्टी का तेल आदि
3.गैस gas :-बाजार की बह भौतिक अवस्था जिसमें आकार एवं आयतन दोनों ही अनिश्चित हो गैस कहलाता हे उदाहरण हवा ,ऑक्सीजन पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा एवं पांचवी अवस्था bos ainstain condansetहै ।

नोट :गेसो का कोई पृष्ठ नहीं होता इनका visaran बहुत अधिक होता है। तथा इसे आसानी से समपीड़ित किया जा सकता है। 
ताप एवं दाब में परिवर्तन करने किसी भी पदार्थ की अवस्था को बदला जा सकता है परंतु उसके अपबाद भी है जैसे लकड़ी पत्थर,
जल तीनों अवस्था में रह सकता है
  • पदार्थ की विशेषताएं एवम् गुण

2. रसायनिक वर्गीकरण
a) शुद्ध पदार्थ
1. तत्व 2.यौगिक
b) मिश्रण
1) समांग 2) विषमांग

तत्व (Element):-
वह शुद्ध पदार्थ जिसमें किसी ज्ञात भौतिक एव रासायनिक विधि से न तो दो या दो से अधिक पदार्थों में विभाजित किया जा सकता है और न हीं पदार्थों के योग से बनाया जा सकता है जैसे सोना चांदी ऑक्सीजन
यह प्रकृति ने स्वतंत्र अवस्था में पाया जाता है.
  • कार्बोहाइड्रेट क्या है
योगिक (compound)
वह शुद्ध पदार्थ जो रासायनिक रुप से दो या दो से अधिक तत्वों के एक निश्चित अनुपात में रासायनिक सहयोग से बनाया है योगिक कहलाता है
उदाहरण जल
पदार्थ किसे कहते हैं की अवस्था
पदार्थ किसे कहते हैं

मिश्रण:—
मैं पदार्थ जो दो से अधिक तत्वों या योगिक के किसी भी अनुपात में मिलाने से प्राप्त होता है मिश्रण कहलाता है
समांगी मिश्रण
निश्चित अनुपात में अब लोगों को मिलाने से समान मिश्रण का निर्माण होता है इसके प्रत्येक भाग के गुण धर्म एक समान होते हैं जैसे चीनी या नमक के विलियन
विसमांगी मिश्रण
आनिश्चित अनुपात में अवयव को मिलाने से विशमागी मिश्रण का निर्माण होता हे इसके प्रभाव के गुण एवं उसके संगठन भिन्न-भिन्न न होते हैं जैसे बारुद ,कुहासा

उत्तोलक क्या हैं किसे कहते हैं Lever Means In Hindi

उत्तोलक(lever) क्या है (lever means in hindi)

lever meaning in Hindi (means) - उत्तोलक
उत्तोलक किसे कहते हैं
उत्तोलक "एक सीधी या तेरी दृढ़ छेड़ होती है जो कि निश्चित बिंदुओं के चारों ओर स्वतंत्रता पूर्वक घूम सकती है। अर्थात वह सीधी या टेडी छड़ जो किसी नियत बिन्दु पर स्वतंत्र अवस्था में उसके चारो ओर घूम सके वह उत्तोलक है।"
उत्तोलक क्या है इसके प्रकार
उत्तोलक में तीन बिंदु होते हैं
1. आलम्ब(Fulcrum)
2. आयास(effort) lever means in hindi
3. भार (load)



1. आलम्ब(Fulcrum):-जिस निश्चित बिंदु के चारों ओर कुत्तों लकी छेड़ स्वतंत्रता पूर्वक घूम सकती है उसे आलम्ब(Fulcrum) कहते हैं।

2. आयास(effort):-उत्तोलक को उपयोग में लाने के लिए उस पर जो बल लगाया जाता है उसे आयास कहते है।
3. भार (load):-उत्तोलक के द्वारा जो घर या बोझ उठा जाता है। अथवा रुकावट हटाया जाता है उसे भार कहते हैं।
उत्तोलक के प्रकार
उत्तोलक के प्रकार
उत्तोलक के प्रकार
उत्तोलक तीन प्रकार के होते है :
1. प्रथम श्रेणी का उत्तोलक:-इस प्रकार के उत्तोलक में आलंब F, आयस E तथा भार w के बीच में स्थित होता हैं।
उधारण कैची ,फिलास,किल उखाड़ने की मशीन ,सायकिल का ब्रेक, हैंड पंप आदि lever means in hindi
2.द्वितीय प्रकार के उत्तोलक:-इस प्रकार के उत्तोलक में यांत्रिक लाभ सदैव एक से अधिक होता है उदाहरण सरोता, नीबू निचोड़ने की मशीन ,एक पहिए की कचरा ढेर उठाने के गाड़ी आदि।

3.तृतीय प्रकार का उत्तोलक:- इस प्रकार के यांत्रिक लाभ सदैव एक से कम होता है उदाहरण चिमटा, मनुष्य का हाथ आदि।
इस पोस्ट में उत्तोलक मिंस के बारे में हिंदी में की पूरी जानकारी दी है यदि पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करे और दोस्तो को भी शेयर करें। lever means in hindi
यह भी पढ़ें:

  1. उत्तोलक के सिद्धांत
  2. उत्तोलक की सभी श्रेणी


आप सभी के द्वारा ऎसे उत्तोलक के प्रश्न किया जाते है: FAQs


1)उत्तोलक का सिद्धांत किसने दिया।

Ans: सेराक्यूस के आर्किमिडीज़ (यूनानी: 287 ई.पू. - 212 ई.पू.), एक यूनानी गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी, अभियंता, आविष्कारक और खगोल विज्ञानी रहे थे। हालांकि उनके जीवन के कुछ ही विवरण ज्ञात हैं, उन्हें शास्त्रीय पुरातनता का एक अग्रणी वैज्ञानिक माना जाता है। भौतिक विज्ञान में उन्होनें जलस्थैतिकी, सांख्यिकी तथा उत्तोलक के सिद्धांत की व्याख्या की नीव रखी थी। आर्किमिडीज़ को नवीनीकृत मशीनों को डिजाइन करने का श्रेय दिया जाता है। इनमें सीज इंजन तथा स्क्रू पम्प शामिल हैं। आधुनिक प्रयोगों से आर्किमिडीज़ के इन दावों का परीक्षण किया गया है। कि दर्पणों की एक पंक्ति का उपयोग करते हुए बड़े आक्रमणकारी जहाजों को आग लगाई जा सकती हैं।


2)उत्तोलक के प्रकार उदाहरण सहित।


उत्तर: ऊपर बता दिया है


3)उत्तोलक का सिद्धांत 

उत्तर:"संतुलन की अवस्था में भार तथा भार भुजा का गुणांक, अायास तथा आयास भुजा के गुणांक सामान होते हैं।" यही उत्तोलक का सिद्धांत है।


4)सीढ़ी किस प्रकार का उत्तोलक है।

उत्तर:   ऊपर दिया हैं


5)तृतीय श्रेणी के उत्तोलक का उदाहरण।

उत्तर: ऊपर दिया हैं


6)उत्तोलक के सिद्धांत का सूत्र।

उत्तर: भार x भुजा भार= आयास x आयस भुजा
W x d = E x D


7)कलम किस प्रकार का उत्तोलक है।

उत्तर: 

8)प्रथम प्रकार के उत्तोलक के उदाहरण।

उत्तर: ऊपर दिया हैं


यह भी पढ़ें:

  1. उत्तोलक के सिद्धांत
  2. उत्तोलक की सभी श्रेणी
  3. उत्तोलक की सटीक परिभाषा

न्यूटन का गति के प्रथम । द्वितीय । तृतीय । नियम

न्यूटन का गति नियम-Newton's laws of motion in hindi
भौतिक के पिता न्यूटन ने सन् 1687 में अपनी पुस्तक प्रिंसिपिया में सबसे पहले गति का नियम का प्रतिपादित किया था इसने उन्होंने गति के तीन नियम प्रतिपादित की newton ka niyam
न्यूटन का गति के प्रथम । द्वितीय । तृतीय । नियम
न्यूटन का गति के प्रथम । द्वितीय । तृतीय । नियम 


न्यूटन का प्रथम गति नियम (Newton's first laws of motion in hindi)

इस नियम के अनुसार कोई वस्तु विराम अवस्था में है। तो विराम अवस्था में ही रहेगी और यदि गतिमान अवस्था में है, तो गतिमान की रहेगी जब तक कि उस पर कोई बावल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन न किया जाए।
प्रथम नियम को गिलीलियो का नियम या जड़त्व का नियम भी कहते हैं।
बाह्य बल के अभाव में किसी वस्तु की बिराम अवस्था या गति की अवस्था को बनाए रखने की प्रवृत्ति खोज लगाते हैं।
इस नियम से बल कि परिभाषा मिलती है।
बल की परिभाषा
बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु की प्रारंभिक अवस्था में परिवर्तन करता है। या परिवर्तन करने की चेष्टा करता है यह एक सदिस राशि है। इसका si मात्रक न्यूटन है
जड़त्व के कुछ उदाहरण
1)तेरी भी मोटर यार गाड़ी के अचानक चलने पर उसने बैठा यात्री पीछे की ओर झुक जाता है।
2)चलती हुई मोटर के अचानक रुक जाने से उसने बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं।
3)कमबल को हाथ में लेकर डंडे से पीटने पर धूल के कण झड़ कर गिर जाते हैं।
यह भी पढ़े

न्यूटन का द्वितीय गति नियम (Newton's second law of motion in hindi)

किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर आरोपित बल के समानुपाती होती है। तथा संवेग परिवर्तन बल की दिशा में होता है। और यदि आरोपित बल F, बल की दिशा में उत्पन्न त्वरणa एवं वस्तु का द्रव्यमानm , तो न्यूटन का गति का दूसरा नियम से F=ma अर्थात न्यूटन के दूसरे नियम से बल का व्यंजक प्राप्त होता है।
नोट- प्रथम नियम दूसरे नियम का ही अंग है।
न्यूटन का तृतीय गति नियम

न्यूटन का तृतीय गति नियम (Newton's third law of motion in hindi)

सभी क्रिया के बराबर विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
उदाहरण
1)बंदूक से गोली चलने पर चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का लगता है।
2)नावीक किनारे पर कूदने पर नाको पीछे की ओर झटका लगता है।
3)रॉकेट का ऊपर उड़ना।
यह भी पढ़ें



यह पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो आप अपने दोस्तों में शेयर करें।
धन्यवाद